ETV Bharat / state

बाड़मेर: विद्यालय की जमीन पर 9 साल पहले हुआ अवैध अतिक्रमण ध्वस्त - अतिक्रमण

बाड़मेर में विद्यालय की जमीन में 9 साल से हुए अतिक्रमण को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है. इस कार्रवाई के दौरान मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे.

विद्यालय की जमीन पर 9 साल पहले हुआ अवैध अतिक्रमण ध्वस्त
author img

By

Published : Jun 20, 2019, 7:09 PM IST

सिवाना (बाड़मेर). न्यायालय के आदेश पर विद्यालय की आवंटित भूमि पर वर्षों से अतिक्रमण कर बैठे लोगों को भारी पुलिस जाप्ते के साथ बेदखल किया गया. गुरुवार सुबह 10 बजे अतिक्रमण दस्ते ने कच्चे व पक्के निर्माणाधीन कब्जों का अतिक्रमण तत्काल प्रभाव से हटा दिए हैं.

बताया जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते न्यायालय आदेश को भी करीबन 16 माह तक लटकाए रखा, जबकि अतिक्रमण हटाने के आदेश कोर्ट ने 27 फरवरी 2018 को दे दिए थे. विद्यालय की अतिक्रमण भूमि के साथ साथ सरकारी भूमि खसरा नम्बर 245/200 को भी अतिक्रमण मुक्त किया गया है.

विद्यालय की जमीन पर 9 साल पहले हुआ अवैध अतिक्रमण ध्वस्त

अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
दरअसल, पिछले 9 साल से राजकीय उत्कृष्ट विद्यालय धरबला की भूमि पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा किया था. प्रशासन की कार्रवाई राजनीतिक दबाव के चलते प्रभावित कर दी जाती थी, लेकिन इस बार प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बिना बाधा के शुरू की है.

इस मौके पर सिवाना उपखंड अधिकारी प्रमोद सिरवी, पुलिस अधीक्षक बालोतरा छुगसिह, सिवाना तहसीलदार शंकरराम गर्ग, राजस्व कार्मिक आर आई, पटवारी सहित सिवाना थानाधिकारी तेजुसिह के साथ कल्याणपुर, समदड़ी, पचपदरा, सिणधरी थानों की पुलिस मय जाप्ता मौजूद रहा. विरोध की आशंका देखते हुए जिला मुख्यालय से आरएसी जवान और अग्निशमन वाहन व एम्बुलेस को भी मौके पर बुलाया गया था.

9 साल बाद प्रशासन ने हटवाया अवैध कब्जा

दरअसल, 2010 में प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर के दौरान विद्यालय प्रबंध समिति और बीईईओ के द्वारा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धरबलो की धाणी के लिए 2 बीघा भूमि आवंटित की थी. इस भूमि पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. जिसके बाद प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन अतिक्रमियों ने न तो अतिक्रमण हटाया ना प्रशासन ने उस पर कोई कार्यवाई अमल लाई. कुछ दिन बाद यहां पक्के निर्माण भी कर लिए गए.

कच्चे के जगह पक्के निर्माण
बताया जा रहा है कि विद्यालय की जमीन पर वर्ष 2010 के समय भी अतिक्रमण था. वहीं कच्चे आवास और बाड़े बने थे. वर्तमान में यहां अब अधितर मकान पक्के बन गए. जानकार बताते हैं कि प्रशासन ने तत्कालीन समय राजनीति दबाव को दरकिनार कर अतिक्रमण के विरुद्ध कार्यवाई अमल में लाई होती तो आज इतना जाप्ता खड़ा नहीं करना पड़ता.

पूर्व में प्रशासन के प्रयास राजनीतिक दबाव के चलते हुए थे प्रभावित
विद्यालय प्रबंध समिति व बीईईओ सिवाना के निवेदन पर प्रथम बार जिला कलेक्टर ने 9 जून 2014 को अतिक्रमण हटाने के लिए तत्कालीन तहसीलदार को आदेश किया थे, जिस पर तहसीलदार ने 24 दिसम्बर 2014 को टीम गठित की थी. अतिक्रमियों की ,राजनीति पहुंच के चलते टीम की कार्रवाई प्रभावित हो गई.

