भरतपुर. प्रेदश सरकार आने वाले दिनों में अपना बजट पेश करेगी जिसमें संभावना जताई जा रही हैं कि इस बार पूर्वी राजस्थान का द्वार कहा जाने वाला भरतपुर को इस बजट में सौगात मिल सकता हैं. ऐसा इसलिये भी कहा जा रहा हैं क्योंकि विकास के मामले में यह जिला अभी तक प्रदेश में काफी पिछड़ा हुआ माना जाता है. यहां पीने और सिंचाई के लिए पानी नहीं है. रोजगार के लिए उद्योग धंधे नहीं है और आधारभूत सुविधाएं भी न के बराबर है.
इन सभी बिंदुओं पर विधायक सुभाष गर्ग चिकित्सा राज्य मंत्री हैं जहा भरतपुर जिले से इस बार सरकार में 3 विधायक मंत्री हैं. जिनमे पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और सिविल डिफेंस मंत्री भजन लाल जाटव भी हैं. शनिवार को चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग भरतपुर पहुंचे और अव्यवस्थाओं को सही कराने के लिए अधिकारियों को लताड़ लगाई. सभी अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिये.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को अभी 6 महीने ही हुए हैं जिनमें 3 महीने तो विगत लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में खत्म हो गए और जहां तक जिले के विकास की बात हैं तो यहां से तीन मंत्री सरकार में है लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जिला एनसीआर में आता है और यहां के लिए एनसीआर हेड से करीब 1500-2000 करोड़ रुपए तक विकास की योजनाओं के लिए मिल सकता था. उस पर पूर्व सरकार और अधिकारियों ने कोई काम नहीं किया, जबकि पहले जरूरी था सब रीजनल प्लान को कराना क्योंकि प्लान के बगैर कोई पैसा नहीं मिल सकता है.
पिछले 5 वर्षों तक कोई विकास नहीं किया गया लेकिन अब सभी कुछ करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और शहर के विकास की पूरी प्लानिंग बनाई गई गई है. सबसे पहले लोगों की सोच बदलनी होगी क्योंकि लोग अतिक्रमण करते हैं जिससे विकास ठप हो जाता है. निवेशक यहां आने से डरते हैं क्योंकि यहां मारपीट आंदोलन फ़ौजदारी होती है. पूर्ववर्ती सरकार के जनप्रतिनिधियों में यदि काम करने की इच्छा होती तो यहां का विकास होता लेकिन अब एक अच्छी सरकार है और वह जिले के विकास के लिए कुछ करना चाहती है.
जिले में सभी प्रकार की समस्याओं जैसे पानी और रोजगार के लिए नए आयाम स्थापित होंगे. आने वाले बजट को लेकर उन्होंने कहा कि आगामी बजट को लेकर हमे काफी उम्मीद है क्योंकि यहां से सरकार ने तीन मंत्री बनाए हैं औऱ सरकार जिले के लिए कुछ विशेष काम जरूर करेगी. इसके अलावा मंत्री ने शहर के कई वार्डों का दौरा करते हुए वहां की अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.