बाड़मेर. पूरे देश में कोरोना के हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रहे हैं. बाड़मेर मेडिकल कॉलेज के हालात भी खराब हो रहे हैं. पिछले साल 10 महीनों में इतने मरीज भी आए थे जितने मरीज महज 10 दिनों में मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में कोविड मरीज भर्ती हो गए हैं.
आलम यह है कि रोज का नया वर्ड बनाना पड़ता है. ऑक्सीजन की खपत इतनी बढ़ गई है कि प्लांट में बनने वाली ऑक्सीजन भी कम पड़ने लगी है. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएल मंसूरिया का कहना है कि अगर इसी तरह से हालात अगले चार-पांच दिनों तक रहे तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है.
बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में ये पहली बार है जब कोविड-19 के लिए हर रोज नए वार्ड बनाने पढ़ रहे हैं. सुबह जो वार्ड बनता है वो रात को फुल हो जाता है. दूसरे दिन फिर नया वार्ड बनाना पड़ता है ऑक्सीजन की तो यह हालत है कि जो प्लांट है वो पूरी तरीके से सप्लाई को पूरा नहीं कर पा रहा है. मेडिकल विभाग को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर यही हालात तीन-चार दिन और रहे तो मेडिकल इक्विपमेंट्स के साथ ही ऑक्सीजन की कमी भी हो सकती है.
डॉ. बीएल मंसूरिया ने बताया कि ये बात सही है कि पिछले साल जो 10 महीनों में हालात बने थे वो इस बार 10 दिनों में बन गए हैं. अभी तक तो हालात पूरे कंट्रोल में है लेकिन अचानक जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है उसने हमारी चिंता बढ़ा दी है.