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पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मंत्री भंवर सिंह भाटी को लिखा पत्र, जानिए क्यों हैं खफा

एक बार फिर राजस्थान के दो मंत्री आमने-सामने हैं, लेकिन इस बार मसला सियासी न होकर बिजली कटौती से जुड़ा है. वहीं, राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने उक्त मसले को लेकर ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी (Two ministers of Rajasthan clashed over power cuts) जाहिर की है.

Two ministers of Rajasthan clashed over power cuts
Two ministers of Rajasthan clashed over power cuts
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Published : May 24, 2023, 10:44 AM IST

भरतपुर. राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने नाराजगी जताते हुए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को तल्ख अंदाज में पत्र लिखा है. उद्योगों की तर्ज पर होटलों को भी शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक पीक डिमांड की 5% बिजली उपयोग की पाबंदी को मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गलत ठहराया है. मंत्री ने पत्र में लिखा है कि ऊर्जा विभाग पर्यटन इकाइयों को बाकी उद्योगों के साथ एक ही डंडे से हांक रहा है.

मंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा कि शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक यदि होटलों में बिजली नहीं रहेगी, होटल अंधेरे में डूबे रहेंगे तो उनमें कौन रुकेगा. सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा इसलिए की थी ताकि पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़े, लेकिन ऊर्जा विभाग तो बाकी उद्योगों की तरह पर्यटन इकाइयों को भी एक ही डंडे से हांक रहा है. क्या मुख्यमंत्री ने ये दिन देखने के लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया था?

होटल व फैक्ट्री एक नहीं - मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने लिखा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिला है, लेकिन फैक्ट्री और होटल एक नहीं हैं. फैक्ट्री में उत्पादन होता है, जिसे रात के समय बंद किया जा सकता है. जबकि होटल में पर्यटक रुकते हैं, जिनके लिए रात को भी बिजली होना जरूरी है. उन्होंने लिखा कि ऊर्जा विभाग को पर्यटन व्यवसाय को आवश्यक सेवा मानते हुए होटलों को पीक डिमांड में 5% बिजली उपयोग करने की पाबंदी से अलग करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें - पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने डीग में ली कार्यकर्ताओं की बैठक

प्रदेश के 800 होटल प्रभावित - असल में प्रदेश में पर्यटन विभाग की ओर से एंटरटेनमेंट सर्टिफिकेट प्राप्त 800 से अधिक होटल ऊर्जा विभाग के इस नियम की चपेट में हैं. डिस्कॉम होटल संचालकों को नोटिस भेज रहा है. पालना नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इससे होटल संचालक परेशान हैं.

भरतपुर. राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने नाराजगी जताते हुए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को तल्ख अंदाज में पत्र लिखा है. उद्योगों की तर्ज पर होटलों को भी शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक पीक डिमांड की 5% बिजली उपयोग की पाबंदी को मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गलत ठहराया है. मंत्री ने पत्र में लिखा है कि ऊर्जा विभाग पर्यटन इकाइयों को बाकी उद्योगों के साथ एक ही डंडे से हांक रहा है.

मंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा कि शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक यदि होटलों में बिजली नहीं रहेगी, होटल अंधेरे में डूबे रहेंगे तो उनमें कौन रुकेगा. सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा इसलिए की थी ताकि पर्यटन क्षेत्र में निवेश बढ़े, लेकिन ऊर्जा विभाग तो बाकी उद्योगों की तरह पर्यटन इकाइयों को भी एक ही डंडे से हांक रहा है. क्या मुख्यमंत्री ने ये दिन देखने के लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया था?

होटल व फैक्ट्री एक नहीं - मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने लिखा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिला है, लेकिन फैक्ट्री और होटल एक नहीं हैं. फैक्ट्री में उत्पादन होता है, जिसे रात के समय बंद किया जा सकता है. जबकि होटल में पर्यटक रुकते हैं, जिनके लिए रात को भी बिजली होना जरूरी है. उन्होंने लिखा कि ऊर्जा विभाग को पर्यटन व्यवसाय को आवश्यक सेवा मानते हुए होटलों को पीक डिमांड में 5% बिजली उपयोग करने की पाबंदी से अलग करना चाहिए.

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