भीलवाड़ा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की रोक के बावजूद भीलवाड़ा जिले में अवैध बजरी दोहन (Illegal Gravel Mining) धड़ल्ले से चल रहा है. जिले से गुजरने वाली बनास, कोठारी, मानसी व खारी नदी में अवैध बजरी का दोहन जारी है. राज्य व केंद्र सरकार को लगातार इसकी शिकायत मिल रही है. राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने अवैध बजरी दोहन पर रोकथाम के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है. इस टास्क फोर्स में परिवहन, राजस्व, खनिज, पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी शामिल हैं. यह टीम जिले से गुजरने वाली नदियों में अवैध बजरी दोहन के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
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जिला कलेक्टर शिवप्रसाद नकाते ने भीलवाड़ा जिले में अवैध बजरी रोकथाम के लिए 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाने की घोषणा की थी. जिसके तहत जिले में अवैध बजरी पर रोकथाम के लिए कई कार्रवाई की गई. भीलवाड़ा खनिज विभाग के खनिज अभियंता आसिफ मोहम्मद अंसारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अवैध बजरी पर लगाम लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया.
स्पेशल सप्ताह में हुई 89 कार्रवाई
इस अभियान के तहत जिले में 89 कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई भंडार व अवैध बजरी परिवहन सहित कई मामलों में कारवाई की गई है. 15 दिन के अभियान में 77 एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही 58 वाहन जब्त किए गए हैं. लगभग 25000 टन वजनी भी सीज की गई है. इन सभी से जुर्माना भी वसूला जाएगा. लेकिन हैरानी की बात है कि अभियान खत्म होने के बाद भी अवैध बजरी का दोहन जारी है, जिस पर खनिज अभियंता ने नदियों की लंबाई बनाते हुए सवाल टालते नजर आए.
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उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा जिले से गुजरने वाली नदियों की लंबाई काफी है. हमारे पास संसाधन की कमी है. हालांकि, हम लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. अब देखना यह होगा कि आखिर अवैध बजरी परिवहन पर कब रोकथाम लगती है.