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एसआई भर्ती को लेकर स्थिति स्पष्ट करे राज्य सरकार-हाईकोर्ट - SI RECRUITMENT 2021 PAPER LEAK CASE

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एसआई भर्ती 2021 मामले में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं.

RAJASTHAN HIGH COURT,  COURT ASKED THE STATE GOVERNMENT
राजस्थान हाईकोर्ट. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2025, 8:14 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक से जुडे़ मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो दिन का समय देते हुए भर्ती को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. अदालत ने कहा है कि गत 18 नवंबर को भर्ती पर दिए यथास्थिति के आदेश की पालना होनी चाहिए और यदि ट्रेनी एसआई को फील्ड पोस्टिंग दी गई तो वह अवमानना की श्रेणी में माना जाएगा. अदालत ने राज्य सरकार को हिदायत दी है कि वह यथास्थिति आदेश को बरकरार रखे और भर्ती को लेकर कुछ भी नहीं करें, वरना अदालत इसे गंभीरता से लेगी. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका व डीजीपी की ओर से गत 31 दिसंबर को आदेश जारी कर ट्रेनी एसआई को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए जिले आवंटित करने के आदेश के खिलाफ पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान अदालत ने महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद से कहा कि जब 18 नवंबर को भर्ती पर यथास्थिति दी गई तो फिर ट्रेनी एसआई को फील्ड पोस्टिंग कैसे दी जा सकती है?. इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूर्व में ही पूरी हो चुकी है और अब ट्रेनी एसआई को आरपीए ट्रेनिंग के बाद फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है. यह भी मूल ट्रेनिंग का ही हिस्सा है. एजी ने कहा कि करीब 800 ट्रेनी हैं, इसमें से कुछ गलत हो सकते हैं, लेकिन इस आधार पर सभी को ट्रेनिंग से नहीं रोक सकते. इस पर अदालत ने कहा कि 22 नवंबर को उन्हें भर्ती के संबंध में निर्णय लेने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था, लेकिन अब छह सप्ताह बाद भी राज्य सरकार का जवाब नहीं आया है.

पढ़ेंःट्रेनी एसआई को जिला आवंटन के खिलाफ प्रार्थना पत्र, सुनवाई 6 को

इसके जवाब में महाधिवक्ता ने कहा कि भर्ती को लेकर बडे़ स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है, और जवाब के लिए समय दिया जाए. अदालत ने राज्य सरकार को दो दिन का समय देते हुए सुनवाई 9 जनवरी को तय की है. सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि महाधिवक्ता जब भर्ती को रद्द करने की राय दे चुके हैं तो मामले में पैरवी कैसे कर सकते हैं?. वहीं, प्रार्थियों के अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कहा कि पुलिस विभाग ने भर्ती पर यथास्थिति आदेश के बाद भी 31 दिसंबर को आदेश जारी कर ट्रेनी एसआई को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए जिला आवंटित करने के लिए कहा है. यह आदेश अदालती अवमानना है. मूल याचिका में पूरी भर्ती को ही रद्द करने का आग्रह किया है. सरकार ने अदालत के समय देने के बाद भी भर्ती को लेकर अपनी स्थिति नहीं बताई और ट्रेनी एसआई को फील्ड पोस्टिंग में भेज रहे हैं जो गलत है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक से जुडे़ मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो दिन का समय देते हुए भर्ती को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. अदालत ने कहा है कि गत 18 नवंबर को भर्ती पर दिए यथास्थिति के आदेश की पालना होनी चाहिए और यदि ट्रेनी एसआई को फील्ड पोस्टिंग दी गई तो वह अवमानना की श्रेणी में माना जाएगा. अदालत ने राज्य सरकार को हिदायत दी है कि वह यथास्थिति आदेश को बरकरार रखे और भर्ती को लेकर कुछ भी नहीं करें, वरना अदालत इसे गंभीरता से लेगी. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका व डीजीपी की ओर से गत 31 दिसंबर को आदेश जारी कर ट्रेनी एसआई को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए जिले आवंटित करने के आदेश के खिलाफ पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान अदालत ने महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद से कहा कि जब 18 नवंबर को भर्ती पर यथास्थिति दी गई तो फिर ट्रेनी एसआई को फील्ड पोस्टिंग कैसे दी जा सकती है?. इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूर्व में ही पूरी हो चुकी है और अब ट्रेनी एसआई को आरपीए ट्रेनिंग के बाद फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है. यह भी मूल ट्रेनिंग का ही हिस्सा है. एजी ने कहा कि करीब 800 ट्रेनी हैं, इसमें से कुछ गलत हो सकते हैं, लेकिन इस आधार पर सभी को ट्रेनिंग से नहीं रोक सकते. इस पर अदालत ने कहा कि 22 नवंबर को उन्हें भर्ती के संबंध में निर्णय लेने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था, लेकिन अब छह सप्ताह बाद भी राज्य सरकार का जवाब नहीं आया है.

पढ़ेंःट्रेनी एसआई को जिला आवंटन के खिलाफ प्रार्थना पत्र, सुनवाई 6 को

इसके जवाब में महाधिवक्ता ने कहा कि भर्ती को लेकर बडे़ स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है, और जवाब के लिए समय दिया जाए. अदालत ने राज्य सरकार को दो दिन का समय देते हुए सुनवाई 9 जनवरी को तय की है. सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि महाधिवक्ता जब भर्ती को रद्द करने की राय दे चुके हैं तो मामले में पैरवी कैसे कर सकते हैं?. वहीं, प्रार्थियों के अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कहा कि पुलिस विभाग ने भर्ती पर यथास्थिति आदेश के बाद भी 31 दिसंबर को आदेश जारी कर ट्रेनी एसआई को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए जिला आवंटित करने के लिए कहा है. यह आदेश अदालती अवमानना है. मूल याचिका में पूरी भर्ती को ही रद्द करने का आग्रह किया है. सरकार ने अदालत के समय देने के बाद भी भर्ती को लेकर अपनी स्थिति नहीं बताई और ट्रेनी एसआई को फील्ड पोस्टिंग में भेज रहे हैं जो गलत है.

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