भरतपुर. विजिलेंस टीम की जांच में अनियमितता पाए जाने पर यातायात पुलिस निरीक्षक और एक हेड कांस्टेबल को पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने लाइन हाजिर किया है. दोनों के खिलाफ अपने चहेते पुलिसकर्मियों की ड्यूटी इंटरसेप्टर और कमाई वाले पॉइंट पर लगाने का आरोप था. जिसके चलते पुलिस अधीक्षक ने यह कार्रवाई की है. जिला पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बुधवार को यातायात शाखा प्रभारी राममिलन मीणा और हेड कांस्टेबल जगतपाल सिंह को लाइन हाजिर कर दिया. साथ ही जिला पुलिस अधीक्षक आदेश में लिखा है कि भविष्य में इनका पदस्थापन यातायात शाखा में नहीं किया जाए.
जिला पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि जयपुर की विजिलेंस टीम ने यातायात शाखा के प्रभारी एवं अन्य कर्मचारियों की शिकायत मिलने पर जांच की थी. जांच में विजिलेंस टीम को अनियमितताएं मिलने पर विजिलेंस टीम ने यातायात शाखा प्रभारी राममिलन मीणा और हेड कांस्टेबल जगतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था. इसी के आधार पर दोनों को यातायात शाखा से पुलिस लाइन भेजा गया है.
जानकारी के अनुसार गत वर्ष जयपुर की विजिलेंस टीम को गुमनाम पत्र लिखकर यातायात शाखा में अनियमितताएं होने की शिकायत की गई थी, जिस पर विजिलेंस टीम ने जांच की थी. उस समय भी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर को यातायात शाखा के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा. उस समय पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने यातायात शाखा के एक साथ 20 पुलिसकर्मियों को यातायात शाखा से स्थानांतरित कर पुलिस लाइन भेज दिया था. जबकि यातायात शाखा प्रभारी राममिलन मीणा और हेड कांस्टेबल जगतपाल सिंह को नहीं बदला गया. आरोप था कि यातायात शाखा की इंटरसेप्टर गाड़ी और ड्यूटी पॉइंट पर यातायात प्रभारी राममिलन मीणा के निर्देश पर हेड कांस्टेबल जगतपाल सिंह ही ड्यूटी लगाते थे.