भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल आरबीएम में अब एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है, लेकिन अपना घर आश्रम की एक महिला बीते पांच माह से कोरोना का दंश झेल रही है. चिकित्सक इस महिला की अब तक 31 बार जांच कर चुके हैं लेकिन हर बार महिला की कोरोना पॉजिटिव आ रही है. जो चिकित्सकों के लिए पहेली बना हुआ है. बीते 5 माह से इस दंश को झेल रही महिला को अब आश्रम प्रबंधन उपचार के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल भेजने की तैयारी कर रहा है.
आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने ईटीवी भारत को बताया कि शारदा नाम की महिला को बझेरा गांव से आश्रम लाया गया था. महिला की पहली जांच 28 अगस्त 2020 को कराई गई थी, जो कि पॉजिटिव पाई गई. इसके बाद उन्हें संभाग से सबसे बड़े अस्पताल आरबीएम भेजा गया, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने मरीज की मानसिक और शारीरिक स्थिति देखकर उनके साथ एक अटेंडेंट रखने की बात कही. बाद में विमंदित महिला को अपना घर आश्रम के क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया.
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रिपोर्ट पॉजिटिव, लेकिन मरीज स्वस्थ
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि शारदा के पॉजिटिव आने के बाद अब तक कुल 31 बार टेस्ट कराए जा चुके हैं, लेकिन हर बार रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. उपचार के लिए चिकित्सकों की देखरेख में महिला को आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और एलोपैथिक दवाइयां भी दी जा रही है. डॉ. भारद्वाज के मुताबिक महिला शारदा खुद को पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रही हैं. लेकिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आना चिंता का विषय है.
5 माह से क्वॉरेंटाइन सेंटर में
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने की वजह से मरीज शारदा को लगातार दो कमरे आइसोलेशन में रखा गया है. चिकित्सकों ने भी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही आइसोलेशन से बाहर सामान्य लोगों के साथ रहने की हिदायत दी है. गौरतलब है कि जिले के अस्पतालों में अब कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं हैं, लेकिन अपना घर आश्रम की महिला मरीज ने चिकित्सकों की चिंता बढ़ा रखी है.
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अमूमन कोरोना मरीज को 10 से 14 दिन के क्वॉरेंटाइन में रखा जाता है और अधिकतर मामलों में मरीज स्वस्थ भी हो जाता है. लेकिन शारदा की कोरोना रिपोर्ट लगातार पॉजिटिव आने की वजह से ही अब आश्रम प्रबंधन ने उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.