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सैन्य कर्मियों की पेंशन में कटौती, नागरिकों को भी नहीं मिलेगा लाभ, पाक सरकार का बड़ा फैसला - REDUCES PENSION BENEFITS

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कई पेंशन बंद करने के लिए तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कीं

REDUCES PENSION BENEFITS
सैन्य कर्मियों की पेंशन में कटौती (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2025, 3:23 PM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने बढ़ते पेंशन बिल को कम करने के लिए रिटायर सिविलियन और सशस्त्र बलों के कर्मियों के पेंशन लाभों में भारी कटौती की है, जो पहले से ही 1 ट्रिलियन रुपये से अधिक हो गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कई पेंशन बंद करने के लिए तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कीं, जिसमें पेंशन को कम किया गया है और पेंशन में भविष्य की वृद्धि निर्धारित करने के लिए आधार को भी कम किया गया है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया ने कहा कि ऋण सेवा, रक्षा और विकास के बाद पेंशन बजट में चौथा सबसे बड़ा खर्च है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार 2020 के वेतन और पेंशन आयोग की सिफारिशों पर यह निर्णय लिया गया है कि अब से, ऐसी स्थिति में जहां कोई व्यक्ति एक से अधिक पेंशन का हकदार हो जाता है, ऐसे व्यक्ति को केवल एक पेंशन लेने का विकल्प चुनने का अधिकार होगा.

इतना ही नहीं अंतिम विड्रो सैलरी के आधार पर पेंशन लेने के बजाय, नए पेंशनभोगी को पिछले दो साल के औसत वेतन के आधार पर पेंशन मिलेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा कि कई पेंशन पर सभी मौजूदा निर्देशों को तत्काल प्रभाव से संशोधित किया जाना चाहिए.

रिटायर नागरिक और सैन्य कर्मियों दोनों पर लागू होंगे बदलाव
ये बदलाव उन लोगों पर लागू नहीं होंगे जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां कई पेंशन का भुगतान किया जाता है. इसने पेंशन की वार्षिक चक्रवृद्धि को भी समाप्त कर दिया और किसी भी वृद्धि को मूल पेंशन से अलग माना जाएगा. ये बदलाव सेवानिवृत्त नागरिक और सैन्य कर्मियों दोनों पर लागू होंगे. कई सेवारत संघीय सरकारी कर्मचारी, जो वेतन और पेंशन ले रहे हैं, वे भी बदलावों से प्रभावित होंगे.

2020 में गठित एक आयोग सिफारिश पर बदलाव
वित्त मंत्रालय की अधिसूचनाओं में कहा गया है कि पेंशन नियमों में बदलाव पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा 2020 में गठित एक आयोग द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर किए गए हैं.चालू वित्त वर्ष के लिए, सरकार ने पेंशन भुगतान के लिए बजट में 1.014 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए हैं और इसका सबसे बड़ा हिस्सा, 66 प्रतिशत या 662 बिलियन रुपये सैन्य पेंशन के लिए आवंटित किया गया है.

बता दें कि पिछले साल के मुकाबले पेंशन बिल में 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिसका खर्च बजट से आता है और यह टिकाऊ नहीं है. इन बदलावों के बाद उम्मीद है कि अगले दशक में पेंशन बिल में काफी कमी आएगी और यह प्रबंधनीय हो जाएगा.

पेंशन व्यवस्था में किए गए नए बदलावों के अलावा सरकार ने 1 जुलाई 2024 से नियुक्त सिविलियन कर्मचारियों के लिए पारंपरिक पेंशन योजना को पहले ही खत्म कर दिया है. यह योजना 1 जुलाई 2025 से रक्षा बलों के कर्मचारियों पर भी लागू होगी. इसके बजाय नए कर्मचारियों को वेतन के जरिए उनके द्वारा किए गए योगदान के आधार पर अंशदायी पेंशन की व्यवस्था दी गई है.

यह भी पढ़ें- 'गॉड ऑफ फ्रीबीज', कूपन और मुफ्त ऑफर के भरोसे जीवन गुजार रहा यह करोड़पति शख्स

इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने बढ़ते पेंशन बिल को कम करने के लिए रिटायर सिविलियन और सशस्त्र बलों के कर्मियों के पेंशन लाभों में भारी कटौती की है, जो पहले से ही 1 ट्रिलियन रुपये से अधिक हो गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कई पेंशन बंद करने के लिए तीन अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी कीं, जिसमें पेंशन को कम किया गया है और पेंशन में भविष्य की वृद्धि निर्धारित करने के लिए आधार को भी कम किया गया है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया ने कहा कि ऋण सेवा, रक्षा और विकास के बाद पेंशन बजट में चौथा सबसे बड़ा खर्च है. वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार 2020 के वेतन और पेंशन आयोग की सिफारिशों पर यह निर्णय लिया गया है कि अब से, ऐसी स्थिति में जहां कोई व्यक्ति एक से अधिक पेंशन का हकदार हो जाता है, ऐसे व्यक्ति को केवल एक पेंशन लेने का विकल्प चुनने का अधिकार होगा.

इतना ही नहीं अंतिम विड्रो सैलरी के आधार पर पेंशन लेने के बजाय, नए पेंशनभोगी को पिछले दो साल के औसत वेतन के आधार पर पेंशन मिलेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा कि कई पेंशन पर सभी मौजूदा निर्देशों को तत्काल प्रभाव से संशोधित किया जाना चाहिए.

रिटायर नागरिक और सैन्य कर्मियों दोनों पर लागू होंगे बदलाव
ये बदलाव उन लोगों पर लागू नहीं होंगे जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां कई पेंशन का भुगतान किया जाता है. इसने पेंशन की वार्षिक चक्रवृद्धि को भी समाप्त कर दिया और किसी भी वृद्धि को मूल पेंशन से अलग माना जाएगा. ये बदलाव सेवानिवृत्त नागरिक और सैन्य कर्मियों दोनों पर लागू होंगे. कई सेवारत संघीय सरकारी कर्मचारी, जो वेतन और पेंशन ले रहे हैं, वे भी बदलावों से प्रभावित होंगे.

2020 में गठित एक आयोग सिफारिश पर बदलाव
वित्त मंत्रालय की अधिसूचनाओं में कहा गया है कि पेंशन नियमों में बदलाव पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा 2020 में गठित एक आयोग द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर किए गए हैं.चालू वित्त वर्ष के लिए, सरकार ने पेंशन भुगतान के लिए बजट में 1.014 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए हैं और इसका सबसे बड़ा हिस्सा, 66 प्रतिशत या 662 बिलियन रुपये सैन्य पेंशन के लिए आवंटित किया गया है.

बता दें कि पिछले साल के मुकाबले पेंशन बिल में 24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिसका खर्च बजट से आता है और यह टिकाऊ नहीं है. इन बदलावों के बाद उम्मीद है कि अगले दशक में पेंशन बिल में काफी कमी आएगी और यह प्रबंधनीय हो जाएगा.

पेंशन व्यवस्था में किए गए नए बदलावों के अलावा सरकार ने 1 जुलाई 2024 से नियुक्त सिविलियन कर्मचारियों के लिए पारंपरिक पेंशन योजना को पहले ही खत्म कर दिया है. यह योजना 1 जुलाई 2025 से रक्षा बलों के कर्मचारियों पर भी लागू होगी. इसके बजाय नए कर्मचारियों को वेतन के जरिए उनके द्वारा किए गए योगदान के आधार पर अंशदायी पेंशन की व्यवस्था दी गई है.

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