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भरतपुरः सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा प्राथमिक विद्यालय, 2 दिन तक नहीं बना पोषाहार - Bharatpur Primary School News

कामां क्षेत्र के गांव अगरावली स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है. विद्यालय में 2 दिन तक बच्चों को पोषाहार नहीं मिला. वहीं, बुधवार को विद्यालय में आपातकालीन मीटिंग बुलाकर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 2 दिन बाद पोषाहार बनवाया.

अगरावली राजकीय प्राथमिक विद्यालय,  Agrawali Government Primary School
सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा प्राथमिक विद्यालय
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Published : Mar 5, 2020, 3:40 AM IST

कामां (भरतपुर). जिले के कामां क्षेत्र के गांव अगरावली स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है. विद्यालय में 2 दिन तक बच्चों को पोषाहार नहीं मिला, जिसके बाद संस्था प्रधान ने विद्यालय में आपातकालीन मीटिंग बुलाकर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 2 दिन बाद पोषाहार बनवाया. वहीं, बिजली, पानी और भवन की समस्या से भी विद्यालय जूझ रहा है.

सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा प्राथमिक विद्यालय

जानकारी के अनुसार कामां क्षेत्र के गांव अगरावली स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 170 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिन्हें अध्ययन कराने के लिए 5 अध्यापक विद्यालय में कार्यरत हैं. संस्था प्रधान की ओर से समय-समय पर विद्यालय में सुविधा बढ़ाए जाने की मांग के लिए विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जाता है. साथ ही ग्रामीणों की ओर से भी स्थानीय प्रशासन से विद्यालय में भवन, बिजली और पानी सहित अन्य सुविधा मुहैया कराए जाने की मांग की जा रही है.

पढ़ें- कोरोना पॉजिटिव मरीज को आरयूएचएस में रखने पर लोगों ने जताया विरोध, बीमारी फैलने का बताया खतरा

बताया जा रहा है कि विद्यालय में पोषाहार प्रभारी और पोषाहार बनाने वाली सहायिका में खाना बनाने को लेकर कोई मामूली कहासुनी हो गई, जिसके कारण 2 दिन तक विद्यालय में बच्चों का पोषाहार नहीं बन पाया. वहीं मामले को लेकर संस्था प्रधान का कहना है कि पोषाहार बनाने वाली महिला के परिवार में कुछ परेशानी है, जिस कारण वह 2 दिन से नहीं आई है और उसकी रजिस्टर में छुट्टी भी लगा दी गई है.

पढ़ें- स्कूल प्रशासन की लापरवाहीः हिस्ट्री विषय की जगह भर दिया हिन्दी साहित्य

मामले को लेकर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अमर सिंह ने बताया कि मामले में संस्था प्रधान ने अवगत कराया कि पोषाहार बनाने वाली महिला के परिवार में कोई मौत हो गई थी, जिस कारण वह 2 दिन से विद्यालय नहीं आने की वजह से 2 दिन से पोषाहार नहीं बना है. जिसके चलते अन्य महिला से पोषाहार बनवाया गया है. वहीं मामले में अगर और कोई पहलू है तो उसकी जांच कराई जाएगी.

विद्यालय में नहीं है पानी की व्यवस्था

विद्यालय में बच्चों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके बाद बच्चे पानी पीने के लिए विद्यालय समय में ही अपने घर जाते हैं. वहीं, स्टाफ को भी अपने घर से ही बोतलों में विद्यालय में पानी लेकर जाना पड़ता है. बता दें कि कुछ दिन पहले गांव के लोगों पर बिल बकाया चल रहा था, जिसके चलते विद्युत विभाग ने कनेक्शन काट दिए. इसका खामियाजा विद्यालय स्टाफ और बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है.

कामां (भरतपुर). जिले के कामां क्षेत्र के गांव अगरावली स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है. विद्यालय में 2 दिन तक बच्चों को पोषाहार नहीं मिला, जिसके बाद संस्था प्रधान ने विद्यालय में आपातकालीन मीटिंग बुलाकर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 2 दिन बाद पोषाहार बनवाया. वहीं, बिजली, पानी और भवन की समस्या से भी विद्यालय जूझ रहा है.

सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा प्राथमिक विद्यालय

जानकारी के अनुसार कामां क्षेत्र के गांव अगरावली स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में 170 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिन्हें अध्ययन कराने के लिए 5 अध्यापक विद्यालय में कार्यरत हैं. संस्था प्रधान की ओर से समय-समय पर विद्यालय में सुविधा बढ़ाए जाने की मांग के लिए विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जाता है. साथ ही ग्रामीणों की ओर से भी स्थानीय प्रशासन से विद्यालय में भवन, बिजली और पानी सहित अन्य सुविधा मुहैया कराए जाने की मांग की जा रही है.

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बताया जा रहा है कि विद्यालय में पोषाहार प्रभारी और पोषाहार बनाने वाली सहायिका में खाना बनाने को लेकर कोई मामूली कहासुनी हो गई, जिसके कारण 2 दिन तक विद्यालय में बच्चों का पोषाहार नहीं बन पाया. वहीं मामले को लेकर संस्था प्रधान का कहना है कि पोषाहार बनाने वाली महिला के परिवार में कुछ परेशानी है, जिस कारण वह 2 दिन से नहीं आई है और उसकी रजिस्टर में छुट्टी भी लगा दी गई है.

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मामले को लेकर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अमर सिंह ने बताया कि मामले में संस्था प्रधान ने अवगत कराया कि पोषाहार बनाने वाली महिला के परिवार में कोई मौत हो गई थी, जिस कारण वह 2 दिन से विद्यालय नहीं आने की वजह से 2 दिन से पोषाहार नहीं बना है. जिसके चलते अन्य महिला से पोषाहार बनवाया गया है. वहीं मामले में अगर और कोई पहलू है तो उसकी जांच कराई जाएगी.

विद्यालय में नहीं है पानी की व्यवस्था

विद्यालय में बच्चों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके बाद बच्चे पानी पीने के लिए विद्यालय समय में ही अपने घर जाते हैं. वहीं, स्टाफ को भी अपने घर से ही बोतलों में विद्यालय में पानी लेकर जाना पड़ता है. बता दें कि कुछ दिन पहले गांव के लोगों पर बिल बकाया चल रहा था, जिसके चलते विद्युत विभाग ने कनेक्शन काट दिए. इसका खामियाजा विद्यालय स्टाफ और बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा है.

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