भीलवाड़ा. जिले की सात विधानसभा सीटों में से मांडल सबसे हॉट सीट बनी हुई है. कांग्रेस की ओर से राजस्व मंत्री रामलाल जाट व भाजपा की ओर से उदयलाल भड़ाना चुनावी मैदान में हैं. इस सीट की खास बात यह है कि यहां से जो भी उम्मीदवार जीता है, उसी की पार्टी की सरकार राजस्थान में बनी है. मांडल में काफी रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है. यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है. साथ ही यहां से तीन अन्य प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं.
वैसे तो मांडल विधानसभा क्षेत्र से पांच उम्मीदवार मैदान में हैं, जो जनता के बीच जाकर अपने-अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं. राजस्व मंत्री व कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल जाट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की उपलब्धियां के साथ ही अपनी ओर से विधानसभा क्षेत्र में करवाये गए विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रत्याशी उदयलाल भड़ाना भी मोदी सरकार की योजनाओं के साथ ही प्रदेश सरकार की विफलता व हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं.
इस सीट पर जो जीता, उसकी बनी सरकार : मांडल सीट की खास बात यह है कि यहां से जिस भी पार्टी का विधायक विजयी होता है, उसी पार्टी की प्रदेश में सरकार बनती है. वर्ष 2008 के चुनाव में यहां भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर व कांग्रेस की ओर से वर्तमान प्रत्याशी राजस्व मंत्री रामलाल जाट के बीच मुकाबला था. रामलाल जाट को 58,696 और भाजपा प्रत्याशी कालू लाल गुर्जर को 56,380 मत मिले थे. ऐसे में 2316 मतों से काग्रेस से रामलाल जाट विजय हुए. साथ ही प्रदेश में सरकार भी कांग्रेस की बनी. जिसके बाद रामलाल जाट प्रदेश में वन, पर्यावरण एवं खान मंत्री बने. वहीं, वर्ष 2013 के चुनाव में यहां भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर व कांग्रेस की ओर से भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष रामपाल शर्मा मैदान में थे.
भाजपा प्रत्याशी कालू लाल गुर्जर को 91,813 और कांग्रेस प्रत्याशी रामपाल शर्मा को 50,379 मत मिले थे. ऐसे में कालू लाल गुर्जर 41,334 मतों से विजयी हुए. उस वक्त प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, जिसमें कालू लाल गुर्जर सरकारी मुख्य सचेतक बने. वर्ष 2018 के चुनाव में तो चतुष्कोणीय मुकाबला था. जहां भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर और कांग्रेस की ओर से रामलाल जाट थे. रामलाल जाट को 59,645 व कांग्रेस से बागी प्रद्युम्न सिंह को 51,580, भाजपा से कालू लाल गुर्जर को 47,726 तो वहीं भाजपा के बागी वर्तमान भाजपा प्रत्याशी उदयलाल भड़ाना को 23147 मत मिले. ऐसे में रामलाल जाट कांग्रेस से बागी प्रद्युमन सिंह से 8065 मतों से विजयी हुए थे और प्रदेश सरकार में मंत्री बने.
पढ़ें : वल्लभनगर में बीजेपी को मिलेगा मौका या प्रीति करेंगी वापसी, क्या भिंडर का चलेगा जादू ?
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बागी निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रदुम्न सिंह ने वापस कांग्रेस का हाथ थाम लिया और वर्तमान में कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल जाट को समर्थन दे रहे हैं. वहीं, 2018 में भाजपा के बागी उदयलाल भड़ाना पर पार्टी ने विश्वास जताकर इस बार उम्मीदवार बना दिया है.
गुरु व शिष्य के रिश्तों में आया सुधार : पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर के खिलाफ उदयलाल भड़ाना चुनावी मैदान में उतर गए थे, जिसके कारण भाजपा प्रत्याशी गुर्जर को हार का सामना करना पड़ा था. उदयलाल कालु लाल के ही राजनीतिक शिष्य हैं. इस विधानसभा चुनाव में कालू लाल गुर्जर भी भाजपा के टिकट के लिए प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए उदयलाल पर विश्वास जताया है. टिकट वितरण के बाद कालू लाल गुर्जर कुछ दिनों तक चुनावी मैदान में नजर नहीं आए और चुप्पी सादे रहे, लेकिन भाजपा आलाकमान की ओर से पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर को समझाने के बाद अब गुरु शिष्य के लिए प्रचार में जुट गए हैं.
पढ़ें : Rajasthan Live News : बीकानेर में राहुल गांधी का रोड शो 16 नवंबर को
मांडल के चुनावी मुद्दे : वैसे तो मांडल विधानसभा क्षेत्र में कोई प्रभावी चुनावी मुदा नहीं है, लेकिन मुख्यत: यहां सिंचाई के पानी की कमी के कारण क्षेत्र के लोग दूसरे राज्य में पलायन को मजबूर हैं. ऐसे में यहां रोजगार सृजन करने की आवश्यकता है. कांग्रेस प्रत्याशी अपनी सरकार की उपलब्धियों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रत्याशी उदयलाल भडाना भी मोदी सरकार की योजनाओं के साथ ही हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर जनसंपर्क कर रहे हैं. लुहारिया गांव में स्कूली छात्राओं की बोतल में पेशाब मिलाने की घटना हो या माण्डल कस्बे में जलझूलनी एकादशी के मौके पर भगवान श्री चारभुजा नाथ के बेवाण रोकने के मामला, इन मुद्दों को लेकर भाजपा प्रमुखता से चुनावी मैदान में जा रही है.
विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता : मांडल विधानसभा क्षेत्र में कुल 2 लाख 71 हजार 134 मतदाता हैं. इनमें से 63 सर्विस वोटर हैं. ये सभी मतदाता मांडल विधानसभा क्षेत्र के पांच प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे.
पढ़ें : Rajasthan Election 2023 : भाजपा प्रत्याशी सिद्धि के खिलाफ बुआ राज्यश्री कुमारी ने की शिकायत
भाजपा प्रत्याशी उदयलाल भडाना का मजबूत पक्ष :
- वर्ष 2018 में भाजपा से बागी होकर चुनाव मैदान में जाना.
- लगातार 5 वर्ष जनता के बीच रहना.
- भाजपा के बड़े नेताओं का साथ.
- 2018 में निर्दलीय चुनावी हार के कारण क्षेत्र में मतदाताओं की सहानुभूति.
- खुद की बिरादरी के वोटों का समर्थन.
- हिंदूवादी छवि.
उदयलाल भड़ाना का कमजोर पक्ष :
- अल्पसंख्यक समाज की दूरी.
- लंबा राजनीतिक अनुभव नहीं.
कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल जाट का मजबूत पक्ष :
- अल्पसंख्यक व एससी के मतदाताओं का साथ होना.
- क्षेत्र में कांग्रेस के सभी राजनेता व कार्यकर्ता एकजुट.
- 5 साल में विकास से सभी जाति के लोगों का जुड़ाव.
कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल जाट का कमजोर पक्ष :
- कई जगहों पर विकास न होने से विरोध.
- कांग्रेस के परंपरागत वोटर्स का इस बार भाजपा प्रत्याशी की तरफ झुकाव.
जाति के अनुसार वोटर :
गुर्जर- 55000, गाडरी-20000, रावत- 5000, जाट- 22000, माली- 7000, कुमावत -8000, मुस्लिम- 12000, ब्राह्मण- 19000, जैन धर्म - 8000, राजपूत- 15000, नाथ- 5000, एससी - 35000, एसटी -20000, रेबारी - 3000, कीर - 3000.