भरतपुर. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर वर्ष सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार 73 वर्ष बाद सूर्य की चाल बदलने के कारण मकर संक्रांति 14 के बजाय 15 जनवरी को मनाई जाएगी. इसी के चलते इस बार स्नान और दान का शुभ दिन 15 जनवरी रहेगा.
पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 73 साल में सूर्य की एक अंश चाल बदलती है. सूर्य की चाल का एक अंश पृथ्वी के 24 घंटे के बराबर होता है. इस बार सूर्य की चाल 22 दिसंबर 2023 को एक अंश खिसक गई है, यानी 24 घंटे। यही वजह है कि 73 साल बाद अब सूर्य 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश कर रहा है.
पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि अब अगले 73 साल तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी. मकर संक्रांति के स्नान और दान का महत्व भी इसी दिन का रहेगा. अब सूर्य की चाल में वर्ष 2097 में परिवर्तन आएगा. उसके बाद मकर संक्रांति पर्व 16 जनवरी को मनाया जाएगा.
इन वस्तुओं का करें दान : मकर संक्रांति के दिन महिलाएं 14 वस्तुएं मंसती हैं. महिलाएं इन वस्तुओं को अपनी सुहागिन सास, ननद को दान करती हैं. इनमें 12 वस्तुएं हर माह की संक्रांत और दो अतिरिक्त रखी जाती हैं. माना जाता है कि इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं, साथ ही श्वान को शनिदेव का वाहन माना गया है. इसलिए मकर संक्रांति के दिन श्वान को भी तिल, गजक या अन्य खाद्य पदार्थ खिलाएं, साथ ही गाय को हरा चारा खिलाने से भी शनि प्रसन्न होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है.