ETV Bharat / state

Bhilwara Kukari Pratha Case : पीड़ित परिवार के साथ दोहरी हिंसा हुई है, जातीय पंचायत नहीं हो और पीड़िता को न्याय मिले : तारा आहलूवालिया - Rajasthan Hindi News

कुप्रथा के नाम पर आए दिन महिलाओं से ज्यादती की घटना देखने को मिलती है. ऐसा ही मामला भीलवाड़ा में सामने आने के बाद (Kukari Pratha in Rajasthan) ईटीवी भारत ने जब प्रमुखता से खबर दिखाई तो उसके बाद भीलवाड़ा प्रशासन व सामाजिक संगठन भी आगे आने लगे हैं. महिला चेतना समिति की अध्यक्ष तारा आहलूवालिया ने जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर जातीय पंचायत नहीं करने व पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है.

Tara Ahluwalia
तारा आहलूवालिया
author img

By

Published : May 27, 2022, 4:53 PM IST

भीलवाड़ा. 21वीं सदी में भी कभी डायन तो कभी नाता प्रथा, कभी आटा साटा तो कभी कुकड़ी प्रथा. राजस्थान की इन कुप्रथाओं से आज भी Panchayat on kukari Pratha) महिलाओं को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता रहा है. पीड़ित होने के बावजूद भी महिला को ही दोषी करार दिया जाता है और कथित रूप से जातीय पंचायत के पंच पटेल महिलाओं को दंडित करते हैं. कुकड़ी प्रथा का मामला भीलवाड़ा में सामने आने के बाद ईटीवी भारत ने इसकी खबर प्रमुखता से दिखाई, जिसके बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन हरकत में आया और पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को हिरासत में लिया है.

वहीं, जातीय पंचायत नहीं हो इसके लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं. वहीं, इस मामले में आज सामाजिक संगठन भी आगे आए हैं, जहां बाल एवं महिला चेतना समिति के अध्यक्ष तारा आहलूवालिया ने जिला कलेक्टर आशीष मोदी व जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श को ज्ञापन सौंपकर जातीय पंचायत नहीं होने वह पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है. भीलवाड़ा के सांसी समाज की एक युवती के साथ उसी के पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने दुष्कर्म कर उसको धमकाया कि वह घटना के बारे में किसी को बताएगी तो उसके भाई और बहन को चाकू से मार दिया जाएगा.

तारा आहलूवालिया ने क्या कहा, सुनिए...

पीड़िता ने दबाव में आकर किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन घटना के कुछ दिन बाद लड़की की शादी हो गई. शादी के बाद समाज में प्रचलित कुकड़ी कुप्रथा के तहत युवती को दोषी पाया गया. जब पीड़ित परिजनों ने पूछा, तब उसने अपने साथ की घटना के बारे में बताया. परिजनों ने आरोपी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं, इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने दुष्कर्म के आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है व जातीय पंचायत का आयोजन नहीं हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. शुक्रवार को उस मामले को लेकर सामाजिक संगठन भी आगे आए हैं. जहां बाल व महिला चेतना समिति की अध्यक्षता तारा आहलूवालिया ने कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपा.

तारा आहलूवालिया ने कहा कि इस मामले की सूचना मुझे ईटीवी भारत के माध्यम से मिली. इस पूरे मामले में अब हमने अपने स्तर पर (Kukari Pratha is Legally Crime) जानकारी ली तो पता चला कि पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ व फिर कुकड़ी प्रथा के नाम पर अब जातीय पंचायत कर उसके परिवार पर आर्थिक दंड लगाने की योजना बनाई जा रही है. लेकिन यह परिवार के साथ दोहरी हिंसा हुई है. मुझे समझ में नहीं आता है कि बलात्कार के बाद जातीय पंचायत न्यायपालिका के समानांतर एक पंचायत इस तरह की कार्यशैली कैसे कर सकती है.

पढ़ें : virginity test of bride: दुष्कर्म पीड़िता को कुकड़ी प्रथा के नाम पर जातीय पंचायत कर रही दंड देने की तैयारी

जातीय पंचायत इस तरह के फैसले सुनाती है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जिस परिवार में महिला की अस्मत लूटी गई और अब जातीय पंचायत दंड देने की योजना बना रही है, जो गलत है. हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि हमारी संस्था पिछले 35 वर्ष से महिला हिंसा के मुद्दे पर लगातार काम करती रही है. हम इस मामले में जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपेंगे और जातीय पंचायत के पंचों को पाबंद किए जाने की मांग के साथ ही उस परिवार को कोई आर्थिक व सामाजिक उपेक्षा नहीं हो, उसकी मांग करेंगे.

