भीलवाड़ा. 21वीं सदी और आधुनिक युग में भी महिलाओं के साथ अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में आज भी कई सामाजिक कुरीतियों का प्रचलन होने के चलते महिलाओं को अग्नी परीक्षा से गुजरना पड़ता है. भीलवाड़ा जिले में कुकड़ी जैसी कुप्रथा के चलते एक दुष्कर्म पीड़िता को जातीय पंचायत के जरिए दंड देने की तैयारी हो रही थी. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद महिला आयोग, जिला-पुलिस प्रशासन सहित स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से पीड़िता को राहत मिली, मगर अब उसे ससुराल में होने वाली मानसिक प्रताड़ना का डर सता रहा है. इसके चलते पीड़िता ने अब पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई (Rape victim pleads for police protection) है.
पीड़िता ने कहा कि उसकी हाल ही में शादी हुई थी और वह ससुराल चली गई थी. शादी के बाद उसने देखा कि ससुराल में कुकड़ी रस्म होती है. जिसमें वह खरी नहीं उतर पाई. बाद में परिजनों की ओर से पूछने पर उसने बताया कि शादी से पहले उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी. ससुराल वालों ने इस बात की सूचना जातीय पंचों को दी. जिसके बाद जातीय पंचायत का आयोजन होने वाला था.
लेकिन ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रकाशित किए जाने के बाद जातीय पंचायत का आयोजन तो नहीं हुआ, लेकिन अब पीड़िता के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है. जिसके चलते पीड़िता को अब ससुराल में होने वाली मानसिक प्रताड़ना का डर सता रहा है. इसी वजह से पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू से सुरक्षा की गुहार लगाई है. इस गुहार के पीछे उसकी अपील है कि उसके ससुराल जाने के बाद उससे मारपीट न हो और किसी तरह की मानसिक प्रताड़ना का सामना न करना पड़े.