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Water crisis in Bhilwara: पानी के लिए घंटों अपनी बारी का इंतजार करती महिलाएं, ईटीवी भारत पर छलका दर्द.. - Scarcity of Drinking water in Bhilwara

पानी की किल्लात से पूरा प्रदेश जूझ रहा है. इसी में भीलवाड़ा जिले के कानियां ग्राम पंचायत (Water crisis In Bhilwara) शामिल है, जहां महिलाओं को 1 किमी दूर चलकर जाने के बाद भी पानी भरने के लिए अपनी बारी का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. शुक्रवार को ईटीवी भारत से विषेश बातचीत के दौैरान महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया.

Water crisis In Bhilwara
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में गहराया पेयजल संकट
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Published : May 13, 2022, 8:17 PM IST

भीलवाड़ा. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. जिले की हुरडा (Water crisis In Bhilwara) पंचायत समिति की कानियां ग्राम पंचायत में पानी की इतनी समस्या है कि महिलाओं को रात में भी पानी के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. इन महिलाओं का ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए क्षेत्र में पानी के संकट पर दर्द छलक पड़ा.

महिलाओं ने बताया कि चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि पानी की समस्या के निराकरण को लेकर बड़े-बड़े वादे (Scarcity of Drinking water in Bhilwara) करते हैं, लेकिन मतदान के बाद वो वादा निभाना भूल जाते हैं.बातचीत के दौरान महिलाओं ने बताया कि पानी हीरे-मोती से भी महंगा लग रहा है. कानियां गांव में पानी की आपूर्ती न होने की वजह से बच्चों को बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संकट

नेताओं के चुनाव से पहले झूठे वादे. महिलाओं ने बताया कि इस भीषण गर्मी में उनको सर पर मटका रख कर 1 किमी से ज्यादा दूर पैदल चलना पड़ता है. वहीं कुछ महिलाएं सुबह 4 बजे उठ कर अपनी बारी का इंतेजार करती हैं. चुनाव से पहले विधायक, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और सांसद आते हैं और पानी की समस्या का निराकरण करने का आश्वासन देकर चले जाते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद वो वापस इस तरफ मुड़ कर भी नहीं देखते हैं. कोई भी इस समस्या के निराकरण की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है.

पढ़ें. SPECIAL: पानी को तरस रहे लोग, लीकेज से बर्बाद हो रहा लाखों लीटर पानी

चंबल पेयजल योजना का मिल रहा है लाभ: गांव के युवा राम किशन ने कहा कि पानी की प्रतिवर्ष समस्या रहती है. कानियां ग्राम लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान अजमेर जिले के लिए करता है, लेकिन पंचायत समिति सदस्य ,जिला परिषद सदस्य और संरपच के लिए मतदान भीलवाड़ा जिले में होता है. जिले में दूसरी जगह चंबल पेयजल योजना का लाभ मिलने लगा है, लेकिन कानियां गांव चंबल पेयजल योजना से अब भी वंचित है.

भीलवाड़ा. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. जिले की हुरडा (Water crisis In Bhilwara) पंचायत समिति की कानियां ग्राम पंचायत में पानी की इतनी समस्या है कि महिलाओं को रात में भी पानी के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. इन महिलाओं का ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए क्षेत्र में पानी के संकट पर दर्द छलक पड़ा.

महिलाओं ने बताया कि चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि पानी की समस्या के निराकरण को लेकर बड़े-बड़े वादे (Scarcity of Drinking water in Bhilwara) करते हैं, लेकिन मतदान के बाद वो वादा निभाना भूल जाते हैं.बातचीत के दौरान महिलाओं ने बताया कि पानी हीरे-मोती से भी महंगा लग रहा है. कानियां गांव में पानी की आपूर्ती न होने की वजह से बच्चों को बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संकट

नेताओं के चुनाव से पहले झूठे वादे. महिलाओं ने बताया कि इस भीषण गर्मी में उनको सर पर मटका रख कर 1 किमी से ज्यादा दूर पैदल चलना पड़ता है. वहीं कुछ महिलाएं सुबह 4 बजे उठ कर अपनी बारी का इंतेजार करती हैं. चुनाव से पहले विधायक, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और सांसद आते हैं और पानी की समस्या का निराकरण करने का आश्वासन देकर चले जाते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद वो वापस इस तरफ मुड़ कर भी नहीं देखते हैं. कोई भी इस समस्या के निराकरण की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है.

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चंबल पेयजल योजना का मिल रहा है लाभ: गांव के युवा राम किशन ने कहा कि पानी की प्रतिवर्ष समस्या रहती है. कानियां ग्राम लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान अजमेर जिले के लिए करता है, लेकिन पंचायत समिति सदस्य ,जिला परिषद सदस्य और संरपच के लिए मतदान भीलवाड़ा जिले में होता है. जिले में दूसरी जगह चंबल पेयजल योजना का लाभ मिलने लगा है, लेकिन कानियां गांव चंबल पेयजल योजना से अब भी वंचित है.

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