27 जून 2015 को मोकलसर ग्राम पंचायत पर आयोजित रात्रि चौपाल में एक बार फिर विधालय प्रबंध समिति व बीईईओ ने जिला कलेक्टर के सामने अतिक्रमण हटाने की मांग थी, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ने चौपाल में मौजूद उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को 30 दिनों में आदेश की पालना करने का निर्देश किया था, लेकिन राजनीति दबाव के चलते ये निर्देश हवा हवाई हो गए थे. फिलहाल अब प्रशासन ने भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया है. सरकारी भूमि पर 9 अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा था. जिसे हटाने के लिए बृहस्पतिवार को प्रशासन ने अभियान चलाया. इस दौरान विद्यालय परिसर से सटी बड़ी बिल्डिंग का ऊपरी के कुछ भाग को तोड़ा गया. वहीं अतिक्रमण क्षेत्र में आने वाले अन्य स्थाई और अस्थाई निर्माण को हटाने के लिए प्रशासन से तीन दिन का समय दिया है.

सिवाना (बाड़मेर). न्यायालय के आदेश पर विद्यालय की आवंटित भूमि पर वर्षों से अतिक्रमण कर बैठे लोगों को भारी पुलिस जाप्ते के साथ बेदखल किया गया. गुरुवार सुबह 10 बजे अतिक्रमण दस्ते ने कच्चे व पक्के निर्माणाधीन कब्जों का अतिक्रमण तत्काल प्रभाव से हटा दिए हैं.

बताया जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते न्यायालय आदेश को भी करीबन 16 माह तक लटकाए रखा, जबकि अतिक्रमण हटाने के आदेश कोर्ट ने 27 फरवरी 2018 को दे दिए थे. विद्यालय की अतिक्रमण भूमि के साथ साथ सरकारी भूमि खसरा नम्बर 245/200 को भी अतिक्रमण मुक्त किया गया है.

विद्यालय की जमीन पर 9 साल पहले हुआ अवैध अतिक्रमण ध्वस्त

अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
दरअसल, पिछले 9 साल से राजकीय उत्कृष्ट विद्यालय धरबला की भूमि पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा किया था. प्रशासन की कार्रवाई राजनीतिक दबाव के चलते प्रभावित कर दी जाती थी, लेकिन इस बार प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बिना बाधा के शुरू की है.

इस मौके पर सिवाना उपखंड अधिकारी प्रमोद सिरवी, पुलिस अधीक्षक बालोतरा छुगसिह, सिवाना तहसीलदार शंकरराम गर्ग, राजस्व कार्मिक आर आई, पटवारी सहित सिवाना थानाधिकारी तेजुसिह के साथ कल्याणपुर, समदड़ी, पचपदरा, सिणधरी थानों की पुलिस मय जाप्ता मौजूद रहा. विरोध की आशंका देखते हुए जिला मुख्यालय से आरएसी जवान और अग्निशमन वाहन व एम्बुलेस को भी मौके पर बुलाया गया था.

9 साल बाद प्रशासन ने हटवाया अवैध कब्जा

दरअसल, 2010 में प्रशासन गांवों के संग अभियान शिविर के दौरान विद्यालय प्रबंध समिति और बीईईओ के द्वारा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धरबलो की धाणी के लिए 2 बीघा भूमि आवंटित की थी. इस भूमि पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. जिसके बाद प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन अतिक्रमियों ने न तो अतिक्रमण हटाया ना प्रशासन ने उस पर कोई कार्यवाई अमल लाई. कुछ दिन बाद यहां पक्के निर्माण भी कर लिए गए.

