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Employment in Bharatpur jail: जल्द ही शादियों में गूंजेगी जेल वाले बैंड की धुन, बंदी करेंगे पेट्रोल पंप का संचालन

भरतपुर के सेवर केंद्रीय कारागृह के बंदियों को रोजगार देने के उद्देश्य (Employment in Bharatpur jail) से जेल के भीतर पेट्रोल पंप तैयार किया जाएगा. इसका संचालन जेल के बंदी करेंगे. साथ ही जेल प्रशासन की ओर से बैंड की तैयारियां भी की जा रही हैं. जिसके बाद बाहर की शादियों और समारोह में ऑर्डर पर बैंड भेजा जा सकेगा.

Employment in Bharatpur jail
भरतपुर जेल में लगेगा पेट्रोल पंप
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Published : Jul 7, 2022, 7:12 PM IST

भरतपुर. सेवर केंद्रीय कारागृह में बंदियों को रोजगार देने के लिए बैंड और पेट्रोल पंप का संचालन किया जाएगा. जेल प्रशासन ने बंदियों के बैंड की तैयारियां शुरू कर दी हैं, वहीं पेट्रोल पंप खोलने के लिए भी जेल विभाग और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के बीच एमओयू हो चुका है. जल्द ही आईओसीएल की ओर से महिला जेल के पास की जमीन पर पेट्रोल पंप तैयार किया जाएगा, जिसको जेल के बंदी संचालित करेंगे.

जेल अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि प्रदेश में जयपुर के बाद भरतपुर जेल की ओर से पेट्रोल पंप (Bharatpur jail inmates to run petrol pump) का संचालन किया जाएगा. इसके लिए महिला जेल के पास करीब 2400 वर्ग गज जमीन को चिह्नित किया गया है. इसके साथ ही 6 विभागों से एनओसी लेकर मुख्यालय को भेजा गया है. इस साल के अंत तक पेट्रोल पंप तैयार कर सेवर सेंट्रल जेल प्रशासन को सौंपे जाना है.

भरतपुर जेल में बंदियों को मिलेगा रोजगार

30 बंदियों को मिल सकेगा रोजगार: वर्मा ने बताया कि पेट्रोल पंप संचालन की जिम्मेदारी खुली जेल के बंदी संभालेंगे. पेट्रोल पंप पर 3 पारियों में हर दिन 30 बंदियों को रोजगार मिल सकेगा. आईओसीएल की ओर से प्रत्येक बंदी को हर दिन करीब 450 रुपए का भुगतान किया जाएगा. जेल से रिहा होने पर पेट्रोल बंदियों को पेट्रोल पंप पर काम करने का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, ताकि वो सामान्य जीवन में अन्य रोजगार कर सकें. अशोक वर्मा ने बताया कि विभाग ने भरतपुर की सेवर सेंट्रल जेल सहित, जयपुर जेल, कोटा जेल, अलवर जेल और अजमेर जेल परिसर में 5 पेट्रोल पंप खोलने का निर्णय लिया है.

पढ़ें. बंदी बनेंगे आत्मनिर्भर : सेवर जेल परिसर में संचालित किया जाएगा पेट्रोल पंप, बंदियों को मिलेगा रोजगार

जल्द शुरू होगा बैंड: अशोक वर्मा ने बताया कि जेल प्रशासन अन्य बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही जेल बैंड का भी संचालन शुरू करने जा रहा है. बैंड के लिए वाद्ययंत्र खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जल्द ही बैंड का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. जिसके बाद बाहर की शादियों और समारोह में ऑर्डर पर बैंड भेजा जा सकेगा. वर्मा ने बताया कि इसके साथ ही जेल के अंदर बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दरी-पट्टी निर्माण, फिनायल, झाड़ू निर्माण और एक एनजीओ के लिए कालीन निर्माण का कार्य भी चल रहा है. इससे हर दिन जेल के करीब 130 बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

भरतपुर. सेवर केंद्रीय कारागृह में बंदियों को रोजगार देने के लिए बैंड और पेट्रोल पंप का संचालन किया जाएगा. जेल प्रशासन ने बंदियों के बैंड की तैयारियां शुरू कर दी हैं, वहीं पेट्रोल पंप खोलने के लिए भी जेल विभाग और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के बीच एमओयू हो चुका है. जल्द ही आईओसीएल की ओर से महिला जेल के पास की जमीन पर पेट्रोल पंप तैयार किया जाएगा, जिसको जेल के बंदी संचालित करेंगे.

जेल अधीक्षक अशोक वर्मा ने बताया कि प्रदेश में जयपुर के बाद भरतपुर जेल की ओर से पेट्रोल पंप (Bharatpur jail inmates to run petrol pump) का संचालन किया जाएगा. इसके लिए महिला जेल के पास करीब 2400 वर्ग गज जमीन को चिह्नित किया गया है. इसके साथ ही 6 विभागों से एनओसी लेकर मुख्यालय को भेजा गया है. इस साल के अंत तक पेट्रोल पंप तैयार कर सेवर सेंट्रल जेल प्रशासन को सौंपे जाना है.

भरतपुर जेल में बंदियों को मिलेगा रोजगार

30 बंदियों को मिल सकेगा रोजगार: वर्मा ने बताया कि पेट्रोल पंप संचालन की जिम्मेदारी खुली जेल के बंदी संभालेंगे. पेट्रोल पंप पर 3 पारियों में हर दिन 30 बंदियों को रोजगार मिल सकेगा. आईओसीएल की ओर से प्रत्येक बंदी को हर दिन करीब 450 रुपए का भुगतान किया जाएगा. जेल से रिहा होने पर पेट्रोल बंदियों को पेट्रोल पंप पर काम करने का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, ताकि वो सामान्य जीवन में अन्य रोजगार कर सकें. अशोक वर्मा ने बताया कि विभाग ने भरतपुर की सेवर सेंट्रल जेल सहित, जयपुर जेल, कोटा जेल, अलवर जेल और अजमेर जेल परिसर में 5 पेट्रोल पंप खोलने का निर्णय लिया है.

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जल्द शुरू होगा बैंड: अशोक वर्मा ने बताया कि जेल प्रशासन अन्य बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही जेल बैंड का भी संचालन शुरू करने जा रहा है. बैंड के लिए वाद्ययंत्र खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जल्द ही बैंड का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. जिसके बाद बाहर की शादियों और समारोह में ऑर्डर पर बैंड भेजा जा सकेगा. वर्मा ने बताया कि इसके साथ ही जेल के अंदर बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दरी-पट्टी निर्माण, फिनायल, झाड़ू निर्माण और एक एनजीओ के लिए कालीन निर्माण का कार्य भी चल रहा है. इससे हर दिन जेल के करीब 130 बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

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