भरतपुर. राज्य सरकार भरतपुर समेत प्रदेश भर में अवैध खनन पर लगाम लगाने के प्रयास करती है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि वो प्रयास सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह जाते हैं. वित्तीय वर्ष की बात करें तो भरतपुर में अवैध खनन के 981 मामले सामने आए (Illegal mining cases in Bharatpur) हैं. जबकि प्रदेशभर में 38 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक जिले में अवैध खनन के 61, अवैध ट्रांसपोर्ट के 906 और अवैध भंडारण के 981 मामले प्रकाश में आए. खान विभाग समेत अन्य विभागों ने सभी मामलों में कार्रवाई कर 8 करोड़ 13 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया. आंकड़ों के अनुसार बीते 3 वर्ष में अवैध खनन, निर्गमान और भंडारण के सर्वाधिक मामले जयपुर में 5817 सामने आए. इसके अलावा भीलवाड़ा में 3717, सवाई माधोपुर में 2387, उदयपुर में 2109, टोंक में 2106 समेत पूरे प्रदेश में 38,353 मामले प्रकाश में आए. अवैध खनन, निर्गमन और भंडारण के मामलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2 अरब 73 करोड़ का जुर्माना वसूला किया.
भरतपुर में इन क्षेत्रों में अवैध खनन: जिले में भरतपुर एमई क्षेत्र में 421 और रूपवास एमई क्षेत्र में 221 वैध खदानें हैं. खान विभाग की ओर से दोनों क्षेत्रों के बयाना, रूपवास, रुदावल, पहाड़ी और कामां में सैंड स्टोन की खदानें जारी कर रखी हैं. लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि जिले के पहाड़ी क्षेत्र में सर्वाधिक अवैध खनन हो रहा है. यहां के धौलेट, विजासना, गादानेर, नागल, छपरा, डाठेट आदि क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है. जिले के पहाड़ी, रुदावल और रूपवास क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे अवैध खनन के खिलाफ बीते काफी समय से भरतपुर सांसद रंजीता कोली ने आवाज उठा रखी है. इस संबंध में जब अभियंता रामनिवास मंगल से बात की तो उन्होंने बताया कि जिले में समय-समय पर अवैध खनन के खिलाफ खान विभाग, वन विभाग और पुलिस विभाग की ओर से संयुक्त कार्रवाई की जाती है. मौके पर अवैध खनन का मामला पाए जाने पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है.