भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में जिला अस्पताल सहित पांच वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं, जहां युवा वर्ग को वैक्सीन लगाई जा रही है. एक तरफ जहां शहर के युवाओं में वैक्सीनेशन को लेकर जोश दिखाई दे रहा है तो शेड्यूल नहीं मिलने से उन्हें अपनी बारी का भी इंतजार करना पड़ रहा है. आरसीएचओ डॉक्टर संजीव शर्मा के अनुसार भीलवाड़ा जिले में 18 से 44 साल तक के लोगों के लिए लगाई जा रहे टीकाकरण के तहत गुरुवार को पहली बार 2277 जनों के टीके लगाए गए. वहीं, 1 मई से अब तक की बात की जाए तो लगभग 5726 लोगों के टिके लग चुके हैं. 45 से 59 साल तक के 331 ने प्रथम तथा 644 ने दूसरी डोज लगवाई है, जबकि 60 से अधिक उम्र वाले 111 लोगों ने 1 और 500 ने दूसरी डोज लगवाई है.
गाइडलाइन की पालना करवाने वाले पुलिसकर्मी प्रदीप कुमार ने कहा कि हमारा काम यहां पर लोगों को अनुशासन में रखना और कोविड-19 गाइडलाइन की पूरी पालना करवाने के लिए है. जिसमें हमने महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग लाइन तैयार की है और उन्हें बारी-बारी से अंदर भेजा जा रहा है. वहीं, सुभाष नगर डिस्पेंसरी में वैक्सीन लगाने आई युवती ने कहा कि मैंने हालांकि रजिस्ट्रेशन तो काफी समय पहले ही करवा दिया था, लेकिन शेड्यूल नहीं मिलने के कारण मुझे काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद में यहां पर वैक्सीन लगाने के लिए आई हूं.
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वैक्सीन लगवा कर मुझे काफी अच्छा लग रहा है और लोगों को भी आगे आकर वैक्सीन लगानी चाहिए. वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन लगाने आए युवा का कहना है कि मुझे शेड्यूल प्राप्त करने में 3 दिन लगे एक सवाल के जवाब में युवाओं ने कहा कि जब पढ़े लिखे युवाओं को ही शेड्यूल प्राप्त करने में इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और इतना समय लग रहा है तो जो व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र से या फिर अनपढ़ है, वह वैक्सीनेशन को लेकर क्या करेंगे. वैक्सीन लगाने वाली चिकित्सा कर्मी ने कहा कि यहां आने वाले युवाओं को यहां तसल्ली और आराम से बैठा कर समझाया जाता है कि कोरोना टीका करण से कोई दुष्प्रभाव नहीं है.
लोगों के मन में भ्रांति है कि टीका लगने के बाद व्यक्तियों की मौत हो रही है तो हम यह गलतफहमी लोगों के मन से बाहर निकाल रहे हैं. इसके साथ ही युवाओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. युवा सोचते हैं कि वैक्सीन लगने के बाद हमें कोरोना नहीं होगा, जिसको लेकर भी हम उन्हें गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए समझा रहे हैं. जिसमें मार्क्स पहनना और 2 गज की दूरी रखना अनिवार्य है इंजेक्शन लगने के बाद लगभग 30 मिनट तक लाभार्थी को यहां बैठाया जाता है. जिसमें पूरी मॉनिटरिंग की जाती है.
उप स्वास्थ्य केंद्र के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुशील राजोरिया ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर युवाओं में हर वर्ग के मुकाबले ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है और इनमें एक अनुशासन भी दिखाई दे रहा है. वहीं इसके साथ ही हम अपना हर दिन 99 प्रतिशत टारगेट पूरा कर रहे हैं. व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए हमने यहां पर दो पुलिसकर्मियों को भी लगाया है जो यहां पर कोविड-19 गाइडलाइन की पालना करवा रहे हैं. वैक्सीनेशन के लिए सबसे पहले कोविंन ऐप द्वारा रजिस्ट्रेशन किया जाता है और उसमें टाइम शेड्यूल स्लॉट के बाद ही वैक्सीन लगाई जाती है. इसके अलावा वैक्सीन का यहां पर और कोई विकल्प नहीं है. इंजेक्शन लगाने के लिए लोगों का रजिस्ट्रेशन और टाइम शेड्यूल होना आवश्यक है.