डीग (भरतपुर). कस्बे में प्री-मानसून के आगमन के साथ ही किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. इस बार मई महीने के अंत में ही प्री-मानसून ने दस्तक दे दी थी, जिसके बाद किसानों ने खेतों में बुवाई करनी शुरू कर दी है. जेठ महीने में इस बार बारिश होने से पैदावार अच्छी होने की संभावना जताई जा रही है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो यह बारिश खरीफ की फसलों के लिए अच्छी साबित होगी.
पूर्व कृषि सहायक उमेश पाराशर ने बताया कि मानसून आने से पहले एक बार फिर चक्रवाती वर्षा का तंत्र बन सकता है, इसलिए खरीफ फसल के लिए यह अनुकूल समय है. वहीं, उन्होंने कहा कि अगर बारिश नहीं हुई तो फसलों को नुकसान की आशंका है और जिन किसानों के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन होंगे, केवल वो ही अपनी फसल बचा पाएंगे.
70 प्रतिशत किसानों के पास नहीं है सिंचाई की सुविधाएं...
कृषि अधिकारी पाराशर ने बताया कि जिले में कुल 30 प्रतिशत ऐसे किसान हैं जो सिंचाई साधन सम्पन्न हैं. वहीं, 70 प्रतिशत किसानों के पास खुद के सिंचाई के साधन नहीं हैं. जिसके कारण बारिश नहीं हुई तो फसल को सूखने की आशंका बन सकती है.
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बाजार में 500 रुपए किलो बीज मिलने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. पिछली पूरी फसल खेतों में ही खराब हो गई है, जिसके कारण उनके पास बीज खरीदने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं.