भरतपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा ने 41 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. पहली सूची जारी होने के साथ ही टिकट कटने वाले भाजपा नेताओं की बगावत भी सामने आने लगी है. नगर से पूर्व विधायक अनीता सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है वहीं वैर में एक महिला कार्यकर्ता ने बगावत कर दी है. इस बीच भाजपा जिलाध्यक्ष और भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुकी ऋतु बनावत के पति ऋषि बंसल का कहना है कि भाजपा टिकट देती है, तो ऋतु बनावत चुनाव लड़ेगी. हालांकि टिकट नहीं मिलने के बाद क्या होगा, इस सवाल को वे टाल गए.
बंसल ने कहा कि भाजपा जिताऊ कैंडिडेट को टिकट देगी और जिस कैंडिडेट का नाम सर्वे में ऊपर होगा, उसे तवज्जो दी जाएगी. बंसल ने कहा कि ऋतु बनावत की अपनी अलग पहचान है. वो 2018 में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में बयाना सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. हालांकि किसी कारण से वो चुनाव हार गईं, लेकिन फिर भी उन्हें 81 हजार वोट मिले थे, जो कि बयाना के कुल मतदान का 46% से अधिक था. उसके बाद से ऋतु लगातार 5 साल से क्षेत्र में सक्रिय है.
बंसल ने कहा कि यदि भाजपा ऋतु बनावत को टिकट देती है, तो वो चुनाव लड़ेंगी. लेकिन बंसल से जब पूछा गया कि यदि ऋतु बनावत को भाजपा टिकट नहीं देती है, तो ऐसी स्थिति में बनावत चुनाव लड़ेंगी या पार्टी के साथ रहेंगी? इस बात पर उन्होंने किनारा करते हुए कहा कि ये उनका स्वयं का निर्णय होगा. उनका खुद का अस्तित्व है. इस पर भाजपा जिलाध्यक्ष होने के नाते मैं कुछ नहीं कह सकता. मेरे लिए सभी बराबर हैं.
नगर, वैर में भाजपा के पुराने नेताओं का टिकट कटने के सवाल पर बंसल ने कहा कि पार्टी जिताऊ और टिकाऊ कैंडिडेट को ही टिकट दे रही है. बाकी चर्चाएं तो बहुत चल रही हैं, उनका कोई मतलब नहीं. बंसल ने कहा कि हम पति-पत्नी हैं ये अलग बात है. उनकी पहचान मेरे जिलाध्यक्ष होने से नहीं है. बल्कि वो खुद छात्र राजनीति से आई हैं. उनकी अपनी अलग पहचान है, अलग अस्तित्व है. बंसल ने कहा कि जब से मैं जिलाध्यक्ष बना हूं तब से मैं 5 दिन ही अपनी विधानसभा (बयाना, जहां निवास है) गया हूं.
जिलाध्यक्ष के नाते मेरी अलग हैसियत है, ऋतु की अलग. उनके निर्णय में ना तो मेरा हस्तक्षेप होगा और ना ही सहभागिता. वर्ष 2013 में ऋतु बनावत ने भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ा था. इस पर बंसल ने कहा कि वर्ष 2013 की बात और थी. उसके बाद तो 2018 में भाजपा ने उन्हें अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़वाया. अब आगे यदि सर्वे में उनका नाम होगा और पार्टी को जिताऊ कैंडिडेट लगेंगी तो टिकट देगी. नहीं तो पार्टी जाने और वो जाने. गौरतलब है कि भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद कई भाजपा नेताओं के टिकट कट गए हैं, जिसके बाद नेता बगावत पर उतर आए हैं.