भीलवाड़ा. जिले में संचालित कपड़ा प्रोसेस इकाइयों के बरसात ऋतु का फायदा उठाते हुए प्रदूषित पानी छोड़ने से नदी और नालों में भी प्रदूषित पानी बहने लग गया है . साथ ही इन प्रदूषित पानी से किसानों की जमीन बंजर होने के साथ ही कुओं का पानी भी खराब हो गया है.
बरसात ऋतु का फायदा उठाते हुए इन औद्योगिक इकाइयों द्वारा पास ही से गुजर रहे नदी और नालों में प्रदूषित पानी धड़ल्ले से छोड़ा जा रहा है. जिससे नदी और नालों में भी प्रदूषित पानी बहने लग गया है. क्षेत्रवासियों के कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इन प्रोसेस हाउस इकाइयों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. जिससे इन इकाइयों के मालिकों का हौसला बुलंद है.
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आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने जब धरातल से इन प्रोसेस हाउस द्वारा प्रदूषित पानी छोड़ने की पड़ताल की तो सच्चाई सामने आ गई. चित्तौड़गढ़ रोड पर स्थित प्रोसेस हाउस द्वारा प्रदूषित पानी छोड़ने का सिलसिला नहीं थम रहा है. जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो इन प्रोसेस हाउस द्वारा वर्षा ऋतु का फायदा उठाते हुए धड़ल्ले से पास ही से गुजर रहे नालों में प्रदूषित पानी छोड़ा जा रहा है. ईटीवी भारत ने सच्चाई का पता लगाने के बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल के जिला अधिकारी महावीर मेहता से सच्चाई जाननी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने बयान देने से मना करते हुए कहा कि जब तक पानी का सैंपल नहीं लाएंगे तब तक वह पानी प्रदूषित नहीं हो सकता. यानी खुद जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.
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अब देखना यह होगा कि भीलवाड़ा प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी इन प्रोसेस हाउस के मालिकों के खिलाफ कब कार्रवाई करते हैं या इसी तरह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नजर आएंगे.