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भरतपुर: रोडवेज बसों से उत्तर प्रदेश की सीमा पर छोड़े जा रहे प्रवासी मजदूर

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Published : May 2, 2020, 4:42 PM IST

लॉकडाउन में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को राजस्थान रोडवेज बसों के जरिए उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर छोड़ा जा रहा है. भरतपुर से बॉर्डर पर एक ट्रांजिट कैंप स्थापित किया गया है, जहां से प्रवासियों की गिनती कर उन्हें उत्तर प्रदेश की सीमा में भेजा जा रहा है. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार बसों से मजदूरों को उनके क्षेत्र में भेज रही है.

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रोडवेज बसों से उत्तर प्रदेश की सीमा पर छोड़े जा रहे प्रवासी मजदूर

भरतपुर. लॉकडाउन के कारण प्रदेश में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को राजस्थान रोडवेज की बसों के जरिए उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर छोड़ने का अभियान जारी है. जहां उत्तर प्रदेश के मथुरा बॉर्डर से सटे हुए जिले भरतपुर बॉर्डर पर एक ट्रांजिट कैंप स्थापित किया गया है. जहां से सभी की गिनती कर प्रवासी श्रमिकों को उनके प्रदेश उत्तर प्रदेश की सीमा में भेजा जा रहा है.

रोडवेज बसों से उत्तर प्रदेश की सीमा पर छोड़े जा रहे प्रवासी मजदूर

इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार उनको बसों के जरिए अपने-अपने इलाकों में भेजने के काम कर रही है. इसके लिए बॉर्डर पर दोनों राज्यों के अधिकारी मौजूद हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हजारों मजदूरों को उत्तर प्रदेश सीमा में भेजने का काम किया जा रहा है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर स्थित पुलिस चौकी पर ट्रांजिट कैंप बनाकर श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सीमा में छोड़ा जा रहा है.

पढ़ें- अजमेर में कोरोना से पहली मौत, 45 साल से शख्स ने JLN अस्तपाल में तोड़ा दम

इस दौरान मजदूर बसों में भारी भीड़ के साथ यात्रा करने को मजबूर हैं और ट्रकों पर ऊपर बैठकर भी यात्रा कर रहे हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही हैं. प्रदेश में रहकर मजदूरी कर रहे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मजदूरों को उनके राज्यों को वापस बसों के जरिये उनके राज्य के बॉर्डर पर भेजा जा रहा है. बॉर्डर पर राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी तैनात होकर इस अभियान को सफल बना रहे हैं.

भरतपुर. लॉकडाउन के कारण प्रदेश में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को राजस्थान रोडवेज की बसों के जरिए उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर छोड़ने का अभियान जारी है. जहां उत्तर प्रदेश के मथुरा बॉर्डर से सटे हुए जिले भरतपुर बॉर्डर पर एक ट्रांजिट कैंप स्थापित किया गया है. जहां से सभी की गिनती कर प्रवासी श्रमिकों को उनके प्रदेश उत्तर प्रदेश की सीमा में भेजा जा रहा है.

रोडवेज बसों से उत्तर प्रदेश की सीमा पर छोड़े जा रहे प्रवासी मजदूर

इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार उनको बसों के जरिए अपने-अपने इलाकों में भेजने के काम कर रही है. इसके लिए बॉर्डर पर दोनों राज्यों के अधिकारी मौजूद हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हजारों मजदूरों को उत्तर प्रदेश सीमा में भेजने का काम किया जा रहा है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर स्थित पुलिस चौकी पर ट्रांजिट कैंप बनाकर श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सीमा में छोड़ा जा रहा है.

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इस दौरान मजदूर बसों में भारी भीड़ के साथ यात्रा करने को मजबूर हैं और ट्रकों पर ऊपर बैठकर भी यात्रा कर रहे हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही हैं. प्रदेश में रहकर मजदूरी कर रहे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मजदूरों को उनके राज्यों को वापस बसों के जरिये उनके राज्य के बॉर्डर पर भेजा जा रहा है. बॉर्डर पर राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी तैनात होकर इस अभियान को सफल बना रहे हैं.

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