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Dussehra 2023 : जब रामायण के 'राम' ने भीलवाड़ा में सुनाया रावण वध का वृतांत...

रामायण में भगवान श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल व लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने भीलवाड़ा के गुलाबपुरा में दशहरे मेले में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने युवाओं से राम के पथ पर चलने का आह्वान किया.

Arun Govil reached Gulabpura's Dussehra fair
गुलाबपुरा के दशहरे मेले में पहुंचे अरुण गोविल
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 26, 2023, 9:32 AM IST

Updated : Oct 26, 2023, 11:12 AM IST

गुलाबपुरा के दशहरे मेले में पहुंचे अरुण गोविल

भीलवाड़ा. धारावाहिक रामायण में भगवान श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने जिले के गुलाबपुरा में मंगलवार को दशहरा मेले में शिरकत की थी. इस दौरान आमजन को संबोधित करते हुए युवाओं को धर्म व नीति पर चलने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को रावण के पद चिन्हों के बजाय भगवान श्री राम के पद चिन्हों पर चलना चाहिए. भक्त चाहे कितना भी मूर्ख हो, लेकिन वह हृदय का सच्चा व मन का सरल होता है. देश के युवा नीति, न्याय, सत्य और धर्म पर चलें, क्योंकि यही हमारी असली शक्ति होती है.

दरअसल, जिले के गुलाबपुरा कस्बे में नगरपालिका की ओर से तीन दिवसीय विशाल दशहरे मेले का आयोजन किया गया था, जहां मेले के अंतिम दिन रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का दहन किया गया. इस दौरान नाइटिंज के मशहूर टीवी शो रामायण में भगवान श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल व लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने शिरकत की.

पढ़ें : SPECIAL: 75 करोड़ में तैयार हुआ कोटा का दशहरा ग्राउंड, 2 साल में कमाए महज 5 लाख

सुनाया रावण वध का वृतांत : उन्होंने रामायण के एक भाग का वृतांत सुनाते हुए कहा कि रावण की मृत्यु से पहले रावण का सामना सुग्रीव, जामवंत व राम भक्त हनुमान से हुआ. जब रावण भगवान श्री राम के सामने पहुंचा, उस समय भगवान श्री राम ने रावण के रथ को तहस-नहस कर दिया. देवरथ पर चढ़कर युद्ध लड़ने वाला रावण मैदान में धरती पर निहत्था खड़ा था. तब राम ने कहा था कि भगवान शिव के त्रिशूल की भांति प्रचंड पवन पुत्र हनुमान की मुष्ठिका के प्रहार को सहने वाले रावण तुम सचमुच में शक्तिशाली हो, लेकिन दुख की बात है कि तुमने अपनी शक्ति अधर्म के कार्य में लगा दी.

उन्होंने कहा कि युद्ध जीतने के लिए अस्त्र-शस्त्रों की आवश्यकता नहीं होती है, आवश्यकता होती है धर्म और आध्यात्मिक शक्ति की. तुम्हारे यहां ना कोई नीति है और ना कोई धर्म, लेकिन हमारे यहां युद्ध का भी धर्म होता है. निहत्थे शत्रु पर हम कभी वार नहीं करते. इस प्रकार अरुण गोविल ने रावण के संहार तक का वृतांत सुनाया, जिसे सुनकर कार्यक्रम में मौजूद दर्शक भावविभोर हो गए. उन्होंने अंत में कहा कि रावण का अंत उन्होंने शब्दों में तो बयां कर दिया है, लेकिन अब समय आ गया है कि इस रावण के सिम्बोलिक पुतले का भी दहन किया जाए.

गुलाबपुरा के दशहरे मेले में पहुंचे अरुण गोविल

भीलवाड़ा. धारावाहिक रामायण में भगवान श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने जिले के गुलाबपुरा में मंगलवार को दशहरा मेले में शिरकत की थी. इस दौरान आमजन को संबोधित करते हुए युवाओं को धर्म व नीति पर चलने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को रावण के पद चिन्हों के बजाय भगवान श्री राम के पद चिन्हों पर चलना चाहिए. भक्त चाहे कितना भी मूर्ख हो, लेकिन वह हृदय का सच्चा व मन का सरल होता है. देश के युवा नीति, न्याय, सत्य और धर्म पर चलें, क्योंकि यही हमारी असली शक्ति होती है.

दरअसल, जिले के गुलाबपुरा कस्बे में नगरपालिका की ओर से तीन दिवसीय विशाल दशहरे मेले का आयोजन किया गया था, जहां मेले के अंतिम दिन रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का दहन किया गया. इस दौरान नाइटिंज के मशहूर टीवी शो रामायण में भगवान श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल व लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने शिरकत की.

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सुनाया रावण वध का वृतांत : उन्होंने रामायण के एक भाग का वृतांत सुनाते हुए कहा कि रावण की मृत्यु से पहले रावण का सामना सुग्रीव, जामवंत व राम भक्त हनुमान से हुआ. जब रावण भगवान श्री राम के सामने पहुंचा, उस समय भगवान श्री राम ने रावण के रथ को तहस-नहस कर दिया. देवरथ पर चढ़कर युद्ध लड़ने वाला रावण मैदान में धरती पर निहत्था खड़ा था. तब राम ने कहा था कि भगवान शिव के त्रिशूल की भांति प्रचंड पवन पुत्र हनुमान की मुष्ठिका के प्रहार को सहने वाले रावण तुम सचमुच में शक्तिशाली हो, लेकिन दुख की बात है कि तुमने अपनी शक्ति अधर्म के कार्य में लगा दी.

उन्होंने कहा कि युद्ध जीतने के लिए अस्त्र-शस्त्रों की आवश्यकता नहीं होती है, आवश्यकता होती है धर्म और आध्यात्मिक शक्ति की. तुम्हारे यहां ना कोई नीति है और ना कोई धर्म, लेकिन हमारे यहां युद्ध का भी धर्म होता है. निहत्थे शत्रु पर हम कभी वार नहीं करते. इस प्रकार अरुण गोविल ने रावण के संहार तक का वृतांत सुनाया, जिसे सुनकर कार्यक्रम में मौजूद दर्शक भावविभोर हो गए. उन्होंने अंत में कहा कि रावण का अंत उन्होंने शब्दों में तो बयां कर दिया है, लेकिन अब समय आ गया है कि इस रावण के सिम्बोलिक पुतले का भी दहन किया जाए.

Last Updated : Oct 26, 2023, 11:12 AM IST
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