भरतपुर. जिले के बयाना क्षेत्र के गांव नावली में 5 साल पहले पंचायत में महिला के साथ मारपीट व प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मंगलवार को बयाना अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने कड़ा फैसला सुनाया है. मामले में न्यायाधीश ने पंच समेत 6 लोगों को दोषी करार देते हुए 7-7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सभी 6 आरोपियों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है
यह था मामलाः अपर लोक अभियोजक हंसराम गुर्जर ने बताया कि एक लड़की से छेड़छाड़ के मामले में 22 फरवरी 2018 को गांव नावली में ग्रामीणों की पंचायत हुई थी. पंचायत के दौरान पंच सैनसिंह जाटव ने महिला को दोषी ठहराते हुए कान पकड़कर 5 दंड लगाने की सजा सुनाई. महिला ने अपना पक्ष रखते हुए आरोपियों के बारे में बताया, लेकिन पंचायत ने पीड़िता की नहीं सुनी. जब पंचों ने पीड़िता का पक्ष मानने से इनकार कर दिया तो महिला ने भी पंचायत में फैसला मानने से इनकार कर दिया.
फैसला नहीं मानने की पर थी मारपीटः पीड़िता के फैसला नहीं मानने पर पंचायत में मौजूद कुछ लोगों ने महिला के साथ मारपीट कर दी. पंचायत में मारपीट, बेइज्जती और प्रताड़ना से आहत होकर रीना ने उसी रात आत्महत्या कर ली थी. घटना को लेकर रीना के जेठ अमर सिंह ने मारपीट करने वाले और पंचायत में फैसला सुनाने वाले नामजद लोगों के खिलाफ बयाना थाने में मामला दर्ज कराया था. मामले में दोनों पक्षों को सुनने, गवाह और सबूतों के आधार पर एडीजे संख्या एक की न्यायाधीश रेखा यादव ने नावली निवासी 6 आरोपियों सैनसिंह जाटव, प्रकाश जाटव और गोरेलाल तथा गांव ललिता मूड़िया (हलैना) निवासी रामभरोसी, विष्णु और सुनील जाटव को 7-7 साल के कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.