भीलवाड़ा. मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को नवसृजित शाहपुरा जिले में शामिल करने के संशय को लेकर सोमवार को मांडलगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन किया गया. इसके बाद जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस आंदोलन में तमाम राजनीतिक दल, सामाजिक और धार्मिक संगठन एकजुट होकर माण्डलगढ़ को भीलवाड़ा जिले में रखने की मांग कर रहे हैं.
सरकार को समस्या से अवगत कराएंगे : संघर्ष समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक नेता प्रदीप कुमार सिंह ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि प्रदेश में हमारी सरकार है, लेकिन फिर भी हमारे क्षेत्र की जनता के साथ ज्यादती होती है तो हम सरकार को यहां की समस्या से अवगत करवाएं. इसी क्रम में मांडलगढ़ में संघर्ष समिति का गठन करके जनता की मांगों का सरकार तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में जिस तरह से जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाई जाती है, उसी प्रकार हम राजनेता भी यह सेतु का काम कर रहे हैं.
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जनता के साथ खड़ा रहना फर्ज : उन्होंने चेतावनी दी कि इस आंदोलन में विधानसभा क्षेत्र के राजनेता अगर सहयोग नहीं करेंगे तो आने वाले चुनाव में जनता सबको सबक सिखाएगी. अगर जनप्रतिनिधि जनता के हक के लिए उनके साथ खड़े नहीं हो सकते तो उसे वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को भी जनता चुनकर भेजती है, इसीलिए हमारा दायित्व बनता है कि उनको मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की वास्तविकता से अवगत करवाया जाए. फिर भी अगर मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शाहपुरा में ही रखा जाता है तो जनता जैसा आदेश करेगी उसकी पालना करेंगे.
नए जिले में शामिल नहीं करने की मांग : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में प्रदेश में कई नए जिले बनाने की घोषणा की थी. इसी के तहत भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा को भी नया जिला बनाया गया. हालांकि, नए जिले के सीमांकन से पहले ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. नवसृजित शाहपुरा जिले में मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को सम्मिलित करने की आशंका के चलते तमाम राजनीतिक दल के राजनेता, सामाजिक और धार्मिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी विरोध में खड़े हो गए हैं.
पहले भी जता चुके हैं विरोध : पहले भी मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को बंद रखा गया था. प्रदेश में रामलुभाया कमेटी और राजस्व के अधिकारियों को मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र को शाहपुरा में शामिल नहीं करने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया था. इसके बाद रविवार को जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन और सभा का आयोजन किया गया. इसके बाद जिला कलेक्टर आशीष मोदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.