कच्चे के जगह पक्के निर्माण
बताया जा रहा है कि विद्यालय की जमीन पर वर्ष 2010 के समय भी अतिक्रमण था. वहीं कच्चे आवास और बाड़े बने थे. वर्तमान में यहां अब अधितर मकान पक्के बन गए. जानकार बताते हैं कि प्रशासन ने तत्कालीन समय राजनीति दबाव को दरकिनार कर अतिक्रमण के विरुद्ध कार्यवाई अमल में लाई होती तो आज इतना जाप्ता खड़ा नहीं करना पड़ता.

पूर्व में प्रशासन के प्रयास राजनीतिक दबाव के चलते हुए थे प्रभावित
विद्यालय प्रबंध समिति व बीईईओ सिवाना के निवेदन पर प्रथम बार जिला कलेक्टर ने 9 जून 2014 को अतिक्रमण हटाने के लिए तत्कालीन तहसीलदार को आदेश किया थे, जिस पर तहसीलदार ने 24 दिसम्बर 2014 को टीम गठित की थी. अतिक्रमियों की ,राजनीति पहुंच के चलते टीम की कार्रवाई प्रभावित हो गई.

27 जून 2015 को मोकलसर ग्राम पंचायत पर आयोजित रात्रि चौपाल में एक बार फिर विधालय प्रबंध समिति व बीईईओ ने जिला कलेक्टर के सामने अतिक्रमण हटाने की मांग थी, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ने चौपाल में मौजूद उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को 30 दिनों में आदेश की पालना करने का निर्देश किया था, लेकिन राजनीति दबाव के चलते ये निर्देश हवा हवाई हो गए थे. फिलहाल अब प्रशासन ने भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया है. सरकारी भूमि पर 9 अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा रखा था. जिसे हटाने के लिए बृहस्पतिवार को प्रशासन ने अभियान चलाया. इस दौरान विद्यालय परिसर से सटी बड़ी बिल्डिंग का ऊपरी के कुछ भाग को तोड़ा गया. वहीं अतिक्रमण क्षेत्र में आने वाले अन्य स्थाई और अस्थाई निर्माण को हटाने के लिए प्रशासन से तीन दिन का समय दिया है.

Intro:न्यायिक आदेश के बाद आखिरकार हटाना पड़ा अतिक्रमण

विद्यालय भूमि हुई अतिक्रमण मुक्त।

न्यायलय ने 2018 में अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए लेकिन अमल 2019 में हुआ।

सिवाना(बाड़मेर) न्यायलय के आदेश पर विधालय की आवंटित भूमि पर वर्षो से अतिक्रमण कर बैठे लोगो को भारी पुलिस जाप्ते के साथ बेदखल किया गया। गुरुवार प्रात:काल 10 बजे अतिक्रमण दस्ते ने कच्चे व पक्के निर्माणाधीन कब्जों का अतिक्रमण तत्काल प्रभाव से हटा दिए है। राजनितिक के चलते न्यायालय आदेश को भी करीबन 16 माह तक लटकाए रखा , जबकि अतिक्रमण हटाने के आदेश कोर्ट नेे 27 फरवरी 2018 को दे दिए थे, विधालय की अतिक्रमण भूमि के साथ साथ सरकारी भूमि खसरा नम्बर 245/200 को भी अतिक्रमण मुक्त किया गया।, सरकारी भूमि पर 9 अतिक्रमणकारियों ने कब्ज़ा जमा रखा था जिसको आज प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त करवा दिया। विद्यालय परिसर से सटी बड़ी बिल्डिंग का ऊपरी के कुछ भाग को तोड़ा गया, अतिक्रमण क्षेत्र में आने वाली बिल्डिंग को हटाने की कारवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों द्वारा प्रशासन से तीन दिन का समय मांग कर स्वयं ही अतिक्रमण हटाने की बात कही, जिस पर प्रशासन ने मौहलत दी।

Body:न्यायालय के आदेशो की पालना करने के लिए प्रशासन को तगड़ा अतिक्रमण दस्ता तैयार करना पड़ा।

