भीलवाड़ा. सनातन धर्म पर लगातार हो रही बयान बाजी के बाद अब संत समाज में भी गहरा आक्रोश है. हरी सेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर महंत हंसाराम महाराज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि हिंदू धर्म के खिलाफ बयान बाजी करने वाले राजनेताओं के विरोध में संसद में सख्त कानून बनना चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो. वहीं उन्होंने श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देश में राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग की है.
22 जनवरी को प्रभु श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, जिसको लेकर देश भर में संत महात्मा, राजनेता और सामाजिक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों को निमंत्रण मिल रहे हैं. इस क्रम में हरी सेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर हंसाराम महाराज को भी निमंत्रण मिल चुका है. इस पर उन्होंने कहा कि वो प्रभु श्री राम मंदिर के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे. 500 साल बाद सनातन धर्मियों को ऐसा अवसर मिला है. मेरा भी सौभाग्य है जो मैं भी दर्शन के लिए वहां जा रहा हूं. ऐसे मौके पर मैंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर 22 जनवरी को राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग की है, जिसके कारण 22 जनवरी को प्रभु श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का आमजन लाइव दर्शन कर सके.
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मोदी जी एक कानून ऐसा भी बनाएं : वहीं, महामंडलेश्वर ने कहा कि जब दीपावली का त्योहार होता है, तब राजकीय अवकाश होता है, जबकि 500 वर्ष बाद प्रभु श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. ऐसे में इस दिन भी राजकीय अवकाश होना चाहिए. इस बीच उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से हिंदू धर्म पर लगातार बयानबाजी के विषय पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि आदतन अपराधी अपनी आदतों से बाज नहीं आते है, उसी प्रकार कुछ राजनेता ऐसे भी हैं वोकई आदतन अपराधी हो गए हैं. वे सनातन धर्म पर लगातार बयान बाजी करते रहते हैं. मैं ऐसे मौके पर पीएम मोदी से आग्रह करता हूं कि संसद में हिंदू समाज पर बयान बाजी करने वाले राजनेताओं के खिलाफ कानून बनाएं. उस कानून में कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए, जिससे भविष्य में कोई भी राजनेता या कोई भी व्यक्ति सनातन धर्म व हिंदू समाज पर बयान बाजी नहीं करें.