बाल एवं महिला चेतना समिति की अध्यक्ष ने कहा कि हम उस पूरे प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं और हम यह चाहेंगे कि (Tara Ahluwalia Demands Justice for Kukari Pratha Victim) पूरे परिवार को न्याय मिले. इसी के साथ ही (Social Organization on Rajasthan Malpractice) अन्य सामाजिक संगठन आगाज फाउंडेशन ट्रस्ट राजस्थान के बैनर तले भीलवाड़ा जिले में आगाज फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष घनश्याम बाकोलिया में भी जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है.

भीलवाड़ा. 21वीं सदी में भी कभी डायन तो कभी नाता प्रथा, कभी आटा साटा तो कभी कुकड़ी प्रथा. राजस्थान की इन कुप्रथाओं से आज भी Panchayat on kukari Pratha) महिलाओं को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता रहा है. पीड़ित होने के बावजूद भी महिला को ही दोषी करार दिया जाता है और कथित रूप से जातीय पंचायत के पंच पटेल महिलाओं को दंडित करते हैं. कुकड़ी प्रथा का मामला भीलवाड़ा में सामने आने के बाद ईटीवी भारत ने इसकी खबर प्रमुखता से दिखाई, जिसके बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन हरकत में आया और पुलिस अधीक्षक ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को हिरासत में लिया है.

वहीं, जातीय पंचायत नहीं हो इसके लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं. वहीं, इस मामले में आज सामाजिक संगठन भी आगे आए हैं, जहां बाल एवं महिला चेतना समिति के अध्यक्ष तारा आहलूवालिया ने जिला कलेक्टर आशीष मोदी व जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श को ज्ञापन सौंपकर जातीय पंचायत नहीं होने वह पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है. भीलवाड़ा के सांसी समाज की एक युवती के साथ उसी के पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने दुष्कर्म कर उसको धमकाया कि वह घटना के बारे में किसी को बताएगी तो उसके भाई और बहन को चाकू से मार दिया जाएगा.

तारा आहलूवालिया ने क्या कहा, सुनिए...

पीड़िता ने दबाव में आकर किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन घटना के कुछ दिन बाद लड़की की शादी हो गई. शादी के बाद समाज में प्रचलित कुकड़ी कुप्रथा के तहत युवती को दोषी पाया गया. जब पीड़ित परिजनों ने पूछा, तब उसने अपने साथ की घटना के बारे में बताया. परिजनों ने आरोपी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं, इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने दुष्कर्म के आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया है व जातीय पंचायत का आयोजन नहीं हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. शुक्रवार को उस मामले को लेकर सामाजिक संगठन भी आगे आए हैं. जहां बाल व महिला चेतना समिति की अध्यक्षता तारा आहलूवालिया ने कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपा.

तारा आहलूवालिया ने कहा कि इस मामले की सूचना मुझे ईटीवी भारत के माध्यम से मिली. इस पूरे मामले में अब हमने अपने स्तर पर (Kukari Pratha is Legally Crime) जानकारी ली तो पता चला कि पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ व फिर कुकड़ी प्रथा के नाम पर अब जातीय पंचायत कर उसके परिवार पर आर्थिक दंड लगाने की योजना बनाई जा रही है. लेकिन यह परिवार के साथ दोहरी हिंसा हुई है. मुझे समझ में नहीं आता है कि बलात्कार के बाद जातीय पंचायत न्यायपालिका के समानांतर एक पंचायत इस तरह की कार्यशैली कैसे कर सकती है.

पढ़ें : virginity test of bride: दुष्कर्म पीड़िता को कुकड़ी प्रथा के नाम पर जातीय पंचायत कर रही दंड देने की तैयारी

जातीय पंचायत इस तरह के फैसले सुनाती है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जिस परिवार में महिला की अस्मत लूटी गई और अब जातीय पंचायत दंड देने की योजना बना रही है, जो गलत है. हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि हमारी संस्था पिछले 35 वर्ष से महिला हिंसा के मुद्दे पर लगातार काम करती रही है. हम इस मामले में जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपेंगे और जातीय पंचायत के पंचों को पाबंद किए जाने की मांग के साथ ही उस परिवार को कोई आर्थिक व सामाजिक उपेक्षा नहीं हो, उसकी मांग करेंगे.

बाल एवं महिला चेतना समिति की अध्यक्ष ने कहा कि हम उस पूरे प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं और हम यह चाहेंगे कि (Tara Ahluwalia Demands Justice for Kukari Pratha Victim) पूरे परिवार को न्याय मिले. इसी के साथ ही (Social Organization on Rajasthan Malpractice) अन्य सामाजिक संगठन आगाज फाउंडेशन ट्रस्ट राजस्थान के बैनर तले भीलवाड़ा जिले में आगाज फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष घनश्याम बाकोलिया में भी जिला पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.