जयपुर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से शनिवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 'सिक्योरिंग कांविक्शन इन एसीबी कोर्ट-द वे फॉरवर्ड' विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि डीजी एसीबी डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा और विशिष्ट अतिथि सचिव विधि (गृह) रवि शर्मा ने किया. मेहरड़ा ने कहा कि एसीबी कोर्ट एवं अनुसंधान अधिकारियों के आपसी समन्वय और तथ्यों की प्रभावी जांच से ही आमजन को त्वरित न्याय मिलेगा.
कार्यशाला में अभियोजन और जांच अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. सजा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी और तकनीकी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया. विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और ज्ञान साझा किए. एसीबी डीजी डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से यह कार्यशाला आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य है कि विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में पदस्थापित विशेष लोक अभियोजक और एसीबी के अनुसन्धान अधिकारियों को एक प्लेटफार्म पर लाकर आपसी समस्या, अनुभवों को साझा कर चर्चा करना, जिससे टीम भावना को बढ़ावा मिले. साथ ही राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को भी हम मजबूती से लागू कर सकते हैं.
मेहरड़ा ने अपने संबोधन में 'इनक्रीसिंग कांविक्शन रेट इन ACB केसेस ब्यूरो परस्पेक्टिव विषय' पर एसीबी कोर्ट में सजा दर बढ़ाने के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की. जांच और अभियोजन अधिकारियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सजा दर सुधारने, अनुसंधान में रहने वाली कमियों को सुधारने के उपायों पर दिशा-निर्देश प्रदान किए. उन्होंने कहा कि प्रभावी जांच, साक्ष्य संग्रह और अभियोजन प्रणाली को मजबूत करना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है.
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विधि (गृह) सचिव रवि शर्मा ने न्यायिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने, भ्रष्टाचार मामलों में प्रभावी कार्रवाई और अभियोजन प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें विभिन्न टीमों का गठन कर पिछले 3 साल के लंबित प्रकरण का विश्लेशन कर अनुसन्धान, प्रोसेक्युशन अधिकारियों और कोर्ट के समन्वय से स्पीड ट्रायल करने की कार्रवाई करनी चाहिए.
एसीबी एडीजी स्मिता श्रीवास्तव ने भ्रष्टाचार मामलों में पारदर्शिता और सजा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि यह प्रथम कार्यशाला है जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में पदस्थापित विशेष लोक अभियोजक और ब्यूरो के अनुसन्धान अधिकारियों को एक प्लेटफार्म पर कार्यशाला के माध्यम से सम्मिलित किया गया है, जिससे आपसी चर्चा कर कमियों को दूर कर सुधार लागू किया जा सकता है.
विशेष लोक अभियोजक सीबीआई राहुल अग्रवाल सत्र में 'भ्रष्टाचार निरोधक मामलों में सजा सुनिश्चित करने की चुनौतियां: लोक अभियोजक की भूमिका' विषय पर लोक अभियोजक की भूमिका, चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से चर्चा की. सेवानिवृत्त आरएचजेएस राजेंद्र चौधरी ने अपने सत्र में 'एसीबी मामलों की जांच और परीक्षण के दौरान सामान्य गलतियां और त्रुटियां' विषय पर अपने सम्बोधन में उन्होंने भ्रष्टाचार के प्रकरण में जांच और परीक्षण प्रक्रिया में होने वाली सामान्य त्रुटियों को रेखांकित किया और उन्हें सुधारने के उपाय सुझाए.