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आईएएस और आईपीएस समेत 12 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी, होटल में डेढ़ वर्ष पहले की थी मारपीट - WARRANT AGAINST IAS AND IPS

अजमेर कोर्ट ने डेढ़ साल पहले होटल में मारपीट मामले में आईएस और आईपीएस समेत 12 आरोपियों के लिखाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं.

Warrant Against IAS and IPS
आईएएस-आईपीएस समेत 12के खिलाफ वारंट (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 4, 2025, 4:49 PM IST

अजमेर: अजमेर की कोर्ट ने आईएएस गिरधर कुमार और आईपीएस सुशील बिश्नोई, तहसीलदार, पुलिसकर्मी और पटवारी समेत 12 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. इन पर जयपुर रोड स्थित मकराना राज होटल में रात को सो रहे कर्मचारियों को डंडों और रॉड से पीटने का आरोप है. कोर्ट ने गेगल थाने की ओर से लगाई गई एफआर को ही नामंजूर कर दिया. साथ ही अजमेर एसपी को निर्देश दिए हैं कि आरोपियों को वारंट तामील करवाए. साथ ही कोर्ट ने केस डायरी भी तलब की है. वहीं हर सोमवार को केस से जुड़ी रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश एसपी को दिए हैं. यह मामला 11 जून, 2023 की रात 2 बजे के करीब का है. इस मारपीट का सीसीटीवी वीडियो होटल मालिक ने एफआईआर के साथ पुलिस को दिया था.

मारपीट मामले में 12 के लिखाफ गिरफ्तारी वारंट (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर की सिविल कोर्ट संख्या प्रथम ने मकराना राज होटल में हुई मारपीट प्रकरण में गेगल थाने की ओर से लगाई गई एफआर को नामंजूर कर दिया. कोर्ट ने प्रकरण में संज्ञान लेते हुए प्रकरण से संबंधित सभी 12 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी करते हुए अजमेर एसपी को मुकदमे से संबंधित रिपोर्ट हर सोमवार को पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पुलिस जांच में आरोपियों ने सहयोग नहीं किया. लिहाजा मामले में हस्तक्षेप किया जाना न्यायोचित और न्यायसंगत लगता है.

पढ़ें: मंत्री के भतीजे पर होटल में मारपीट-तोड़फोड़ का आरोप, सियासी गलियारों में गरमाया मुद्दा, प्रताप सिंह ने कह दी यह बड़ी बात - मंत्री का भतीजा होना गुनाह नहीं

बता दें कि प्रकरण में आईएएस और आईपीएस के शामिल होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने राज्य सरकार को मामले के बारे में नहीं बताया. बाद में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी उषा शर्मा की नाराजगी के बाद आईएएस गिरधर और आईपीएस सुशील विश्नोई को सस्पेंड किया गया था. वहीं सीसीटीवी फुटेज में मारपीट कर रहे अधिकारी और कार्मिकों की पुष्टि होने के बाद भी तत्कालीन अजमेर एसपी ने केवल एएसआई सहित तीन पुलिसकर्मियों को ही पुलिस लाइन भेजा था.

पढ़ें: मांगा खाने का बिल तो बदमाशों ने रेस्टोरेंट मालिक को मार दी गोली - Chaos in the restaurant - CHAOS IN THE RESTAURANT

कोर्ट ने इन 12 आरोपियों के खिलाफ जारी किया वारंट: मामले में कोर्ट ने आईएएस गिरधर कुमार, आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई, कनिष्ठ सहायक हनुमान चौधरी, कांस्टेबल मुकेश चौधरी, मुकेश यादव, तत्कालीन गेगल थाना एएसआई रुपाराम, तत्कालीन गेगल थाना प्रभारी सुनील, कांस्टेबल गौतमाराम, मुकेश यादव, तहसीलदार रामधन गुर्जर और सुरेंद्र के खिलाफ वारंटी जारी किया गया है.

पढ़ें: जयपुर: नशे में धुत युवकों ने होटल संचालक से की मारपीट, गाड़ी चढ़ाने का भी किया प्रयास - fight in a hotel

5 आरोपियों को किया गिरफ्तार: प्रकरण में होटल मालिक ने गेगल थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस ने प्रकरण में पांच की गिरफ्तारी दिखाई. उसमें भी 5 आरोपियों को थाने के बाहर हंगामा करते हुए दिखाया गया. गेगल थाना पुलिस के तत्कालीन थाना प्रभारी और अजमेर पुलिस के आला अधिकारी प्रकरण में मौजूद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाए. बाद में मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रकरण में अन्य धाराएं जोड़ी गई.

यह था मामला: अजमेर के एक रेस्टोरेंट में आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई के लिए विदाई पार्टी रखी गई थी. इस पार्टी में अजमेर विकास प्राधिकरण के तत्कालीन आयुक्त गिरधर कुमार, टोंक जिले में तहसीलदार रामधन गुर्जर, टोंक कलेक्ट्रेट में कनिष्ठ लिपिक, टोंक एसडीएम का गनमैन मुकेश जाट, हनुमान प्रसाद आदि पार्टी में शामिल थे. देर रात को पार्टी में शामिल ये सभी लोग अजमेर जयपुर हाइवे पर मकराना राज होटल पंहुच गए. होटलकर्मियों ने उन्हें और राहगीर समझा और उन्हें होटल बंद होने के लिए कहा. यह बात आरोपियों को नागवार लगी.

