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चिलचिलाती धूप में काम करने को मजबूर मनरेगा महिला श्रमिक...जब ईटीवी भारत से बयां किया अपना दर्द

ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग की ओर से मनरेगा के तहत कार्य करवाए जा रहे हैं. ऐसे में मनरेगा कार्यस्थल पर न तो आराम करने के लिए छाया की व्यवस्था है और न ही मेडिकल किट की व्यवस्था. वहीं मजदूर धूप में काम करने को मजबूर हैं. उनकी मांग है कि राज्य सरकार भीषण गर्मी को देखते हुए समय में बदलाव करे. साथ ही कार्यस्थल पर छाया के लिए टेंट और मेडिकल किट की व्यवस्था करवाए.

मनरेगा में काम करती हुईं महिला मजदूर
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Published : May 27, 2019, 5:51 PM IST

भीलवाड़ा. जिला परिषद की ओर से जिले की सभी पंचायत समिति, ग्राम पंचायत क्षेत्र में मनरेगा के तहत कार्य हो रहा है. ऐसे में मजदूरों को सुबह छह बजे कार्यस्थल पर पहुंचना होता है. दोपहर दो बजे तक लगातार काम करना होता है. चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के कारण उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कार्य स्थल पर छाया के लिए टेंट की व्यवस्था और मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं होने के कारण मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मनरेगा में काम करने वाली महिलाएं अपनी समस्या बताते हुए

मजदूरों की समस्या जानने ईटीवी भारत की टीम बनेड़ा पंचायत समिति के तस्वारिया गांव पहुंची. जहां मनरेगा में काम कर रहे हैं मजदूरों ने कैमरे के सामने अपना दर्द बयां किया. मजदूरों ने कहा कि कार्यस्थल पर छाया और मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं है, जिससे उनको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

कार्यस्थल पर मेट मुरलीधर मेघवंशी ने कहा कि उनके यहां नाड़ी की गहराई का काम चल रहा है. 55 श्रमिक काम कर रहे हैं. मेडिकल किट उनके पास नहीं है, जिससे मजदूरों को परेशान होना पड़ता है. अगर भीषण गर्मी में कोई कोई मजदूर बीमार हो जाता है तो आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है. वहीं मनरेगा में काम कर रही महिला मजदूरों ने कहा कि उनको सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक कार्यस्थल पर मौजूद रहना पड़ता है. गर्मी बहुत तेज है. उनकी मांग है कि समय में कुछ बदलाव किया जाए. साथ ही कार्यस्थल पर मेडिकल किट में छाया की सुव्यवस्थित व्यवस्था की जाए.

वहीं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल लाल बिरडा ने कहा कि जिले में मनरेगा के तहत 2 लाख 35 हजार मजदूर वर्तमान में कार्यरत हैं. सभी को मजदूरी समय पर मिल रही है. समय-समय पर उनके द्वारा चेकिंग की जाती है. कई जगहों पर छाया के लिए टेंट की व्यवस्था नहीं होने पर बिरडा ने कहा कि वे भी मानते हैं कि छाया की कई जगह व्यवस्था नहीं है. टेंट बहुत पुराने हो गए हैं. जल्द से जल्द कार्यस्थल पर नए टेंट उपलब्ध करवा दिए जाएंगे. वही जहा मेडिकल किट नहीं है तो समस्त विकास अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट उपलब्ध करवाया जाए.

भीलवाड़ा. जिला परिषद की ओर से जिले की सभी पंचायत समिति, ग्राम पंचायत क्षेत्र में मनरेगा के तहत कार्य हो रहा है. ऐसे में मजदूरों को सुबह छह बजे कार्यस्थल पर पहुंचना होता है. दोपहर दो बजे तक लगातार काम करना होता है. चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के कारण उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कार्य स्थल पर छाया के लिए टेंट की व्यवस्था और मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं होने के कारण मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मनरेगा में काम करने वाली महिलाएं अपनी समस्या बताते हुए

मजदूरों की समस्या जानने ईटीवी भारत की टीम बनेड़ा पंचायत समिति के तस्वारिया गांव पहुंची. जहां मनरेगा में काम कर रहे हैं मजदूरों ने कैमरे के सामने अपना दर्द बयां किया. मजदूरों ने कहा कि कार्यस्थल पर छाया और मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं है, जिससे उनको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

कार्यस्थल पर मेट मुरलीधर मेघवंशी ने कहा कि उनके यहां नाड़ी की गहराई का काम चल रहा है. 55 श्रमिक काम कर रहे हैं. मेडिकल किट उनके पास नहीं है, जिससे मजदूरों को परेशान होना पड़ता है. अगर भीषण गर्मी में कोई कोई मजदूर बीमार हो जाता है तो आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाना पड़ता है. वहीं मनरेगा में काम कर रही महिला मजदूरों ने कहा कि उनको सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक कार्यस्थल पर मौजूद रहना पड़ता है. गर्मी बहुत तेज है. उनकी मांग है कि समय में कुछ बदलाव किया जाए. साथ ही कार्यस्थल पर मेडिकल किट में छाया की सुव्यवस्थित व्यवस्था की जाए.

