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राइजिंग राजस्थान: 35 लाख करोड़ के एमओयू धरातल पर लाने की कवायद तेज, त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था लागू - RISING RAJASTHAN MOU

राइजिंग राजस्थान समिट में हुए 35 लाख करोड़ के एमओयू के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भजनलाल सरकार ने त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था लागू की.

एमओयू धरातल पर लाने की कवायद तेज
एमओयू के लिए त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था लागू (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 1, 2025, 10:20 PM IST

जयपुर : राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए अब राज्य सरकार सक्रिय हो गई है. सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी विजन और रोडमैप के साथ कदम बढ़ा रही है. सीएम ने अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के सफल आयोजन के बाद हस्ताक्षरित एमओयू के समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की बैठक लेते हुए त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था की पहल की है.

त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था : त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था के तहत एक हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि वाले एमओयू की समीक्षा मुख्यमंत्री स्तर पर मासिक रूप से की जाएगी. 100 करोड़ से लेकर 1 हजार करोड़ रुपए तक की राशि वाले एमओयू की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर पाक्षिक रूप से होगी. 100 करोड़ रुपए से कम राशि वाले एमओयू की समीक्षा विभागीय सचिव स्तर पर साप्ताहिक रूप से की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का समापन, जानिए वो 11 बड़ी बातें जो बनीं सुर्खियां

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत कुल 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू हुए थे. इनमें से लगभग 32 लाख करोड़ रुपए के 261 एमओयू एक हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि वाले हैं. 100 करोड़ से अधिक और 1 हजार करोड़ रुपए से कम राशि वाले एमओयू की संख्या 1,678 है, जिनकी कुल राशि 3.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. वहीं, 100 करोड़ रुपए तक के एमओयू की संख्या 9,726 है और इनकी कुल राशि लगभग 90 हजार करोड़ रुपए है.

9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि हस्ताक्षरित एमओयू की प्रगति-रिपोर्ट दिसंबर 2025 में प्रदेशवासियों के सामने प्रस्तुत की जाएगी. त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था इस दिशा में कारगर साबित होगी.

जयपुर : राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए अब राज्य सरकार सक्रिय हो गई है. सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी विजन और रोडमैप के साथ कदम बढ़ा रही है. सीएम ने अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के सफल आयोजन के बाद हस्ताक्षरित एमओयू के समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की बैठक लेते हुए त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था की पहल की है.

त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था : त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था के तहत एक हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि वाले एमओयू की समीक्षा मुख्यमंत्री स्तर पर मासिक रूप से की जाएगी. 100 करोड़ से लेकर 1 हजार करोड़ रुपए तक की राशि वाले एमओयू की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर पाक्षिक रूप से होगी. 100 करोड़ रुपए से कम राशि वाले एमओयू की समीक्षा विभागीय सचिव स्तर पर साप्ताहिक रूप से की जाएगी.

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राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत कुल 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू हुए थे. इनमें से लगभग 32 लाख करोड़ रुपए के 261 एमओयू एक हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि वाले हैं. 100 करोड़ से अधिक और 1 हजार करोड़ रुपए से कम राशि वाले एमओयू की संख्या 1,678 है, जिनकी कुल राशि 3.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. वहीं, 100 करोड़ रुपए तक के एमओयू की संख्या 9,726 है और इनकी कुल राशि लगभग 90 हजार करोड़ रुपए है.

9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि हस्ताक्षरित एमओयू की प्रगति-रिपोर्ट दिसंबर 2025 में प्रदेशवासियों के सामने प्रस्तुत की जाएगी. त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था इस दिशा में कारगर साबित होगी.

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