बाड़मेर. रामदेवरा से शुरू हुई भारतीय जनता पार्टी के तीसरे चरण की परिवर्तन संकल्प यात्रा अब जिले की शिव और बाड़मेर विधानसभा के बाद अब चौहटन विधानसभा के लिए प्रस्थान कर चुकी है. इससे पहले जिला मुख्यालय पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेसवार्ता में प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विभिन्न मुद्दों पर जमकर घेरा.
साढ़े चार साल में पनपा माफिया राज: केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि राजस्थान में पिछले साढ़े चार साल में भय, भूख और भ्रष्टाचार की राजनीति देखने को मिली. सरकार के मुखिया और सरकार का ध्यान प्रशासन पर न होने के चलते विधायकों के संरक्षण में माफिया राज पनपा. राजस्थान जैसे शांतिप्रिय प्रदेश में जमीन, डीजल, खनन, शराब, बजरी और अफीम तस्करी और मंदिरों की संपत्तियों को हड़पने का माफिया समेत अनेक तरह के माफिया पनपे.
पढ़ें: गजेंद्र सिंह शेखावत का गहलोत सरकार पर हमला, कहा-प्रदेश की महिलाओं का सम्मान खतरे में
देश की रेप कैपिटल बनाने का गहलोत सरकार ने किया पाप: शेखावत ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में गैंगवारों के चलते साढ़े सात हजार से ज्यादा निर्दोष लोगों की जान गई. 2 लाख से ज्यादा महिलाओं के साथ में अत्याचार और अपमानजनक घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा कि जो राजस्थान की पहचान शौर्य सम्मान और संस्कृति से थी, उसे राजस्थान को देश की रेप कैपिटल बनाने का पाप इस गहलोत सरकार ने किया.
सीएम को जनता का नहीं, बेटे का दर्द: सीएम को घेर हुए शेखावत ने कहा कि संजीवनी और इस तरह के किसी कॉ-ऑपरेटिव स्कैम में कहीं भी मेरी या मेरे परिवार की कोई लिप्तता नहीं थी. साढे चार साल तक किसका इंतजार किया, क्यों नहीं उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई और पूछताछ की. राजस्थान में केवल एक नहीं, इस तरह की 14 सोसाइटी हैं जो फेल हुई. उन निवेशकों का दर्द मुख्यमंत्री को नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का दर्द यह है कि उनके बेटे को जोधपुर की जनता ने तीन लाख से पराजित करके भेज दिया.
पढ़ें: प्रदेश में 14 क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटीज में हुए घोटाले, गहलोत बचा रहे घोटालेबाजों को: शेखावत
उन्होंने कहा कि अगर संजीवनी मामले में मेरी लिप्तता होती, तो मुझे एक बार नोटिस दे करके बुलाया तो जाता. शेखावत ने कहा कि किसी एफआईआर में मेरा नाम नहीं है. सीएम अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए और अपनी राजनीतिक पराजय को न पचा पाने के कारण अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मैं तो अभियुक्त नहीं बना, लेकिन मेरी दिवंगत मां पर जब टिप्पणी करने पर मैनें मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया. उसमें न्यायालय ने सीएम को अभियुक्त मान लिया.