बारां. कोटा जिले के सांगोद विधायक भरत सिंह का 23 जनवरी को आयोजित बारां में अवैध खनन को लेकर विरोध प्रदर्शन ऐन मौके पर रद्द हो गया है. क्योंकि बारां जिला प्रशासन और पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है. विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ ही विधायक भरत सिंह बारां में विरोध प्रदर्शन करने वाले थे. यह बारां जिले से ही विधायक और खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ था.
इस संबंध में बारां एसपी कल्याणमल मीणा का कहना है कि विधायक भरत सिंह का प्रदर्शन था. इसकी अनुमति जारी नहीं की है. एसपी मीणा ने यह भी बताया कि भरत सिंह के प्रदर्शन के खिलाफ ही दूसरे पक्ष के लोग भी प्रदर्शन पर उतारू हो गए थे. इस टकराव को रोकने के लिए ही प्रशासन ने भरत सिंह को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है.
कांग्रेस कार्यकर्ता ही आपस में टकरा सकते थेः संभावना जताई जा रही है कि भरत सिंह के प्रदर्शन को लेकर बारां के कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भी खासे नाराज नजर आ रहे थे. बारां के दोनों विधायकों ने पत्र जारी कर भरत सिंह को जयचंद कहा था. साथ ही कुछ कार्यकर्ता भरत सिंह के प्रदर्शन के विरोध में ही उतरने की घोषणा कर चुके थे. अगर इस तरह से प्रदर्शन को अनुमति मिलती तो कांग्रेस के कार्यकर्ता ही दो धड़ों में बंटकर आपस में टकरा जाते.
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बिना अनुमति नहीं कर सकते प्रदर्शनः दूसरी तरफ भरत सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं और आम जनता को पत्र के जरिए बारां में आयोजित प्रदर्शन को रद्द करने की सूचना दी है. भरत सिंह ने जारी किए अपने पत्र में बताया है कि बारां में प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है. बिना अनुमति प्रदर्शन करना उचित नहीं है. उन्होंने पत्र में यह भी हवाला दिया है कि बिना अनुमति के प्रदर्शन करके अनुशासन तोड़ना गलत होगा. इसलिए यह प्रदर्शन नहीं होगा.
कांग्रेस को कमजोर करने के लिए आरोपः भरत सिंह के प्रदर्शन को लेकर मंत्री भाया के करीबी और बारां के विधायक पानाचंद मेघवाल और निर्मला सहरिया ने भी विरोध जताया था. दोनों विधायकों ने भरत सिंह को कांग्रेस का जयचंद बताया है. साथ ही लिखा है कि भरत सिंह हाड़ौती में पार्टी को कमजोर करने के लिए ओछी हरकतें कर रहे हैं. आए दिन अनावश्यक रूप से बारां में विरोध प्रदर्शन कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही कहा था कि भरत सिंह की यह हरकतें हाड़ौती और विशेष रूप से बारां जिले में कांग्रेस को कमजोर करने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा है.