भीलवाड़ा. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में इस बार 4 लाख 41 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल के रूप में मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, ज्वार कपास और मक्का की फसल की बुवाई की गई है. मक्का और कपास की फसल में सिंचाई आवश्यक होती है. किसानों के खलियानो में विद्युत ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं, जहां आए दिन इन ट्रांसफार्मरों से तेल चोरी हो जाने के बाद यह ट्रांसफार्मर खराब हो जाते हैं, लेकिन विद्युत विभाग द्वारा इनको समय पर नहीं बदला जा रहा है. जिससे किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
ट्रांसफार्मर से तेल चोरी हो जाने के बाद बिजली विभाग को संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवानी होती है, जबकि विद्युत विभाग पल्ला झाड़ते हुए किसान को एफआईआर दर्ज करवाने की कह रहा है. भीलवाड़ा अधीक्षण अभियंता एसके उपाध्याय ने ईटीवी भारत को बताया कि ट्रांसफार्मर चोरी के केस में किसान को एफआईआर दर्ज करनी होती है. किसान को कहीं भी दिक्कत हो, तो संबंधित सहायक अभियंता उसकी मदद करता है. ट्रांसफार्मर से तेल चोरी रोकना पुलिस का काम है. हम लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि इन ट्रांसफार्मरों से तेल चोरी नहीं हो, इसके लिए उच्च गुणवत्ता के ट्रांसफार्मर बनाए जा रहे हैं.
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वहीं एफआईआर दर्ज होने पर 24 घंटे में ट्रांसफार्मर उपलब्ध करवाए जाता हैं, जबकि कागजों में 24 घंटे में उपलब्ध करवाया जाता है. एफआईआर दर्ज नहीं होने के कारण किसानों को लगभग 15 से 20 दिन विद्युत विभाग के चक्कर काटने होते हैं. अब देखना यह होगा कि किसानों को जल्द ट्रांसफार्मर मिले इसके लिए राज्य सरकार क्या फैसला लेती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत ट्रांसफार्मरों की चोरी पर भी लगाम लग सके और किसानों को भी आसानी से ट्रांसफार्मर उपलब्ध हो सके, जिससे फसल की सिंचाई कर सके.