भीलवाड़ा. दिसंबर महीने में जैसे-जैसे सर्दी में बढ़ोतरी हो रही है. वैसे-वैसे लोग घी की जगह तेल को प्रतिदिन घर में यूज लेते हैं. जहां वर्तमान समय में गुणवत्ता की दृष्टि से लोग तिल्ली का शुद्ध तेल ज्यादा खरीदना पसंद कर रहे हैं. भीलवाड़ा में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आजाद नगर, पुर रोड और सांगानेरी गेट चौराहे पर कोल्हू में बैल की जगह इस बार मोटरसाइकिल से कोल्हू चलाया जा रहा है.
कोल्हू चलाकर तिल्ली का तेल निकाल रहे भेरूलाल ने कहा कि वक्त के साथ हमने भी बदलाव किया है. क्योंकि चारे से भी शहर में सस्ता पेट्रोल मिलता है और समय की भी बचत होती है. इसलिए हम पहले बेल से कोल्हू चलाकर तेल निकालते थे. लेकिन वर्तमान में मोटरसाइकिल से कोल्हू चलाकर तिल्ली का तेल निकाल रहे हैं. शुद्ध तेल 300 रुपए प्रति किलो बेच रहे हैं. हम बैल को तकलीफ भी नहीं देना चाहते हैं और यहां आसानी से पेट्रोल भी हमारे को उपलब्ध हो जाता है. इसलिए हम मोटरसाइकिल से कोल्हू चला रहे हैं. खरीददारी भी धीरे-धीरे बढ़ी है. क्योंकि लोग विश्वसनीयता और गुणवत्ता को ही प्राथमिकता दे रहे हैं. इसलिए शुद्ध तिल्ली का तेल खरीद रहे हैं.
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वहीं अन्य कोल्हू चालक ने कहा कि पहले हम बैल से कोल्हू चलाकर तिल्ली का तेल निकालते थे. लेकिन उसमें समय ज्यादा लगता था और मोटरसाइकिल से समय कम लगता है और यहां पेट्रोल से चारा महंगा मिलता है. शहर में पेट्रोल आसानी से मिलता है, इसलिए हम मोटरसाइकिल से कोल्हू चलाकर तिल्ली का तेल निकाल रहे हैं. 10 किलो तिल्ली का तेल निकालने में 50 रुपए का पेट्रोल खर्च होता है. जबकि दस किलो तिल्ली का तेल निकालने में बैल का उपयोग करते हैं तो बैल को 100 रुपए का चारा खिलाना पड़ता है. हम यहां 300 रुपए प्रति किलो शुद्ध तिल्ली का तेल और 200 रुपए तिल्ली और गुड़ से बना जंगल बेचते हैं.
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मोटरसाइकिल से 10 किलो तिल्ली का तेल निकालने में 2 घंटे का समय लगता है. जबकि मोटरसाइकिल से 10 किलो तिल्ली का तेल निकालने में 3 घंटे का समय लगता है. यानी हमारे समय की बचत होती है. धीरे-धीरे सर्दी में हमारे यहां बिक्री भी बढ़ी है. काफी लोग खरीरदार भी आ रहे हैं, क्योंकि सर्दी में घी का उपयोग कम लेते हैं और तेल ही खरीदते हैं. दिन भर मोटरसाइकिल से कोल्हू चलाने में 150 से 200 रुपए का पेट्रोल खर्च होता है.