आरोपियों ने टॉयलेट के बारे में पूछा तो कर्मचारियों ने उन्हें टॉयलेट का रास्ता बता दिया. आरोपियों ने क्वार्टर के अंदर बने टॉयलेट में जाने के लिए कहा, तो कर्मचारियों ने उन्हें मना किया और कहा कि भीतर क्वार्टर में होटलकर्मी सो रहे हैं. इस बात को लेकर कहासुनी हुई. इस दौरान आईपीएस बिश्नोई ने एक होटलकर्मी को थप्पड़ लगा दिया. वहीं आरोपियों ने होटलकर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी. आरोपियों ने चार होटलकर्मियों को जमकर पीटा. शोर शराबा होने पर क्वार्टर में सो रहे अन्य होटलकर्मी मौके पर आ गए और उन्होंने बीचबचाव किया.

तब आरोपी बाद में देख लेने की धमकी देकर को मौके से चले गए. होटल मालिक महेंद्र सिंह ने इस घटना की रिपोर्ट थाने पर दी थी. रिपोर्ट में पुलिस को बताया कि मारपीट करने के बाद सभी आरोपी वापस 1 घंटे बाद फिर से होटल पर आए. इस बार उनके साथ एएसआई रुपाराम, कांस्टेबल गौतम और मुकेश यादव भी थे. पुलिस को देखकर डरे हुए होटलकर्मियों में भी हिम्मत आ गई. सभी आरोपी और पुलिसकर्मी कमरे में पहुंचे. जहां आईपीएस को डंडा थामकर पुलिसकर्मियों ने कहा कि जमकर ठोक लो साहब. इसके बाद आईपीएस सुनील बिश्नोई ने डंडे से ताबड़तोड़ होटलकर्मियों पर वार किए. सोते हुए होटलकर्मियों को भी पीटा गया.

इनका कहना है: डीआईजी ओम प्रकाश ने बताया कि अनुसंधान कर रहे अधिकारी की ओर से कुछ कमियां रह गई. संभवतः अनुसंधान अधिकारी के कहने का तरीका कुछ और हो सकता है. टेक्निकल कमी की वजह से अनुसंधान में कमी रही है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि अनुसंधान अधिकारी की बदनीयती रही है. अनुसंधान में आरोपियों को फायदा दिया जाता है, तो यह अच्छी प्रैक्टिस नहीं है. पुलिस की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए.

अजमेर: अजमेर की कोर्ट ने आईएएस गिरधर कुमार और आईपीएस सुशील बिश्नोई, तहसीलदार, पुलिसकर्मी और पटवारी समेत 12 आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. इन पर जयपुर रोड स्थित मकराना राज होटल में रात को सो रहे कर्मचारियों को डंडों और रॉड से पीटने का आरोप है. कोर्ट ने गेगल थाने की ओर से लगाई गई एफआर को ही नामंजूर कर दिया. साथ ही अजमेर एसपी को निर्देश दिए हैं कि आरोपियों को वारंट तामील करवाए. साथ ही कोर्ट ने केस डायरी भी तलब की है. वहीं हर सोमवार को केस से जुड़ी रिपोर्ट भी पेश करने के निर्देश एसपी को दिए हैं. यह मामला 11 जून, 2023 की रात 2 बजे के करीब का है. इस मारपीट का सीसीटीवी वीडियो होटल मालिक ने एफआईआर के साथ पुलिस को दिया था.

मारपीट मामले में 12 के लिखाफ गिरफ्तारी वारंट (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर की सिविल कोर्ट संख्या प्रथम ने मकराना राज होटल में हुई मारपीट प्रकरण में गेगल थाने की ओर से लगाई गई एफआर को नामंजूर कर दिया. कोर्ट ने प्रकरण में संज्ञान लेते हुए प्रकरण से संबंधित सभी 12 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी करते हुए अजमेर एसपी को मुकदमे से संबंधित रिपोर्ट हर सोमवार को पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पुलिस जांच में आरोपियों ने सहयोग नहीं किया. लिहाजा मामले में हस्तक्षेप किया जाना न्यायोचित और न्यायसंगत लगता है.

पढ़ें: मंत्री के भतीजे पर होटल में मारपीट-तोड़फोड़ का आरोप, सियासी गलियारों में गरमाया मुद्दा, प्रताप सिंह ने कह दी यह बड़ी बात - मंत्री का भतीजा होना गुनाह नहीं

बता दें कि प्रकरण में आईएएस और आईपीएस के शामिल होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ने राज्य सरकार को मामले के बारे में नहीं बताया. बाद में तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी उषा शर्मा की नाराजगी के बाद आईएएस गिरधर और आईपीएस सुशील विश्नोई को सस्पेंड किया गया था. वहीं सीसीटीवी फुटेज में मारपीट कर रहे अधिकारी और कार्मिकों की पुष्टि होने के बाद भी तत्कालीन अजमेर एसपी ने केवल एएसआई सहित तीन पुलिसकर्मियों को ही पुलिस लाइन भेजा था.

