भरतपुर. शहर में ई-रिक्शा चालकों से रुपए ऐंठने वाला फर्जी पुलिस अधिकारी असली पुलिस के हत्थे चढ़ गया. ई-रिक्शा चालकों ने बुधवार रात करीब 8 बजे राजा मानसिंह सर्किल से आरोपी युवक को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर उसकी कार को भी जब्त कर लिया है. कार की प्लेट पर राजस्थान सरकार सीबीईओ रूपवास भरतपुर लिखा हुआ है. फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.
2.5 हजार चालान काटने की धमकी : मथुरा गेट थाना प्रभारी पन्नालाल ने बताया कि ई-रिक्शा चालकों की शिकायत पर एक आरोपी को हिरासत में लिया है. उसकी कार भी जब्त की है. पकड़े गए आरोपी से पूछताछ की जा रही है. आरोपी खुद को देवी सिंह निवासी बुरावई बता रहा है. ई-रिक्शा चालक भंवर सिंह निवासी हथैनी और महेश कुमार निवासी टौंटपुर का आरोप था कि 10 दिन पहले इसी कार सवार ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर 2500-2500 रुपए के चालान काटने की बात कही. उसने कहा कि यातायात पुलिस पर सरकार का दबाव है. उन्हें 10 दिन में 10 करोड़ रुपए एकत्रित करके देने है, इसलिए चालान तो बनाना ही पड़ेगा और यदि चालान नहीं कटवाओगे तो ई-रिक्शा जब्त कर लिए जाएंगे, जो फिर वापस नहीं मिल पाएंगे.
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गाड़ी में घुमाता रहा आरोपी : पीड़ितों ने बताया कि आरोपी अपनी कार में बिठाकर दोनों को काली की बगीची ले गया, उसके बाद हीरादास ले गया और ई-रिक्शा की चाबी भी ले ली. हीरादास पहुंच कर आरोपी ने अन्य कई ई-रिक्शा वालों को धमकाकर उनसे पैसे वसूले. बाद में आरोपी ने उनके जेब से भी करीब एक-एक हजार रुपए ले लिए. पीड़ितों के अनुसार आरोपी उन्हें बी-नारायण गेट लेकर पहुंचा. इसके बाद आरोपी गाड़ी में ही उन्हें अटल बंध की ओर ले गया, जहां से एक व्यक्ति कार से उतरकर शराब खरीद कर ले आया. इसके बाद बाजार में होते हुए बिजली घर की ओर आए और दोनों को सारस चौराहा पर उतारकर चले गए.
रिक्शा चालकों ने ही पकड़ा : बुधवार रात को जब पीड़ित ई-रिक्शा चालकों को वही कार दिखाई दी, तो ई-रिक्शा चालक महेश कुमार उसके पास अपनी चाबी मांगने गया. इस पर उसने उसे फटकार कर भगा दिया. महेश कुमार ने वहीं पास में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी से कहा कि कार में बैठे पुलिस अधिकारी के पास हमारे ई-रिक्शा की चाबी है, जो उन्होंने 10 दिन पूर्व छीन ली थी, उनसे चाबी दिलवा दो. पुलिसकर्मी ने उसे देखकर कहा कि ये कोई पुलिस अधिकारी नहीं है. इस पर ई-रिक्शा चालकों ने उसे दबोच लिया और पुलिस को सौंप दिया.