सिवाना (बाड़मेर). कस्बे में लंबे समय से पानी की समस्या से जूझते ग्रामीणों का आखिरकार धैर्य टूट गया. समस्या समाधान के लिए ग्रामीणों ने सोसियल मीडिया पर 'पानी नहीं तो वोट नहीं' के नाम से मुहिम के अनुसार कस्बे के बस स्टैंड पर बैठक का आयोजन किया.
बैठक में उपस्थित छतीस कौम के लोगों ने संघर्ष समिति का गठन किया. वहीं कमेटी के निर्णय के अनुसार आम जन सोमवार को उपखंड अधिकारी के नाम पानी की समस्या के समाधान के लिए ज्ञापन देंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि ज्ञापन में प्रशासन को 15 दिन में समस्या समाधान हेतु समय सीमा दी जाएगी.
इस दौरान प्रशासन की ओर से कोई हल नहीं होने की स्थिति में कस्बे में अनिश्चितकालीन कस्बा बंद और धरना प्रदर्शन करने की बात रखी गई. साथ ही निर्णय लिया गया कि ऐसा नहीं होने पर पंचायती राज चुनाव का बहिष्कार भी किया जाएगा.
पढ़ें- बूंदी: 22 जनवरी को दूसरे चरण का चुनाव, लेकिन सरपंच के कामों से नाखुश मतदाता
वहीं बैठक के दौरान 'पानी नहीं तो वोट नहीं' संघर्ष समिति के विभिन्न जातीय संगठनों के लोगों अपनी अपनी बात रखते हुए आमजन से अनुरोध करते हुए कहा कि पानी की समस्या समाधान हेतु सभी को आगे आना चाहिए. साथ ही इस समस्या में किसी भी पार्टी विशेष का या चुनावी रंग न देकर के, पानी की समस्या के समाधान को ही मूल उद्देश्य समझ कर पानी की समस्या समाधान हेतु प्रयास में अपनी बात रखने पर जोर दिया.