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भीलवाड़ा : आसमान छू रहे दाम, थाली से गायब होने लगी सब्जियां - bhilwara

भीलवाड़ा जिले में सब्जियों की उपज नहीं होने से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश से हरी सब्जियां आयात कर यहां बेचनी पड़ रही हैं. जिस वजह से मंडी में सब्जियां महंगी हो गईं हैं और आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ चुका है.

रसोई का बिगड़ा बजट ,सब्जियां हुई महंगी
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Published : May 7, 2019, 9:36 AM IST

भीलवाड़ा. प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के कारण सब्जियों का उत्पादन कम हो गया है, जिससे सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालात ये हैं कि आम आदमी की थाली से हरी सब्जी गायब होती नजर आ रही है. सब्जी विक्रेता अब्दुल हमीद के मुताबिक भीषण गर्मी के कारण इस समय सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं, जिससे यहां बिक्री भी कम हो रही है. पहले सब्जियां जब सस्ती थीं तब बिक्री जोरों पर थी, लेकिन जैसे ही सब्जियों के दाम बढ़े बिक्री में कमी आ गई है.

रसोई का बिगड़ा बजट ,सब्जियां हुई महंगी

वहीं वर्तमान में भीलवाड़ा जिले में सब्जियों का उत्पादन नहीं हो रहा है. सबसे ज्यादा ग्वार फली व नींबू के भाव बढ़े हैं. यहां की मंडी में राजस्थान, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र से सब्जी आयात की जा रही है और बेची जा रही है. एक अन्य विक्रेता ने बताया कि इस बार जिले के तालाबों में पानी नहीं होने के कारण तरबूज-खरबूज दूसरी जगह से आयात किए जा रहे हैं, लेकिन दूसरी हरी सब्जियों का उत्पादन नहीं हो रहा है.

भीलवाड़ा. प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के कारण सब्जियों का उत्पादन कम हो गया है, जिससे सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालात ये हैं कि आम आदमी की थाली से हरी सब्जी गायब होती नजर आ रही है. सब्जी विक्रेता अब्दुल हमीद के मुताबिक भीषण गर्मी के कारण इस समय सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं, जिससे यहां बिक्री भी कम हो रही है. पहले सब्जियां जब सस्ती थीं तब बिक्री जोरों पर थी, लेकिन जैसे ही सब्जियों के दाम बढ़े बिक्री में कमी आ गई है.

रसोई का बिगड़ा बजट ,सब्जियां हुई महंगी

वहीं वर्तमान में भीलवाड़ा जिले में सब्जियों का उत्पादन नहीं हो रहा है. सबसे ज्यादा ग्वार फली व नींबू के भाव बढ़े हैं. यहां की मंडी में राजस्थान, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र से सब्जी आयात की जा रही है और बेची जा रही है. एक अन्य विक्रेता ने बताया कि इस बार जिले के तालाबों में पानी नहीं होने के कारण तरबूज-खरबूज दूसरी जगह से आयात किए जा रहे हैं, लेकिन दूसरी हरी सब्जियों का उत्पादन नहीं हो रहा है.

Intro:रसोई का बिगड़ा बजट ,सब्जियां हुई महंगी

आम आदमी की थाली से हरी सब्जी हो रही गायब

भीलवाड़ा - जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे दिन-प्रतिदिन हरी सब्जियों महंगी होती जा रही है जिससे आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ चुका है । पहले घरों में दो सब्जियां बनाई जाती थी लेकिन अब सब्जियां महंगी होने के कारण वर्तमान में एक सब्जी बनाई जाती है । वहीं भीलवाड़ा जिले में सब्जियों की उपज नहीं होने के बाद भी महाराष्ट्र ,गुजरात और मध्य प्रदेश से हरी सब्जीया आयात करके यहा बिकने आ रही है।


Body:प्रदेश में जैसे जैसे गर्मी का तापमान बढ़ता जा रहा है उसी तरह सब्जियों के दाम भी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं । भीषण गर्मी और लू के कारण सब्जियों का उत्पादन कम हो गया है । जिससे सब्जियों के दामो में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिससे आम आदमी की थाली से हरी सब्जी गायब होती नजर आ रही है।

भीलवाड़ा सब्जी मंडी में सब्जी विक्रेता अब्दुल हमीद ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि भीषण गर्मी के कारण इस समय सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। जिससे यहां बिक्री भी कम हो रही है । पहले सब्जियां जब सस्ती थी तब बिक्री जोरों पर थी। लेकिन जैसे ही सब्जियों के दाम बढ़े हैं । बिक्री में कमी आ गई है। वर्तमान में भीलवाड़ा जिले में सब्जियों का उत्पादन नहीं हो रहा है। सबसे ज्यादा गवार फली व नींबू के भाव तेज हैं । इस मंडी में राजस्थान, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र से सब्जी आयात की जा रही है और बेची जा रही है। वहीं एक अन्य विक्रेता ने कहा की इस बार भीलवाड़ा जिले के तालाबों में पानी नहीं होने के कारण तरबूज खरबूज दूसरी जगह से आयात किए जा रहे हैं ।लेकिन दूसरी हरी सब्जियों का उत्पादन नहीं हो रहा है इस बार सब्जियों का उत्पादन नहीं होने का कारण भाव में बढ़ोतरी है । जिससे बिक्री भी कम है। जैसे ही बरसि शुरू होगी और नई सब्जियों की बुवाई होगी तब ही सब्जियों के दाम घट सकते हैं।

हरी सब्जिया। भाव

नीबु। 100 पर किलो मे भाव

भीण्डी। 60/

ग्वार फली। 80

तोरई। 70

टमाटर। 30

केरी। 50

हरा धनिया। 150

करेला। 80

हरी सब्जियों के भाव महंगे होने के कारण आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब होती नजर आ रही है ।वहीं महंगी होने के कारण रसोई का बजट बिगड़ गया है । अब देखना यह होगा कब हरी सब्जियां सस्ती होती है जिससे आम आदमी की थाली में हरी सब्जियां उपलब्ध हो सके और रसोई का बजट का संतुलन बैठ सकें।

सोम दत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट - अब्दुल हमीद
सब्जि विक्रेता
व्यापारी
पीटीसी- सोमदत त्रिपाठी, भीलवाड़ा


Conclusion:
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