बाड़मेर. कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आए मरीजों को सांस लेने में ज्यादा दिक्कत आ रही हैं. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं विशेषज्ञों की ओर से प्रोनिंग पीठ के बल लेट कर करने से मरीजों को सांस स्तर में काफी सुधार हो रहा है. इसी को लेकर अब स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसके तहत शनिवार को बाड़मेर की स्वास्थ्य भवन में जिले की आशा सहयोगिनियों को प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी पीएचसी मूल शंकर दवे उपस्थित रहे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि जिन कोविड-19 मरीजों को सांस संबंधित दिक्कत हो और ऑक्सीजन स्तर 94 से नीचे आ जाए तो वह प्रोनिंग पेट के बल लेटकर जिससे फेफड़ों में रक्त का संचार बहुत होगा. साथ ही ऑक्सीजन आसानी से पहुंच सकेगी. यह प्रक्रिया मरीजों के स्वास्थ्य स्तर को सुधारने में काफी मददगार साबित होगी.
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बाड़मेर शहर में कार्यरत आशा सहयोगिनी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बाबूलाल बिश्नोई की अध्यक्षा में शनिवार को प्रोनिंग( पेट के बल लेटकर) ऑक्सीजन स्तर सुधारने पर एडिशनल सीएमएचओ सताराम भाखर और एसएमओ डब्ल्यूएचओ के डॉ. पंकज सुथार की तरफ से प्रशिक्षण दिया गया.
एडिशनल सीएमएचओ डॉ. सीताराम भाकर ने बताया कि प्रोनिंग पोजीशन वेंटीलेशन को बढ़ाती है. साथ ही स्वस्थ कोशिकाओं को खोलती है और आसानी से सांस लेने में मदद करती है. वहीं, प्रोनिंग की आवश्यकता केवल उसी स्थिति में है. जब मरीज को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही हो. जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने बताया कि बाड़मेर शहर क्षेत्र में कार्यरत समस्त आशा सहयोगिनियों को प्रोनिंग पर जिला स्वास्थ्य भवन में प्रशिक्षण दिया गया प्रशिक्षण के पश्चात सभी आशा सर्वे के दौरान अपने कार्य क्षेत्र में कोविड-19 के मरीजों को प्रोनिंग की जानकारी देंगी. ताकि घर बैठे मरीज अपने ऑक्सीजन स्तर को बढ़ा सकें.