वहीं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल लाल बिरडा ने कहा कि जिले में मनरेगा के तहत 2 लाख 35 हजार मजदूर वर्तमान में कार्यरत हैं. सभी को मजदूरी समय पर मिल रही है. समय-समय पर उनके द्वारा चेकिंग की जाती है. कई जगहों पर छाया के लिए टेंट की व्यवस्था नहीं होने पर बिरडा ने कहा कि वे भी मानते हैं कि छाया की कई जगह व्यवस्था नहीं है. टेंट बहुत पुराने हो गए हैं. जल्द से जल्द कार्यस्थल पर नए टेंट उपलब्ध करवा दिए जाएंगे. वही जहा मेडिकल किट नहीं है तो समस्त विकास अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट उपलब्ध करवाया जाए.

Intro:धूप में काम करने को मजबूर मनरेगा श्रमिक

जिले में काम कर रहे हैं 2,35000 श्रमिक

मनरेगा कार्य स्थल पर छाया और मेडिकल किट की नहीं है व्यवस्था।

भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत राज विभाग की ओर से करवाये जा रहे मनरेगा कार्य स्थल पर छाया और मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं होने के कारण मनरेगा श्रमिकों को धूप में काम करने को मजबूर है । साथ ही श्रमिकों की मांग है कि राज्य सरकार भीषण गर्मी को देखते हुए समय में बदलाव किया जाए और कार्यस्थल पर छाया के लिए टेंट व मेडिकल किट की व्यवस्था की जाए।


Body:भीलवाड़ा जिला परिषद की ओर से भीलवाड़ा जिले की सभी पंचायत समिति , ग्राम पंचायत क्षेत्र में मनरेगा काम जारी है । जहां श्रमिकों को सुबह छ बजे कार्यस्थल पर पहुंचना होता है और दोपहर दौ बजे तक नियमित काम करना होता है। लेकिन भीषण गर्मी के कारण श्रमिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । मनरेगा कार्य स्थल पर छाया के लिए टेंट की व्यवस्था व मेडिकल किट की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
श्रमिकों की समस्या जानने ईटीवी भारत की टीम बनेड़ा पंचायत समिति के तस्वारिया गांव पहुंची । जहां मनरेगा में काम कर रहे हैं श्रमिकों ने ईटीवी भारत के सामने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि कार्यस्थल पर छाया और मेडिकल किट की व्यवस्था नही है ।

कार्यस्थल पर मेट मुरलीधर मेघवंशी ने कहा कि हमारे यहां नाड़ी की गहराई का काम चल रहा है । 55 श्रमिक काम कर रहे है। मेडिकल किट हमारे पास नहीं है। जिससे लेबर परेशान होती है। अगर भीषण गर्मी में कोई लेबर बीमार हो जाती है तो हमारे को तुरंत जिला अस्पताल में लेकर जाना पड़ता है। हमारी मांग है कि लेबर किट उपलब्ध करवाया जाए और छाया की भी व्यवस्था की जाए ।
वहीं मनरेगा में काम कर रही श्रमिक सुमन देवी हो लाली देवी हो या सुंदर भाई हो सभी ने कहा कि हमारे को सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्य स्थल पर मौजूद रहना पड़ता है ।गर्मी बहुत भीषण है । हमारी मांग है कि समय में कुछ बदलाव किया जाए । साथ ही कार्यस्थल पर मेडिकल किट में छाया की सुव्यवस्थित व्यवस्था की जाए और हमारी राज्य सरकार से मांग है कि मनरेगा में श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाई जाए।

वही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल लाल बिरडा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा जिले में मनरेगा के तहत 2,35000 श्रमिक वर्तमान में काम कर रहे हैं। मजदूरी इनको ठीक मिल रही है ।समय-समय पर मेरे द्वारा चेकिंग की जाती है ।कहीं जगह टेंट की व्यवस्था नहीं होने पर बिरडा ने कहा कि यह मैं भी मानता हूं कि छाया की कई जगह व्यवस्था नहीं है । टेन्ट बहुत पुराने हो गए हैं। जल्द से जल्द कार्यस्थल पर नये टेन्ट उपलब्ध करवा दिए जाएंगे । वही जहा मेडिकल किट नहीं है तो समस्त विकास अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट उपलब्ध करवाया जाए । जिससे महिलाओं मनरेगा श्रमिकों को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े ।
अब देखना यह होगा कि इन श्रमिकों के बारे में राज्य सरकार व जिला भीलवाड़ा जिला प्रशासन कब लेगा जिससे इनको बेहतर मजदूरी मिले और कार्यस्थल पर चाय के साथ ही मेडिकल किट उपलब्ध हो सके

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाइट - मुरलीधर मेघवंशी, कार्यस्थल पर मेट

सुमन देवी महिला श्रमिक

लाली सेन महिला श्रमिक
सुंदर बाई महिला श्रमिक

गोपाल लाल बिरडा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भीलवाड़ा

पीटीसी - सोमदत्त त्रिपाठी भीलवाड़ा


Conclusion:
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