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अंधविश्वासः पेट में दर्द हुआ तो 4 साल के मासूम को गर्म जंजीर से दागा...हालत गंभीर

भीलवाड़ा जिले में जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति के लाख प्रयास के बाद भी अब तक अंधविश्वास में लगाए गए दांव मासूमों को दर्द दे रहे हैं. बता दें कि महात्मा गांधी चिकित्सालय में पिछले 3 दिन में मंगलवार को दूसरा मामला सामने आया है. वहीं बालक की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

अंधविश्वास का कहर, havoc of superstition
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Published : Sep 3, 2019, 5:42 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति के लाख प्रयास के बाद भी अब तक अंधविश्वास में लगाए गए दांव मासूमों को दर्द दे रहे हैं. ऐसे ही दर्जनों मामले महात्मा गांधी चिकित्सालय में आ चुके हैं, लेकिन पुलिस की धीमी कार्रवाई से यह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है.

अंधविश्वास का कहर, मासूम को बनाया शिकार

बता दें कि भीलवाड़ा में अंधविश्वास की प्रकाष्ठा महात्मा गांधी चिकित्सालय में आने वाले मामलों में ही साबित हो जाती है. बच्चे को सुई भी चुभ जाए तो तड़प उठते हैं, लेकिन अंधविश्वास में उन्हें गर्म सलाखों से दागा जाता है. महात्मा गांधी चिकित्सालय में पिछले 3 दिन में मंगलवार को दूसरा मामला सामने आया है.

पढ़ें- उत्तर पश्चिम रेलवे ने चलाया विशेष टिकट चेकिंग अभियान, 10 दिन में 45 लाख वसूला

जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के महुआ खुर्द निवासी शिवराज भील के 4 वर्षीय पुत्र दीपक बेल को पेट में दर्द हुआ. दर्द होने के बाद उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया था, जहां चिकित्सकों ने उसे भर्ती कर लिया. लेकिन इसी बीच शिवराज भील उसे चुपके से उठाकर गांव ले गया, जहां उसने बड़े-बुजूर्गों के कहने पर पेट पर गर्म सलाखों से दांव लगा दिया. जब बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे वापस अस्पताल में लाकर बेड पर सुला दिया. वहीं महात्मा गांधी अस्पताल परिसर स्थित मातृ शिशु इकाई की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इंद्रा सिंह ने कहा कि बालक की स्थिति गंभीर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि उसे अभी ब्लड भी चढ़ाया जा रहा है.

भीलवाड़ा. जिले में जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति के लाख प्रयास के बाद भी अब तक अंधविश्वास में लगाए गए दांव मासूमों को दर्द दे रहे हैं. ऐसे ही दर्जनों मामले महात्मा गांधी चिकित्सालय में आ चुके हैं, लेकिन पुलिस की धीमी कार्रवाई से यह रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है.

अंधविश्वास का कहर, मासूम को बनाया शिकार

बता दें कि भीलवाड़ा में अंधविश्वास की प्रकाष्ठा महात्मा गांधी चिकित्सालय में आने वाले मामलों में ही साबित हो जाती है. बच्चे को सुई भी चुभ जाए तो तड़प उठते हैं, लेकिन अंधविश्वास में उन्हें गर्म सलाखों से दागा जाता है. महात्मा गांधी चिकित्सालय में पिछले 3 दिन में मंगलवार को दूसरा मामला सामने आया है.

पढ़ें- उत्तर पश्चिम रेलवे ने चलाया विशेष टिकट चेकिंग अभियान, 10 दिन में 45 लाख वसूला

जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के महुआ खुर्द निवासी शिवराज भील के 4 वर्षीय पुत्र दीपक बेल को पेट में दर्द हुआ. दर्द होने के बाद उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया था, जहां चिकित्सकों ने उसे भर्ती कर लिया. लेकिन इसी बीच शिवराज भील उसे चुपके से उठाकर गांव ले गया, जहां उसने बड़े-बुजूर्गों के कहने पर पेट पर गर्म सलाखों से दांव लगा दिया. जब बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे वापस अस्पताल में लाकर बेड पर सुला दिया. वहीं महात्मा गांधी अस्पताल परिसर स्थित मातृ शिशु इकाई की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इंद्रा सिंह ने कहा कि बालक की स्थिति गंभीर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि उसे अभी ब्लड भी चढ़ाया जा रहा है.

Intro:( नोट - डेक्स द्वारा मांगी गई खबर - गुवारडी बांध के पास मिला बंधा हुआ शव की खबर रेप द्वारा भेजी गई है , कृपया ध्यान देवे )



भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले में जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति के लाख प्रयास के बाद भी अब तक अंधविश्वास में लगाए गए दांव मासूमों को दर्द दे रहे हैं । ऐसे ही दर्जनों मामले महात्मा गांधी चिकित्सालय में आ चुके हैं लेकिन पुलिस की फौरी कार्यवाही से यह रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं भीलवाड़ा में अंधविश्वास की प्राकाष्ठा महात्मा गांधी चिकित्सालय में आने वाले दावों के मामलों में ही साबित हो जाती है । बच्चे के सुई भी चुभ जाए तो तड़प उठते हैं लेकिन अंधविश्वास में उन्हें गर्म सलाखों से दागा जाता है महात्मा गांधी चिकित्सालय में 3 दिन में यह दूसरा मामला सामने आया है ।




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भीलवाड़ा जिले के महुआ खुर्द निवासी शिवराज भील के 4 वर्षीय पुत्र दीपक बेल को पेट में दर्द हुआ । तो उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया था । जहां चिकित्सकों ने उसे भर्ती कर लिया । लेकिन इसी बीच शिवराज भील उसे चुपके से उठाकर गांव ले गया । जहां उसने बड़े बुजुर्गों के कहने पर पेट पर गर्म सलाखों से दांव लगा दिया । जब बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे वापस अस्पताल में लाकर बेड पर सुला दिया ।
महात्मा गांधी अस्पताल परिसर स्थित मातृ शिशु इकाई के
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इंद्रा सिंह ने कहा कि बालक की स्थिति गंभीर बनी हुई है उसे अभी ब्लड भी चढ़ाया जा रहा है ।






Conclusion:


बाइट - डॉक्टर इंद्रा सिंह ,शिशु रोग विशेषज्ञ
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