भीलवाड़ा. मंगलवार को पांच और कोरोना पोजिटिव मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने आपातकालीन बैठक बुलाकर सीमाओं को और सघन तरीके से सील बंद करने के आदेश दिए. जिसका असर शहर में बुधवार को देखने को मिला.
ईटीवी भारत की टीम ने जमीनी धरातल पर पड़ताल की तो आज बिना पास किसी को भी शहर में एंट्री नहीं दी जा रही है. भीलवाड़ा-अजमेर राजमार्ग पर मांडल के निकट एंट्री प्वाइंट बनाया हुआ है जहां आने वाली हर नागरिक की स्क्रीनिंग और कोरोना रिपोर्ट होने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है.
वहीं पास धारी व्यक्ति की स्क्रीनिंग के पश्चात ही प्रवेश दिया जा रहा है. परिवहन निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के निर्देश पर वो वहां मौजूद हैं. बिना कोरोना नेगेटिव जांच रिपोर्ट के किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.
आवश्यक सेवाओं के अलावा सभी की सघन जांच करने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी प्रत्येक वाहन को रोककर उनको मास्क लगाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने के निर्देश दे रहे हैं.
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दरअसल, प्रदेश में कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई. शहर में 20 मार्च से कर्फ्यू लगा हुआ है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में लॉकडाउन है. कर्फ्यू को आज 1 माह 2 दिन बीत चुके हैं. सभी अपने-अपने घरो में कैद हैं. इसके बावजूद भी मंगलवार को 5 कोरोना पोजिटिव मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट हो गया.