बाड़मेर. राज्य सरकार ने बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना शुरू की, लेकिन रोजगार कार्यालय में बेरोजगारी भत्ते के नाम पर रिश्वत दी जा रही है. इसका खुलासा बुधवार को एसीबी की कार्रवाई (ACB Action) में हुआ. जिसमें बेरोजगार युवक ने बेरोजगारी भत्ता देने के लिए रोजगार कार्यालय में फॉर्म भरा तो वहां के कनिष्ठ सहायक (Junior Assistant) ने तीन हजार की रिश्वत मांग ली. इस बात की शिकायत युवक ने एसीबी (ACB) में कर दी. जिसके बाद एक हजार की रिश्वत लेते हुए कनिष्ठ सहायक को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो( Anti Corruption Bureau) की ओर से पिछले कई दिनों से ताबड़तोड़ तरीके से भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में सरहदी बाड़मेर में बेरोजगारी भत्ता दिलवाने की एवज में एक हजार की रिश्वत लेते हुए रोजगार कार्यालय के कनिष्ठ सहायक को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
पढ़ें: अजमेर: ACB की कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने ब्यावर नगर परिषद सभापति को निलंबित करने की मांग की
बाड़मेर एसीबी (Barmer ACB) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामनिवास (Additional Superintendent of Police) ने बताया कि एक दिन पहले परिवादी नेमाराम ने परिवाद पेश किया था कि मार्च 2021 में बेरोजगारी भत्ता स्वीकृति के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसके बाद रोजगार कार्यालय बाड़मेर के कनिष्ठ सहायक सुधीर वर्मा ने बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत कराने के एवज में तीन हजार रुपए रिश्वत की मांग की जिसपर परिवादी ने एक हजार रुपए तत्काल दे दिए थे.
वहीं, बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत होने के बाद बाकी के 2 हजार के लिए परिवादी को लगातार परेशान कर रहा था. उन्होंने बताया कि जिस परिवादी ने एसीबी में इसकी शिकायत की. उसका परिवाद आने के बाद उसका गोपनीय सत्यापन करवाने के बाद कार्रवाई को अंजाम देते हुए रोजगार कार्यालय बाड़मेर के कनिष्ठ सहायक सुधीर वर्मा को एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैक किया गया है. यहां आगे की कार्रवाई की जा रही है.