भीलवाड़ा. सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने जा रहे हैं, जहां सभी पार्टियों ने चुनाव मैदान में अपनी ताकत झोंक दी है. आरएलपी की ओर से वर्ष 2018 में भाजपा के प्रत्याशी रहे रूप लाल जाट के छोटे भाई बद्रीलाल जाट को उम्मीदवार बनाया है. बद्री लाल जाट के समर्थन में आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल दो दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे. जहां एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर चुनावी नुक्कड़ जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर व प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला.
चुनावी जनसभा के बाद बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में तीन जगह उपचुनाव हो रहे हैं, जहां राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवारों को सभी जगह अच्छा जनसमर्थन मिल रहा है. हम प्रदेश की तीनों सीटों पर विजय होंगे, क्योंकि प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है. व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में प्रदेश का जवान व किसान कांग्रेस व भाजपा को नकार कर आरएलपी का साथ दे रहा है.
वहीं, चुनावी जनसभा में धौलपुर जैसी तुलना भीलवाड़ा जिले के राजनेताओं की करने व लादूलाल पितलिया के नामांकन वापस लेने के सवाल पर बेनीवाल ने कहा कि भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले लादूलाल पितलिया के साथ बहुत बड़ा अन्याय हुआ. हमने उनको मैसेज करवाया कि आपको डरना नहीं है और चुनाव लड़ना है. लेकिन उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है. यानी जो डर गया सो मर गया. अगर लादूलाल पितलिया चुनाव लड़ते और बीजेपी उन पर छापा मारती तो उनको डरना नहीं था और जेल में चले जाते. लेकिन लोकतंत्र में जो सही व्यक्ति है उनको दबाव में आने की आवश्यकता नहीं है.
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उन्होंने कहा कि हनुमान बेनीवाल किसी के दबाव में नहीं आता है. अलग पार्टी बनाई, पार्टी का विस्तार किया, जिससे प्रदेश में नये नौजवान नेता तैयार करने की पार्टी आरएलपी हो गई है. वहीं, हनुमान बेनीवाल ने दावा करते हुए कहा कि हम तीनों विधानसभा क्षेत्र में आरएलपी का परचम लहराएगा. अब देखना यह होगा कि जहां प्रत्येक बार हनुमान बेनीवाल निकाय हो या पंचायत राज, सभी चुनाव में दावा कर रहे थे कि आरएलपी विजय होगी, लेकिन क्या प्रदेश में हो रहे तीन उपचुनाव में आरएलपी के उम्मीदवार विजय हो पाते हैं या पहले की तरह दावे फेल हो जाते हैं.