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नए साल की शुरुआत में ही सरकार को मिली बड़ी खुशखबरी, जीएसटी कलेक्शन ने भरा खजाना - GST COLLECTION IN DECEMBER

दिसंबर में जीएसटी संग्रह की बढ़ोतरी दर घटकर 7.3 फीसदी रही.

GST
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 2, 2025, 9:36 AM IST

नई दिल्ली: दिसंबर 2024 के लिए भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन दिसंबर 2023 में 1.65 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये हो गया. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार यह कलेक्शन साल-दर-साल 7.3 फीसदी की बढ़ोतरी को दिखाता है. दिसंबर के संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) से 32,836 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) से 40,499 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) से 47,783 करोड़ रुपये और उपकर से 11,471 करोड़ रुपये शामिल थे. घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 8.4 फीसदी बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से संग्रह 4 फीसदी बढ़कर 44,268 करोड़ रुपये हो गया.

वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक कुल जीएसटी संग्रह 9.1 फीसदी बढ़कर 16.33 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 14.97 लाख करोड़ रुपये था. पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल जीएसटी राजस्व 20.18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष से 11.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करता है.

दिसंबर 2024 के दौरान 22,490 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 31 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है. रिफंड के बाद, नेट जीएसटी संग्रह 3.3 फीसदी बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गया.

1 जुलाई 2017 को पेश किए गए जीएसटी ने भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को बदल दिया है. राज्यों को जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के तहत इसके कार्यान्वयन के बाद पांच साल तक किसी भी राजस्व नुकसान के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था.

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वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक कुल जीएसटी संग्रह 9.1 फीसदी बढ़कर 16.33 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 14.97 लाख करोड़ रुपये था. पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल जीएसटी राजस्व 20.18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष से 11.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करता है.

दिसंबर 2024 के दौरान 22,490 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 31 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है. रिफंड के बाद, नेट जीएसटी संग्रह 3.3 फीसदी बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गया.

1 जुलाई 2017 को पेश किए गए जीएसटी ने भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को बदल दिया है. राज्यों को जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के तहत इसके कार्यान्वयन के बाद पांच साल तक किसी भी राजस्व नुकसान के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था.

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