बाड़मेर. बहुचर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस मामले को लेकर बाड़मेर जैसलमेर के सांसद एवं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बाड़मेर में मीडिया से रूबरू होते हुए कैलाश प्रजापत एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करते हुए गहलोत सरकार पर निशाना साधा है.
गत दिनों बाड़मेर में तस्कर कमलेश प्रजापत के हुए एनकाउंटर के मामले को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले में लगातार पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप बीजेपी के नेता लगा रहे हैं. इसी कड़ी में बाड़मेर जैसलमेर के सांसद एवं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बाड़मेर में मीडिया से बातचीत में गहलोत सरकार से इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की. केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पहले से ही बिगड़ी हुई थी लेकिन कमलेश प्रजापत एनकाउंटर के वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से देखा है.
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उस सीसीटीवी फुटेज में जिस तरह से एनकाउंटर करते दिखाया गया है उसमें मुझे नहीं लगता कि सामने से कोई फायरिंग कर रहा है. ऐसे में इस एनकाउंटर पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार जिस तरह से काम करती है, मैं सोचता हूं कि निश्चित रूप से निंदनीय है और अपराधी में भय होना चाहिए लेकिन अपराधी को सजा देने के लिए कानून के अंदर प्रावधान है, इस तरह से कानून को कोई अपने हाथ में लेता है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इसकी जांच करवानी चाहिए. मुख्यमंत्री को मामले को सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार को रिकमेंड करना चाहिए.
क्योंकि यहां की पुलिस से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है और ना ही प्रदेश की गहलोत सरकार से उम्मीद की जा सकती है. जैसा सोशल मीडिया के अंदर चल रहा है कि उसके अनुसार कुछ राजनेता भी इसके पीछे हो सकते हैं, इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाए. पाली के सांडेराव थानाधिकारी पर गाड़ी चलाने के मामले में आरोपी तस्कर कमलेश प्रजापत के बाड़मेर होने की सूचना पर 22 अप्रैल को बाड़मेर पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम देते हुए कमलेश के घर पर दबिश दी थी.
पुलिस के अनुसार इस दौरान कमलेश प्रजापत गाड़ी लेकर अपने घर का गेट तोड़कर फरार हो रहा था. इस दौरान पुलिस के हेड कांस्टेबल पर गाड़ी चढ़ा दी थी और आत्मरक्षा में पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें तस्कर कमलेश की मौत हो गई, वहीं इस एनकाउंटर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में है.