पढ़ें: मांगा खाने का बिल तो बदमाशों ने रेस्टोरेंट मालिक को मार दी गोली - Chaos in the restaurant - CHAOS IN THE RESTAURANT

कोर्ट ने इन 12 आरोपियों के खिलाफ जारी किया वारंट: मामले में कोर्ट ने आईएएस गिरधर कुमार, आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई, कनिष्ठ सहायक हनुमान चौधरी, कांस्टेबल मुकेश चौधरी, मुकेश यादव, तत्कालीन गेगल थाना एएसआई रुपाराम, तत्कालीन गेगल थाना प्रभारी सुनील, कांस्टेबल गौतमाराम, मुकेश यादव, तहसीलदार रामधन गुर्जर और सुरेंद्र के खिलाफ वारंटी जारी किया गया है.

पढ़ें: जयपुर: नशे में धुत युवकों ने होटल संचालक से की मारपीट, गाड़ी चढ़ाने का भी किया प्रयास - fight in a hotel

5 आरोपियों को किया गिरफ्तार: प्रकरण में होटल मालिक ने गेगल थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस ने प्रकरण में पांच की गिरफ्तारी दिखाई. उसमें भी 5 आरोपियों को थाने के बाहर हंगामा करते हुए दिखाया गया. गेगल थाना पुलिस के तत्कालीन थाना प्रभारी और अजमेर पुलिस के आला अधिकारी प्रकरण में मौजूद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाए. बाद में मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रकरण में अन्य धाराएं जोड़ी गई.

यह था मामला: अजमेर के एक रेस्टोरेंट में आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई के लिए विदाई पार्टी रखी गई थी. इस पार्टी में अजमेर विकास प्राधिकरण के तत्कालीन आयुक्त गिरधर कुमार, टोंक जिले में तहसीलदार रामधन गुर्जर, टोंक कलेक्ट्रेट में कनिष्ठ लिपिक, टोंक एसडीएम का गनमैन मुकेश जाट, हनुमान प्रसाद आदि पार्टी में शामिल थे. देर रात को पार्टी में शामिल ये सभी लोग अजमेर जयपुर हाइवे पर मकराना राज होटल पंहुच गए. होटलकर्मियों ने उन्हें और राहगीर समझा और उन्हें होटल बंद होने के लिए कहा. यह बात आरोपियों को नागवार लगी.

आरोपियों ने टॉयलेट के बारे में पूछा तो कर्मचारियों ने उन्हें टॉयलेट का रास्ता बता दिया. आरोपियों ने क्वार्टर के अंदर बने टॉयलेट में जाने के लिए कहा, तो कर्मचारियों ने उन्हें मना किया और कहा कि भीतर क्वार्टर में होटलकर्मी सो रहे हैं. इस बात को लेकर कहासुनी हुई. इस दौरान आईपीएस बिश्नोई ने एक होटलकर्मी को थप्पड़ लगा दिया. वहीं आरोपियों ने होटलकर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी. आरोपियों ने चार होटलकर्मियों को जमकर पीटा. शोर शराबा होने पर क्वार्टर में सो रहे अन्य होटलकर्मी मौके पर आ गए और उन्होंने बीचबचाव किया.

तब आरोपी बाद में देख लेने की धमकी देकर को मौके से चले गए. होटल मालिक महेंद्र सिंह ने इस घटना की रिपोर्ट थाने पर दी थी. रिपोर्ट में पुलिस को बताया कि मारपीट करने के बाद सभी आरोपी वापस 1 घंटे बाद फिर से होटल पर आए. इस बार उनके साथ एएसआई रुपाराम, कांस्टेबल गौतम और मुकेश यादव भी थे. पुलिस को देखकर डरे हुए होटलकर्मियों में भी हिम्मत आ गई. सभी आरोपी और पुलिसकर्मी कमरे में पहुंचे. जहां आईपीएस को डंडा थामकर पुलिसकर्मियों ने कहा कि जमकर ठोक लो साहब. इसके बाद आईपीएस सुनील बिश्नोई ने डंडे से ताबड़तोड़ होटलकर्मियों पर वार किए. सोते हुए होटलकर्मियों को भी पीटा गया.

इनका कहना है: डीआईजी ओम प्रकाश ने बताया कि अनुसंधान कर रहे अधिकारी की ओर से कुछ कमियां रह गई. संभवतः अनुसंधान अधिकारी के कहने का तरीका कुछ और हो सकता है. टेक्निकल कमी की वजह से अनुसंधान में कमी रही है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि अनुसंधान अधिकारी की बदनीयती रही है. अनुसंधान में आरोपियों को फायदा दिया जाता है, तो यह अच्छी प्रैक्टिस नहीं है. पुलिस की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए.

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