बाड़मेर. पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पशुपालन से संबधी योजनाओं की शुरुआत करते हुए ई-गोपाला एप लॉन्च किया है. इसको लेकर बाड़मेर जिले के कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह एक ऐसा डिजिटल माध्यम होगा, जिससे पशुपालकों को उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी. उनको बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी.
ये एप पशुपालकों को उत्पादकता से लेकर उसके स्वास्थ्य और आहार से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा. चौधरी ने कहा कि पशुओं की अच्छी नस्ल के साथ ही उनकी देखरेख और उसको लेकर सही वैज्ञानिक जानकारी भी उतनी ही जरूरी होती है. राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने खेती-किसानों के साथ पशुपालन को भी आदमनी का जरिया बताते हुए कहा कि किसानों की आमदनी तब तक नहीं बढ़ सकती.
जब तक खेती और पशुधन एक साथ न हो. अगर आजादी के बाद इस पर काम किया जाता तो किसान और देश की ये हालत न होती. पिछले साढ़े 6 सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कृषि कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ खेती की सहायक गतिविधियों पशुपालन, मछलीपालन, मधुमक्खी पालन और बागवानी को भी बढ़ाने के लिए भी अनेक योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं.
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से शुरू की गई किसान रेल के जरिए अब देश के बड़े शहरों तक छोटे किसानों की पहुंच बढ़ेगा. इससे वे ताजा सब्जियां उगाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. पशुपालन और मत्स्यपालन की तरफ प्रोत्साहित होंगे. इससे कम जमीन से भी अधिक आय का रास्ता खुल जाएगा. साथ ही रोजगार और स्वरोजगार के अनेक नए अवसर खुलेंगे.
पढ़ें: भीलवाड़ा में CM गहलोत ने किया राजकीय महाविद्यालय का वर्चुअल लोकार्पण
आगे कैलाश चौधरी ने कहा कि इनसे 21वीं सदी में देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर भी बदलेगी. कृषि से आय में भी कई गुणा वृद्धि होगी. हाल में लिए गए हर निर्णय आने वाले समय में गांव के नजदीक ही व्यापक रोजगार तैयार करने वाले हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि ये हमारे किसान ही हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश को खाने-पीने के जरूरी सामान की समस्या नहीं होने दी.
साथ ही उन्होंने कहा कि देश जब लॉकडाउन में था, तब हमारा किसान खेतों में फसल की कटाई कर रहा था. बुआई के नए रिकॉर्ड बना रहा था. कैलाश चौधरी ने कहा कि, सरकार ने भी सुनिश्चित किया है कि किसान की उपज की रिकॉर्ड खरीद हो. जिससे पिछली बार की तुलना में करीब 27 हजार करोड़ रुपये ज्यादा किसानों की जेब में पहुंचा है.