चित्तौड़गढ़: जोहर स्मृति संस्थान, सर्व समाज तथा विभिन्न संगठनों द्वारा केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन लाल मेघवाल की मीरा बाई पर कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर जताई. इस मामले में राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मेघवाल को बर्खास्त करने की मांग की गई.
जोहर स्मृति संस्थान के पूर्व कोषाध्यक्ष नरपत सिंह ने बताया कि केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल द्वारा भक्त शिरोमणि मीरा बाई तथा क्षत्रिय समाज की सभ्यता संस्कारों तथा परंपराओं पर अपमानजनक टिप्पणी की गई जो कि उनकी संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है. मंत्री ने एक बयान में कहा कि मीरा बाई के देवर उनसे विवाह करना चाहते थे और फिर झगड़ा प्रारंभ हुआ. कुंवर भोजराज के निधन तथा वैवाहिक जीवन काल के बारे में भी तथ्यहीन बातें कही गई. उनके द्वारा पढ़े इतिहास में मीरा बाई को पति द्वारा तंग किया जाना बताया और कहा कि इन सब तथ्यों को इतिहास में स्थान दिया जाएगा.
नरपत सिंह ने बताया कि क्षत्रिय संस्कारों में भाभी देवर का रिश्ता माता-पुत्र के समान होता है. मंत्री मेघवाल ने कथित रूप से रिश्तों को ही शर्मसार कर दिया है. उन्होंने कहा कि भोजराज ने मीराबाई के कृष्ण प्रेम को स्वीकार किया था तथा उन्होंने कभी मीरा को परेशान नहीं किया. उनकी यह टिप्पणी स्त्री समाज का अपमान है. ज्ञापन में मेघवाल को मंत्री परिषद से बर्खास्त करते हुए उचित कानूनी कार्रवाई करने तथा जनमानस की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगने की मांग की गई.
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अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष कान सिंह सुवावा ने बताया कि संस्थान के संयुक्त मंत्री गजराज सिंह भाटी, कोषाध्यक्ष गोवर्धन सिंह भाटी, पूर्व कोषाध्यक्ष नरपत सिंह भाटी, मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष सहदेव सिंह नारेला, लाल सिंह अमराणा, धनश्री चौहान, सुरेन्द्र सिंह चौथपुरा, राजवीर सिंह सावा, भानुप्रताप सिंह राणावतो का खेड़ा सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे.