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पिता की अर्थी को दो बेटियों ने दिया कंधा तो भर आईं सबकी आंखें - बेटिया ने किया

भीलवाड़ा के आरसी व्यास कॉलोनी में दो बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया. अर्थी को शमशान तक लेकर पहुंची और पिता के चिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज अदा किया.

Daughters done father'slast rites, बेटियों ने किया पिता का अंतिम संस्कार
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Published : Aug 19, 2019, 5:09 PM IST

भीलवाड़ा. शहर के आरसी व्यास कॉलोनी में सोमवार को बेटियों ने पिता के अर्थी को कंधा दिया. आरसी व्यास कालोनी मे निवास करने वाले दिनेश भट्ट के निधन पर उनके बेटे नहीं होने से दोनों बेटियों ने पिता के अर्थी को कंधा दिया और साथ ही मुखाग्नि भी दी.

बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा

दिनेश भट्ट की दो बेटियां दिशी और भव्यता है. उनके पिता की लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया. जिस पर दोनों बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया. शव लेकर मोक्षधाम तक पहुंची और अपने पिता को मुखाग्नि दी.

बेटियों को देख हर किसी की आंखें हुई नम
अपने पिता को घर से मोक्ष धाम तक कंधा देते देख रास्ते में बेटियों को अर्थी का कंधा देखते हुए दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गई.

ये पढ़ें: भीलवाड़ा में अज्ञात वाहन की टक्कर से जरख की मौत

बेटिया आज बेटों से कम नहीं का उदाहरण तो हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है लेकिन अब बेटियां पिता को मुखाग्नि देकर बेटों की तरह कर्तव्यों का पालन भी कर रही है. ऐसे में ये उनके मुंह पर गहरा तमाचा है, जो बेटियों को गर्भ में ही नष्ट कर देते हैं. अब लोगों को सोचने की जरूरत है कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती है.

भीलवाड़ा. शहर के आरसी व्यास कॉलोनी में सोमवार को बेटियों ने पिता के अर्थी को कंधा दिया. आरसी व्यास कालोनी मे निवास करने वाले दिनेश भट्ट के निधन पर उनके बेटे नहीं होने से दोनों बेटियों ने पिता के अर्थी को कंधा दिया और साथ ही मुखाग्नि भी दी.

बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा

दिनेश भट्ट की दो बेटियां दिशी और भव्यता है. उनके पिता की लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया. जिस पर दोनों बेटियों ने बेटे का फर्ज निभाते हुए अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया. शव लेकर मोक्षधाम तक पहुंची और अपने पिता को मुखाग्नि दी.

बेटियों को देख हर किसी की आंखें हुई नम
अपने पिता को घर से मोक्ष धाम तक कंधा देते देख रास्ते में बेटियों को अर्थी का कंधा देखते हुए दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गई.

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बेटिया आज बेटों से कम नहीं का उदाहरण तो हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है लेकिन अब बेटियां पिता को मुखाग्नि देकर बेटों की तरह कर्तव्यों का पालन भी कर रही है. ऐसे में ये उनके मुंह पर गहरा तमाचा है, जो बेटियों को गर्भ में ही नष्ट कर देते हैं. अब लोगों को सोचने की जरूरत है कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती है.

Intro:भीलवाड़ा- बेटियां आज बेटों से कम नहीं होती है इसका उदाहरण शहर के आरसी व्यास कॉलोनी में सोमवार को देखने को मिला। जहां अपनी पिता की मृत्यु के उपरांत उनकी दोनों बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर शमशान तक पहुंचे और पिता को मुखाग्नि देकर बेटों का फर्ज अदा किया।


Body:बेटिया आज बेटों से कम नहीं का उदाहरण तो हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है लेकिन अब बेटियां पिता को मुखाग्नि देकर बेटों की तरह कर्तव्यों का पालन भी कर रही है । ऐसा ही उदाहरण आज भीलवाड़ा शहर के आरसी व्यास कॉलोनी में देखने को मिला । जहां कालोनी मे निवास करने वाले दिनेश भट्ट के निधन पर उनके बेटे नहीं होने के कारण दोनों बेटियों ने अपना धर्म निभाते हुए ना केवल कंधा दिया बल्कि मुखागनिदी।

शहर के आरसी व्यास कॉलोनी में रहने वाले दिनेश भट्ट के दो बेटियां दिशी और भव्यता है उनके पिता की लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया । जिस पर दोनो बेटियो ने बैटा नहीं होने के कारण दिशी व भव्यता ने ही बेटे का फर्ज निभाते हुए अपने पिता की अर्थी को कंधा देते हुए मोक्षधाम तक पहुंचे और अपने पिता को मुखाग्नि दी।

बेटियों को देख हर किसी की आंखें हुई नम- अपने पिता को घर से मोक्ष धाम तक कंधा देते देख रास्ते में बेटियों को अर्थी का कंधा देखते हुए दृश्य देख हर किसी की आंखें नम हो गई।

अब देखना यह होगा कि जहां गर्भकाल में ही बेटियों को नष्ट कर देते हैं उनके चेहरों पर यह बेटियां आज गहरा तमाचा मार रही है अब लोगों को सोचने की जरूरत है कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती है ।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


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