भीलवाड़ा. जिले से कोरोना की चेन को खत्म करने के लिए पुलिस और चिकित्साकर्मी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. इसी का परिणाम यह हुआ कि भीलवाड़ा का कोरोना मॉडल पूरे देश में लागू किया जा रहा है. जिला पुलिस अधीक्षक का कहना है कि कोरोना की चेन खत्म हो रही है. इसमें सभी का सहयोग मिला है, संकट की इस घड़ी में जवान मुस्तैदी से डटे हैं.
पुलिस अधीक्षक हरेंद्र कुमार महावर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि सभी लोगों का बहुत अच्छा सहयोग रहा. खासतौर पर मेडिकल, प्रशासन व पुलिस ने भी अपना रोल बखूबी निभाया है. उम्मीद करता हूं कि सभी की कठोर मेहनत और आपसी सहयोग से हम इस कोविड-19 की चेन को ब्रेक करने में सफल हो. भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक हरेंद्र कुमार महावर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में कोरोना पॉजिटिव की जानकारी मिलते ही सभी जवान ड्यूटी पर मुस्तैद हैं. किसी ने छुट्टी के लिए आवेदन नहीं किया है. वहीं सभी जवान संकट की इस घड़ी में साहस के साथ ड्यूटी कर रहे हैं. इस कारण ही कर्फ्यू, महा कर्फ्यू और लॉकडाउन सफल हो रहा है.
थ्री लेयर रणनिति बनाई
वहीं जिले कोरोना संक्रमण की चुनौती के सवाल पर पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर ने कहा कि जिस समय हमारे यहां पॉजिटिव मरीज आए, उस समय पूरे राजस्थान के अंदर भीलवाड़ा काफी तेजी से कोरोना केस सामने आए. कोरोना संदिग्ध भी ज्यादा थे, उसी वजह से कलेक्टर ने तुरंत निर्णय लिया. जिसके बाद डिसीजन लेकर 15 मिनट में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया. इस कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए हमने थ्री लेयर आधारित रणनीति बनाई. सबसे पहले लोगों को अपने घर में रखना, रियल इफेक्टिव रहा. साथ ही डीजीपी ने कहा कि हम लोगों ने शहर और जिले की तमाम सीमाओं को सील बंद किया. कर्फ्यू के लिए फोर्स को मोटिवेट किया. पहले कोरोना पॉजिटिव मरीज का पता नहीं था कि वे कितने लोगों के संपर्क में आए. इसलिए खासी सावधानी बरतनी थी.
यह भी पढ़ें. SPECIAL: लॉकडाउन में अपराध पर 'लॉक', गत वर्ष की तुलना अपराधों में 14 फीसदी की गिरावट
दूसरा सबसे बड़ा निर्णय कोऑर्डिनेशन को लेकर करना था क्योंकि जिले में स्क्रीनिंग करनी थी. हमने मेडिकल और हेल्थ विभाग को भी गाइड किया. साथ ही खासतौर पर पुलिस ने सर्वे टीम का बहुत सहयोग किया. सर्वे टीम के साथ पुलिस का प्रत्येक कर्मचारी मौजूद रहता था और उस एरिया के प्रभावशाली लोग उनके साथ रहते थे. जिससे किसी कोई सर्वे टीम के साथ बदसूलूकी न करें.
कोरोना केस आने के बाद एक भी जवान ने नहीं मांगी छुट्टी
वर्तमान दिनचर्या के सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अभी हमारे सभी जवान राउंड दा क्लॉक ड्यूटी कर रहे हैं. यह खुशी की बात है कि आम तौर पर हमारे जिले में आम दिन 8 से 10 जवान और अधिकारी छुट्टी पर रहते हैं लेकिन जब से जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीज के मामले सामने आए हैं, तब से एक भी जवान ने छुट्टी के लिए अप्लाई नहीं किया है. सभी जवान मन से अच्छी भावना के साथ ड्यूटी कर रहे हैं. वहीं जवानों के फ्लैग मार्च के दौरान जनता ने अपने घरों की छत पर खड़ी होकर ताली बजाई तो कही फूल बरसाकर हमारा मनोबल बढ़ाया.
पढ़ेंः SPECIAL: भीलवाड़ा ने कैसे जीती कोरोना से जंग, बता रहे हैं RVRS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल
जवान जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे दवाई
दूसरे लोगों को दवाई भेजने के सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस समय हमने ध्यान दिया कि चाहे बीमार हो या कहीं भी लोगों को दवाइयों की जरूरत हो, घर तक जवान दवाई पहुंचा रहे हैं. साथ ही जवान जरूरतमंदों को भोजन भी उपलब्ध करवा रहे हैं. प्रशासन, पुलिस व मेडिकल के साथ अच्छा कोआर्डिनेशन है.
वहीं पुलिस अधीक्षक कहते हैं कि कठोर अनुशासन के कारण ही भीलवाड़ा एक मॉडल बन रहा है. मैं इसके लिए जनता से अपील करता हूं कि महाकर्फ्यू और लॉकडाउन की पूरी पालना करें. जिससे आपका शरीर स्वस्थ रह सके.