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भीलवाड़ा: वन्यजीवों के हमले में घायल लोगों के परिजनों को मिला मुआवजा, 12 परिवारों को राहत

भीलवाड़ा में जंगली जानवर के हमले में घायल हुए 12 परिवारों को वनविभाग की टीम ने मुआवजा राशि दी है.

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Published : Jan 20, 2020, 2:37 PM IST

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वन विभाग ने दिया मुआवजा

भीलवाड़ा. वन विभाग की टीम ने जंगली जानवरों के हमलों में घायल हुए लोगों के लिए सहायता राशि जारी कर दी है. 12 परिवार के लिए मुआवजा राशि स्वीकृत की गई है.

वन विभाग ने दिया मुआवजा

जिले के आसींद और मांडलगढ़ क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक हैं. वन्यजीव मवेशी और ग्रामीणों को अपना शिकार बनाते हैं. जानवरों के हमले में घायल हुए लोगों के लिए राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि दी जाती है.

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वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया, कि जिले में हिंसक वन्यजीव से जो नुकसान पहुंचता है. चाहे मवेशी हो या इंसान उन्हें मुआवजा देने की व्यवस्था राज्य सरकार ने की है. जिसके तहत अब 92 हजार की लंबित राशि की स्वीकृति वनविभाग ने दी है. इस योजना में हिंसक वन्यजीव के हमले से गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के परिवार को यह राशि दी जाती है.

हिंसक वन्यजीव जरख, पैंथर और भालू सबसे ज्यादा हमला करते हैं. मुआवजे के तौर पर अधिकतम 4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है. 4 लाख की राशि तब मिलती है, जब हिंसक वन्यजीव के हमले में किसी की मृत्यु हो जाती है.

यह भी पढ़ें. भीलवाड़ाः कपड़ा नगरी में फिर बढ़ी ठंड, लोगों को हो रही परेशानी

वहीं स्थाई अपंग होने पर 2 लाख रुपए की राशि का भुगतान होता है. जंगली जानवर के हमले से अस्थाई अयोग्य होने पर 40 हजार रुपए की राशि दी जाती है. जिले में 12 लोगों को सहायता राशि का लाभ मिला है.

भीलवाड़ा. वन विभाग की टीम ने जंगली जानवरों के हमलों में घायल हुए लोगों के लिए सहायता राशि जारी कर दी है. 12 परिवार के लिए मुआवजा राशि स्वीकृत की गई है.

वन विभाग ने दिया मुआवजा

जिले के आसींद और मांडलगढ़ क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक हैं. वन्यजीव मवेशी और ग्रामीणों को अपना शिकार बनाते हैं. जानवरों के हमले में घायल हुए लोगों के लिए राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि दी जाती है.

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वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया, कि जिले में हिंसक वन्यजीव से जो नुकसान पहुंचता है. चाहे मवेशी हो या इंसान उन्हें मुआवजा देने की व्यवस्था राज्य सरकार ने की है. जिसके तहत अब 92 हजार की लंबित राशि की स्वीकृति वनविभाग ने दी है. इस योजना में हिंसक वन्यजीव के हमले से गंभीर रूप से घायल हुए लोगों के परिवार को यह राशि दी जाती है.

हिंसक वन्यजीव जरख, पैंथर और भालू सबसे ज्यादा हमला करते हैं. मुआवजे के तौर पर अधिकतम 4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है. 4 लाख की राशि तब मिलती है, जब हिंसक वन्यजीव के हमले में किसी की मृत्यु हो जाती है.

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वहीं स्थाई अपंग होने पर 2 लाख रुपए की राशि का भुगतान होता है. जंगली जानवर के हमले से अस्थाई अयोग्य होने पर 40 हजार रुपए की राशि दी जाती है. जिले में 12 लोगों को सहायता राशि का लाभ मिला है.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा जिले में पिछले दिनों में हिंसक वन्यजीवों प्राणियों द्वारा मवेशियों आम आदमियों पर हमले किए जिससे घायल हुए मवेशी के परिवार वाले आम आदमी को राज्य सरकार द्वारा उनकी सहायतार्थ राशि कंपनसेशन राशि स्वीकृत की है। जिसके तहत भीलवाड़ा जिले के 12 आदमियों को इस योजना का लाभ मिला।


Body:भीलवाड़ा वन विभाग की टीम द्वारा पिछले दिनों जो जिले में हिंसक वन्यजीव प्राणियों द्वारा जिले में मवेशियों व आम आदमियों पर हमला कर घायल कर दिया उनकी राज्य सरकार द्वारा सहायतार्थ राशि स्वीकृत की। जिसके तहत भीलवाड़ा जिले के 12 परिवार को इस सहायतार्थ राशि का लाभ मिला। भीलवाड़ा जिले के आसींद और मांडलगढ़ क्षेत्र में हिंसक वन्य जीव प्राणी पाए जाते हैं। जहां आए दिन मवेशियों व आम आदमी पर हमला कर इनका शिकार बना लेते हैं । हमले में जो आदमी घायल हैं उनकी राज्य सरकार द्वारा सहायता राशि स्वीकृत की जाती है जिसके तहत भीलवाड़ा वन विभाग की टीम ने इसकी सहायतार्थ राशि स्वीकृत की है ।

भीलवाड़ा वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में हिंसक वन्यजीव प्राणियो से जो नुकसान पहुंचाया जाता है चाहे मवेशी हो या इंसान उनको कंपनसेशन की व्यवस्था राज्य सरकार ने की है। उसके तहत हमने अब 92 हजार की राशि जो लंबीत थी उसको स्वीकृति की है। इस योजना में हिंसक वन्यजीव से गंभीर घायल हुए हैं उनके परिवार वालों को यह राशि दी जाती है । हिंसक वन्यजीव जरख, पैथर व भालु सबसे ज्यादा हमला करते हैं। यह सहायतार्थ राशि अधिकतम 4 लाख रूपये देते हैं। जिससे हिंसक वन्यजीव से किसी आम आदमी की मृत्यु हो जाती है उसे यह राशि मिलती है। वही स्थाई अपग होने पर 2 लाख रूपये की राशि का भुगतान होता है। वही अस्थाई अयोग्य होने पर 40 हजार रूपये की राशि दी जाती है। जिले में 12 लोगों को इन राशि का लाभ मिला। हमारा सिद्धांत है कि जो भी वन्य जीव प्राणी हमला कर देते हैं उनका हमारे को सूचना दें जिससे हम उनकी राज्य सरकार द्वारा आर्थिक मदद करवा सकें।

बाईट- देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत
उपवन संरक्षक वन विभाग भीलवाड़ा

अब देखना यह होगा कि ग्रामीण क्षेत्र में हिंसक वन्यजीवों के हमले से आम आदमियों को बचाने के लिए प्रशासन क्या व्यवस्था करता है या नहीं

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

पीटीसी- सोमदत्त त्रिपाठी भीलवाड़ा


Conclusion:
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