नौ वर्षो से अतिक्रमी के कब्जे में थी विधालय की आंवटित भूमि।

अतिक्रमियो की राजनीति पकड़ के आगे स्थानीय अधिकारी हमेशा लाचार ही नजर आए है लेकिन इस बार न्यायलय की गाज गिरने के डर ने अधिकारियो को हिम्मत दे दी और अतिक्रमी बेदखल हो गए। अतिक्रमण दस्ते के साथ सिवाना उपखंड अधिकारी प्रमोद सिरवी, पुलिस अधीक्षक बालोतरा छुगसिह ,सिवाना तहसीलदार शंकरराम गर्ग,

राजस्व कार्मिक आर आई ,पटवारी सहित सिवाना थानाधिकारी तेजुसिह के साथ कल्याणपुर ,समदड़ी, पचपदरा, सिणधरी थानों की पुलिस मय जाप्ता मौजूद रहा , विरोध की आशंका देखते हुए जिला मुखालय से आर .ए. सी. को भी बुलाया गया, हादसे की आशंका देख अग्निशमन वाहन व एम्बुलेस को भी मौके पर बुलाया गया

यह था मामला

2010 में प्रशासन गाँवो के संग अभियान शिविर के दौरान विधालय प्रबंध समिति व बीईईओ के द्वारा राजकीय उच्च प्राथमिक विधालय धरबलो की धाणी के लिए 2 बिंघा भूमि आवंटन की मांग की गई थी , जिस पर तत्कालीन राजस्व
अधिकारियों ने 30 नवम्बर 2010 को विधालय के नाम खसरा संख्या 244/200 में दो बिंघा भूमि आवंटित कर दी तथा उक्त भूमि पर काबिज अतिक्रमियो को स्वय काअतिक्रमण तत्काल प्रभाव से स्वय द्वारा हटाने के आदेश कर दिए , लेकिन अतिक्रमियो ने न तो अतिक्रमण हटाया न प्रशासन ने उस पर कोई कार्यवाही अमल लाई , जिसके चलते कच्चे निर्माण देखते-देखते पक्के निर्माणों में तब्दील हो गए ।


कच्चे के जगह पक्के निर्माण

2010 के दरम्यान जब विधालय को भूमि आवंटित की गई थी तत्कालीन समय में अतिक्रमण भूमि पर कच्चे आवासों व बाड़ो के रूप में था, जबकि वर्तमान समय इक्का दुक्का को छोड़ सभी तरह का अतिक्रमण पक्के आवासों में तब्दील हो गया है , जानकार बताते है कि प्रशासन ने तत्कालीन समय राजनीति दबाव को दरकिनारे कर अतिक्रमण के विरुद्धकार्यवाही अमल में लाई होती तो आज इतना जाप्ता खड़ा नही करना पड़ता।

इन तारीखों को आदेश हुए हवा

विधालय प्रबंध समिति व बीईईओ सिवाना के निवेदन पर प्रथम बार जिला कलेक्टर ने 9 जून 2014 को अतिक्रमण हटाने के लिए तत्कालीन तहसीलदार को आदेश किया थे, जिस पर तहसीलदार ने 24 दिसम्बर 2014 को टीम गठित Conclusion:की थी ,लेकिन अतिक्रमियो की राजनीति पहुच के चलते टीम दब गई, 27 जून 2015 को मोकलसर ग्राम पंचायत पर आयोजित रात्रि चौपाल में एक बार फिर विधालय प्रबंध समिति व बीईईओ ने जिला कलेक्टर के सामने अतिक्रमण हटाने की मांग थी, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर ने चौपाल में मौजूद उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को 30 दिनों में आदेश की पालना करने का निर्देश किया था लेकिन राजनीति रसुकात के आगे निर्देश हवा में रहे ।
आखिरकार प्रशासन हरकत में आते हुए आज भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया।

बाईट : प्रमोद सिरवी, सिवाना उपखंड अधिकारी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.