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बाबूराम आत्महत्या मामले में 130 घंटे बाद बनी सहमति , परिजनों ने उठाया शव - harassed by Panch in Barmer

जिले में बाबूराम आत्महत्या मामले में पिछले 130 घंटे से अपनी मांगों को लेकर अड़े परिजन पुलिस प्रशासन के आश्वासन पर आखिरकार मान गए (deceased family on Dharna in Barmer) हैं. परिजनों ने जांच अधिकारी बदलने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के आश्वासन पर शव उठा लिया है.

Barmer Suicide Case
खेत में बने टांके में कूदकर आत्महत्या
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Published : Jan 21, 2022, 3:44 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 10:09 PM IST

बाड़मेर. जिले के खोकसर गांव निवासी बाबूराम आत्महत्या मामले को लेकर परिजन करीब 130 घंटों से मोर्चरी के आगे धरने पर बैठे हुए थे. उनकी मांग थी कि जातीय पंचों को गिरफ्तार किया जाए. पुलिस और प्रशासन की ओर से लगातार जारी वार्ताओं के बीच आखिरकार परिजन शव उठाने को लेकर सहमत हो गए. अधिकारियों ने मामले में जांच अधिकारी बदलने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है.

दरअसल बाड़मेर जिले के खोकसर निवासी बाबूराम ने बीते सोमवार को खेत में बने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक के पास एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. परिजनों ने सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम लिखे थे, उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े हुए थे.

इसी को लेकर करीब 130 घंटों से मोर्चरी के आगे धरने पर बैठे हुए थे (deceased family on Dharna in Barmer). पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद परिजन शव उठाने को लेकर सहमत हो गए. बालोतरा ASP नितेश आर्य , ASP सुनील के पंवार , मृतक के परिजनों और ADSP क्राइम ब्रांच जयपुर ने वार्ता की. उन्होंने जांच अधिकारी बदलने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद पीड़ित मान गए.

यह भी पढ़ें - Barmer crime news: संदिग्ध परिस्थितियों में युवक का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने शव उठाने से किया इनकार

गौरतलब है कि बीते सोमवार को खोखसर निवासी बाबूराम ने अपने खेत में बने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था. परिजन जातीय पंचों से परेशान होकर आत्महत्या करने का आरोप लगाते हुए हुए मोर्चरी के बाहर 6 दिनों से धरने पर बैठे हुए थे. इस बीच पीड़ित परिवार और पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के बीच कई बार वार्ता हुई लेकिन सहमति नहीं बन पाई. लेकिन अब आखिरकार 130 घंटे बाद गतिरोध टूट गया है. अब पीड़ित परिवार ने शव उठा लिया है.

यह भी पढ़ें - Man commits Suicide in Barmer: मृतक के परिजन धरने पर बैठे, जातीय पंच पर परेशान करने का आरोप

10 साल से किया जा रहा था परेशान

आरोप है कि 10 साल पहले भांजे राजेश बोस की सगाई मृतक बाबूराम ने गांव के ही भोजाराम पंवार की लड़की से करवाई थी, जो कुछ समय बाद टूट गई. इसके बाद से लड़की के पिता और समाज के लोगों ने बाबूराम को दोषी मानते हुए समाज से बहिष्कृत कर दिया था. इसके बाद उसे समाज के किसी कार्यक्रम में न तो बुलाया जाता न ही समाज के लोगों को उसके घर पर जाने दिया जाता. सुसाइड से एक दिन पहले बाबूराम सामाजिक कार्यक्रम में गया था. जहां उसे माफी मांगने और 2 लाख रुपए का दंड भरने को कहा गया था. पंचों के इसी रवैये से परेशान होकर बाबूराम ने सुसाइड (Man commits suicide harassed by Panch) कर लिया.

बाड़मेर. जिले के खोकसर गांव निवासी बाबूराम आत्महत्या मामले को लेकर परिजन करीब 130 घंटों से मोर्चरी के आगे धरने पर बैठे हुए थे. उनकी मांग थी कि जातीय पंचों को गिरफ्तार किया जाए. पुलिस और प्रशासन की ओर से लगातार जारी वार्ताओं के बीच आखिरकार परिजन शव उठाने को लेकर सहमत हो गए. अधिकारियों ने मामले में जांच अधिकारी बदलने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है.

दरअसल बाड़मेर जिले के खोकसर निवासी बाबूराम ने बीते सोमवार को खेत में बने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक के पास एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. परिजनों ने सुसाइड नोट में जिन लोगों के नाम लिखे थे, उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े हुए थे.

इसी को लेकर करीब 130 घंटों से मोर्चरी के आगे धरने पर बैठे हुए थे (deceased family on Dharna in Barmer). पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद परिजन शव उठाने को लेकर सहमत हो गए. बालोतरा ASP नितेश आर्य , ASP सुनील के पंवार , मृतक के परिजनों और ADSP क्राइम ब्रांच जयपुर ने वार्ता की. उन्होंने जांच अधिकारी बदलने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद पीड़ित मान गए.

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गौरतलब है कि बीते सोमवार को खोखसर निवासी बाबूराम ने अपने खेत में बने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था. परिजन जातीय पंचों से परेशान होकर आत्महत्या करने का आरोप लगाते हुए हुए मोर्चरी के बाहर 6 दिनों से धरने पर बैठे हुए थे. इस बीच पीड़ित परिवार और पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के बीच कई बार वार्ता हुई लेकिन सहमति नहीं बन पाई. लेकिन अब आखिरकार 130 घंटे बाद गतिरोध टूट गया है. अब पीड़ित परिवार ने शव उठा लिया है.

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10 साल से किया जा रहा था परेशान

आरोप है कि 10 साल पहले भांजे राजेश बोस की सगाई मृतक बाबूराम ने गांव के ही भोजाराम पंवार की लड़की से करवाई थी, जो कुछ समय बाद टूट गई. इसके बाद से लड़की के पिता और समाज के लोगों ने बाबूराम को दोषी मानते हुए समाज से बहिष्कृत कर दिया था. इसके बाद उसे समाज के किसी कार्यक्रम में न तो बुलाया जाता न ही समाज के लोगों को उसके घर पर जाने दिया जाता. सुसाइड से एक दिन पहले बाबूराम सामाजिक कार्यक्रम में गया था. जहां उसे माफी मांगने और 2 लाख रुपए का दंड भरने को कहा गया था. पंचों के इसी रवैये से परेशान होकर बाबूराम ने सुसाइड (Man commits suicide harassed by Panch) कर लिया.

Last Updated : Jan 22, 2022, 10:09 PM IST
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